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किसान अब आर-पार के मूड में, काले कानूनों को वापस लेकर ही मानेगाः अमराराम, पूर्व विधायक

किसान आंदोलन में केंद्र सरकार और किसानों की 7वीं वार्ता विफल हो जाने के बाद किसान संगठनों ने 10 दिन का जनजागरण अभियान चलाने निर्णय लिया है. इस अभियान में गांव-गांव जाकर और किसानों से मिलकर इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए उन्हें आमंत्रित करेंगे.

Agricultural law News, Farmers protest in Alwar, राजस्थान हिंदी न्यूज
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन
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Published : Jan 8, 2021, 11:03 AM IST

बहरोड़ (अलवर). किसान आंदोलन में केंद्र सरकार और किसानों की 7वीं वार्ता विफल हो जाने के बाद किसान संगठनों ने 10 दिन का जनजागरण अभियान चलाने निर्णय लिया है. इस अभियान में गांव-गांव जाकर और किसानों से मिलकर इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए उन्हें आमंत्रित करेंगे. ये बात कम्युनिस्ट पार्टी के नेता अमराराम ने मीडिया से कही.

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन

कम्युनिस्ट पार्टी के नेता अमराराम ने कहा कि केंद्र सरकार की मंशा अगर सही होती तो वो तीनों बिलो को वापिस कर किसान आंदोलन को समाप्त कर सकती थी. लेकिन, अपनी हठधर्मिता के चलते किसानों को मजबूर किया गया, जिससे किसान अब और मजबूत हो गए हैं और 26 जनवरी को दिल्ली में लाल किले पर आजादी का जश्न मनाएंगे.

यह भी पढ़ेंः बड़ा हादसाः बाड़मेर में निर्माणाधीन कुएं की मिट्टी ढहने से 4 मजदूर दबे, 2 की मौत

अमराराम ने कहा कि अब किसान आर पार के मूड में है, वो काले कानूनों को वापिस करवाकर ही मानेंगे. साथ ही अब इस आन्दोलन में राजस्थान, हरियाणा बॉर्डर पर महाराष्ट्र, उड़ीसा, बंगाल, तमिलनाडु से भी किसान भाग लेने आ रहे है. यह आंदोलन अब आगे बढ़ गया है.

बहरोड़ (अलवर). किसान आंदोलन में केंद्र सरकार और किसानों की 7वीं वार्ता विफल हो जाने के बाद किसान संगठनों ने 10 दिन का जनजागरण अभियान चलाने निर्णय लिया है. इस अभियान में गांव-गांव जाकर और किसानों से मिलकर इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए उन्हें आमंत्रित करेंगे. ये बात कम्युनिस्ट पार्टी के नेता अमराराम ने मीडिया से कही.

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन

कम्युनिस्ट पार्टी के नेता अमराराम ने कहा कि केंद्र सरकार की मंशा अगर सही होती तो वो तीनों बिलो को वापिस कर किसान आंदोलन को समाप्त कर सकती थी. लेकिन, अपनी हठधर्मिता के चलते किसानों को मजबूर किया गया, जिससे किसान अब और मजबूत हो गए हैं और 26 जनवरी को दिल्ली में लाल किले पर आजादी का जश्न मनाएंगे.

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अमराराम ने कहा कि अब किसान आर पार के मूड में है, वो काले कानूनों को वापिस करवाकर ही मानेंगे. साथ ही अब इस आन्दोलन में राजस्थान, हरियाणा बॉर्डर पर महाराष्ट्र, उड़ीसा, बंगाल, तमिलनाडु से भी किसान भाग लेने आ रहे है. यह आंदोलन अब आगे बढ़ गया है.

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