अलवर. जिले का मत्स्य विश्वविद्यालय एक बार फिर सुर्खियों में है. विश्विविद्यालय की ओर से हाल में बीएससी प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष व तृतीय वर्ष के परिणाम जारी किए गए. इसमें आधे से ज्यादा बच्चे फेल हैं, किसी को जीरो तो किसी को एक नंबर मिला है. इसके विरोध में विश्वविद्यालय में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया. छात्रों का आरोप है कि उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. जिन स्टूडेंट के बारहवीं, फर्स्ट ईयर व सेकंड ईयर में 70 और 80 प्रतिशत अंक आए हैं, उन्हें तीन से चार विषय में फेल कर दिया गया है. ऐसे में स्टूडेंट कॉपियां फिर से चेक करवाने की मांग कर रहे हैं.
हाल ही में विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से बीएससी प्रथम वर्ष द्वितीय वर्ष और तृतीय वर्ष का परिणाम जारी किया गया. इस परिणाम में आधे स्टूडेंट फेल हो गए हैं, कोई एक तो कोई दो से तीन विषयों में फेल हुए हैं. इसके विरोध में जिलेभर से स्टूडेंट विश्विविद्यालय परिसर पहुंचे और विरोध-प्रदर्शन किया. उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने सोच समझकर फेल किया है. छात्रों ने कहा कि 12वीं, बीएससी प्रथम वर्ष और द्वितीय वर्ष में स्टूडेंट के बेहतर अंक आए, लेकिन उनको एक दो नंबर मिले हैं.
राजगढ़ से पहुंचे स्टूडेंट ने कहा कि 12वीं में उसके 80 प्रतिशत अंक आए. वहीं, फर्स्ट ईयर में 70 प्रतिशत उसने अंक हासिल किए. अचानक इस वर्ष में दो से तीन विषय में उसे फेल कर दिया गया है. इसी तरह से अन्य छात्रों ने भी अपनी समस्या बताई. विश्वविद्यालय परिसर में जमकर हंगामा किया. हालात बिगड़ते देख विश्वविद्यालय पदाधिकारियों ने छात्रों से बातचीत करते हुए उनकी समस्या का समाधान निकालने का आश्वासन दिया. इस पर स्टूडेंटों ने कहा कि विश्वविद्यालय की ओर से जल्द ही समस्या का समाधान नहीं निकाला गया तो छात्र सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करेंगे.
उन्होंने कहा कि अभी विश्वविद्यालय में कुलपति नहीं हैं, उनके आने तक सभी छात्रों की समस्या का समाधान होना चाहिए. छात्र अपनी कॉपी फिर से चेक कराने की मांग कर रहे हैं. वहीं, इस मामले में मत्स्य विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार ज्योति मीणा ने बताया कि सभी परीक्षाओं की कॉपियां नियम अनुसार चेक हुई हैं. इस मुद्दे पर कुछ कहना ठीक नहीं होगा. इस संबंध में जो भी फैसला लेना होगा, वो वाइस चांसलर की ओर से लिया जाएगा.