बहरोड़ (अलवर). विवाह के नाम पर होती शान शौकत से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के चलते और फिजूल खर्चे होने की परंपरा से बचनें का संदेश देते हुए मंगलवार को भुनगड़ा अहीर निवासी दलीप सिंह यादव ने मुण्डऩवाड़ा खुर्द स्थित बाबा खेतानाथ गौशाला परिसर में दुल्हन बेबी के साथ सात फेरे लेते हुए वैवाहिक बंधन में बंधकर अनूठा उदाहरण वर्तमान युग के समक्ष पेश किया है.
भुनगड़ा अहीर निवासी दलीप सिंह यादव अपने माता-पिता की इकलौती संतान होने के साथ ही 13 बीघा जमीन और करोडों की जायदाद के मालिक है इसके बावजूद उन्होनें अपने विवाह पर फिजूल खर्च के साथ तड़क-भड़क की शान शौकत से बचने के लिए अपना वैवाहिक जीवन गौशाला में मौजूद गौमाताओं को अपने हाथों गुड़ औरपूड़ी खिलाकर सात फेरों के साथ प्रारंभ करनें का संकल्प लिया.
सर्वप्रथम भुनगड़ा अहीर गांव के ग्रामीणों की मौजूदगी में वधू पक्ष के दीनदयाल,भीम सिंह सहित की और से गौशाला परिसर में ही गौरवा रस्म कराई. तत्पश्चात फेरों के लिए हवन के साथ पण्डित पुरूषोत्तम ने पूर्ण मंत्रोच्चार के साथ फेरे संपन्न कराये. वहीं वधू पक्ष की और से कन्यादान की प्रक्रिया भी सम्पन्न कराई गई. वहीं ग्रामीणों की और से वर-वधू को सुखद जीवन के लिए आशीर्वाद दिया गया.
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गौशाला परिसर में साधारण प्रक्रिया के तहत विधि विधान से संपन्न कराई शादी में वर पक्ष की और से गौशाला में मौजूद गौवंश सेवार्थ ग्यारह हजार रूपयों का दान दिया गया. वहीं गौशाला समिति अध्यक्ष और समाजसेवी रामप्रसाद की ओर से पांच हजार एक सौ रूपये कन्यादान के रूप में भेट किये गये. गौशाला में संपन्न हुई शादी से उत्साहित गौशाला समिति जिलाध्यक्ष रामनिवास यादव ने मौजूद ग्रामीणों को शादियों के नाम पर फिजूल खर्ची से बचने के लिए ऐसी परंपरा का पालन करने का आग्रह किया.