अलवर: बच्चों और प्रसूताओं को गंभीर बीमारी से बचाने के लिए टीकाकरण किया जाता है. बच्चों को जन्म के बाद डिप्थीरिया, खसरा, चिकन पॉक्स जैसी हाई रिस्क बीमारी से बचाया जा सके. इसके लिए समय-समय पर अभियान चलाए जाते है. जिले में वंचित बच्चों को टीके लगाने के लिए मिशन इंद्रधनुष अभियान शुरू किया गया. इसमें बच्चों और प्रसूताओं को टीके लगाए गए. दरसअल बीते दिनों स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सभी ब्लॉक सीएमएचओ अधिकारियों से हाई रिस्क क्षेत्रों का प्लान बनाकर भेजने के निर्देश दिए थे.
इसमें डॉक्टरों की ओर से प्लान बार-बार बदलने के कारण पोर्टल फ्रीज हो गया. इस मामले में जिले के 14 ब्लॉक सीएमएचओ को नोटिस जारी किया है. साथ ही ब्लॉक के चिकित्सा अधिकारियों ने वंचित बच्चों गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के लिए रिकॉर्ड में प्लान की खानापूर्ति कर ली. जहां बीमार बच्चे मिल चुके है. उन एरिया को अभियान में शामिल ही नहीं किया गया. ऐसे में साफ है कि अलवर में टीकाकरण में बड़ी लापरवाही हो रही है. केवल कागजों में टीकाकरण हो रहा है.
अलवर के तिजारा में 53 चिकित्सा संस्थाओं का एड अकाउंट सर्वे का प्लान भेजना था, लेकिन मात्र 29 संस्थाओं ने ही प्लान भेजा 431 बच्चे और 96 गर्भवती महिलाओं में से 303 बच्चे और 96 महिलाओं का टीकाकरण हुआ है. इसी तरह से थानागाजी में 49 चिकित्सा संस्थाओं में से मात्र 7 ने सर्वे प्लान भेजा. टीके से वंचित 53 बच्चे और 9 गर्भवती महिलाएं बताई गई. जिसमें से 56 बच्चों के 10 महिलाओं का टीकाकरण किया गया.
यह भी पढें: राज्यसभा : सदन की कार्यवाही देखें LIVE
बानसूर में 44 संस्थाओं में से 10 संस्थाओं की ओर से टीकाकरण में सर्वे प्लान भेजा गया. सर्वे में 58 बच्चे से वंचित पाए गए. लेकिन 70 बच्चों को टीकाकरण किया गया. बहरोड में 40 में से 5 संस्थाओं ने प्लान भेजा, जिसमें सर्वे में 28 बच्चे बच गए, जबकि 24 बच्चों का टीकाकरण किया गया. कोटकासिम लक्ष्मणगढ़ राजगढ़, रामगढ़ सहित जिले के अन्य क्षेत्रों में भी गड़बड़ी सामने आई.