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अलवर में मेरिट होल्डर स्टूडेंटस को विश्वविद्यालय ने किया फेल, छात्रों ने कहा ऐसा कैसे हो सकता है

अलवर के मत्स्य विश्वविद्यालय ने बीएससी परीक्षा परिणाम में 70 प्रतिशत से ज्यादा स्टूडेंट्स को फेल कर दिया है या फिर कम अंक दिए हैं. अब उन्हें (छात्रों) को रिवैल्युएशन की फॉर्म भरकर कॉपी दोबारा चेक कराने का दबाव बनाया जा रहा है.

मत्स्य विश्वविद्यालय में बीएससी परिणाम में भारी अनियमितता
मत्स्य विश्वविद्यालय में बीएससी परिणाम में भारी अनियमितता
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Published : Jul 7, 2023, 6:43 AM IST

Updated : Jul 7, 2023, 8:05 AM IST

अलवर के मत्स्य विश्वविद्यालय में छात्र छात्राओं का प्रदर्शन

अलवर. अलवर के मत्स्य विश्वविद्यालय में बीएससी परिणाम में भारी अनियमितता का मामला सामने आ रहा है. बीएससी प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष व तृतीय वर्ष में 70 प्रतिशत छात्रों को फेल कर दिया गया है. इसके विरोध में गुरुवार को विश्वविद्यालय परिसर में छात्राओं व छात्रों ने विरोध प्रदर्शन करते हंगामा किया. वाइस चांसलर के सामने अपनी समस्या रखी. छात्रों ने कहा कि ऐसे कैसे हो सकता है कि मेरिट होल्डर छात्रों के 0 अंक आ जाए.

मत्स्य विश्वविद्यालय हमेशा से विवादों में रहा है. विश्वविद्यालय ने हाल ही में बीएससी का परिणाम जारी किया जिसमें भारी अनियमितता सामने आ रही है. बीएससी के सभी वर्ग में 70 प्रतिशत छात्रों को फेल कर दिया गया है. ऐसे में विश्वविद्यालय के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. परेशान छात्रों ने गुरुवार को विश्वविद्यालय परिसर में जमकर हंगामा किया व धरना देते हुए विरोध प्रकट किया. अलवर के गोरी देवी महाविद्यालय की छात्राओं ने कहा बीएससी प्रथम वर्ष द्वितीय वर्ष के 70 प्रतिशत छात्रों को फेल कर दिया गया है या कुछ को कम नंबर दिए हैं. किसी विषय में जीरो नंबर भी आए है. जिन छात्रों ने 12वीं दसवीं में मेरिट हासिल की फर्स्ट ईयर सेकंड ईयर में बेहतर अंक आए. उनके थर्ड ईयर में अचानक का कम नंबर कैसे आ सकते हैं. तो वहीं कुछ स्टूडेंटस के प्रथम वर्ष द्वितीय वर्ष में कम अंक आए हैं.

छात्र और छात्राओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने जान बुझकर ऐसा किया है. जिससे छात्र रिवैल्यूएशन का फॉर्म भरे और विश्वविद्यालय को पैसा मिले. इस दौरान कई तरह की गड़बड़ी होती है. इस संबंध में स्टूडेंट ने वाइस चांसलर से मुलाकात करके अपनी समस्या रखी. विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर ने कहा कि जिन छात्रों के नंबर कम है या जो छात्र फेल हो गए हैं. वो लोग मनगढ़ंत आरोप लगाकर विश्वविद्यालय पर दबाव बना रहे हैं. साथ ही कहा कि कॉपी चेक करने में किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है.

पढ़ें Alwar Big News : मत्स्य विश्वविद्यालय में छात्रों ने ली भूसमाधि, लगाया भ्रष्टाचार और घोटाले का आरोप

विश्वविद्यालय का जो पुराना नियम था. उसी के आधार पर छात्रों की कॉपियां चेक कराई गई हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि जिन स्टूडेंट को दिक्कत है, वो रिवैल्यूएशन का फॉर्म भर सकता है. उसकी कॉपी दोबारा चेक की जाएगी. इस कॉपी की जानकारी भी छात्र को व्यक्तिगत रूप से दी जाएगी. कुछ छात्र नेताओं के दबाव में आकर स्टूडेंट न्यूसेंस क्रिएट करने का काम कर रहे हैं. विश्वविद्यालय की तरफ से समय पर परीक्षा कराई गई हैं. साथ ही समय पर रिजल्ट भी जारी किया गया है.

छात्रों के बीच बैठकर वीसी ने की बात : छात्रों के प्रदर्शन के दौरान विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर ने स्टूडेंट के बीच बैठकर उनकी बात सुनी. उनको समस्या का समाधान बताया. वाइस चांसलर ने कहा कि जो छात्र रेगुलेशन का फॉर्म भरेगा. उसकी कॉपी चेक होगी. छात्र को कॉपी दिखाने की भी व्यवस्था विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से की जाएगी.

अलवर के मत्स्य विश्वविद्यालय में छात्र छात्राओं का प्रदर्शन

अलवर. अलवर के मत्स्य विश्वविद्यालय में बीएससी परिणाम में भारी अनियमितता का मामला सामने आ रहा है. बीएससी प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष व तृतीय वर्ष में 70 प्रतिशत छात्रों को फेल कर दिया गया है. इसके विरोध में गुरुवार को विश्वविद्यालय परिसर में छात्राओं व छात्रों ने विरोध प्रदर्शन करते हंगामा किया. वाइस चांसलर के सामने अपनी समस्या रखी. छात्रों ने कहा कि ऐसे कैसे हो सकता है कि मेरिट होल्डर छात्रों के 0 अंक आ जाए.

मत्स्य विश्वविद्यालय हमेशा से विवादों में रहा है. विश्वविद्यालय ने हाल ही में बीएससी का परिणाम जारी किया जिसमें भारी अनियमितता सामने आ रही है. बीएससी के सभी वर्ग में 70 प्रतिशत छात्रों को फेल कर दिया गया है. ऐसे में विश्वविद्यालय के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. परेशान छात्रों ने गुरुवार को विश्वविद्यालय परिसर में जमकर हंगामा किया व धरना देते हुए विरोध प्रकट किया. अलवर के गोरी देवी महाविद्यालय की छात्राओं ने कहा बीएससी प्रथम वर्ष द्वितीय वर्ष के 70 प्रतिशत छात्रों को फेल कर दिया गया है या कुछ को कम नंबर दिए हैं. किसी विषय में जीरो नंबर भी आए है. जिन छात्रों ने 12वीं दसवीं में मेरिट हासिल की फर्स्ट ईयर सेकंड ईयर में बेहतर अंक आए. उनके थर्ड ईयर में अचानक का कम नंबर कैसे आ सकते हैं. तो वहीं कुछ स्टूडेंटस के प्रथम वर्ष द्वितीय वर्ष में कम अंक आए हैं.

छात्र और छात्राओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने जान बुझकर ऐसा किया है. जिससे छात्र रिवैल्यूएशन का फॉर्म भरे और विश्वविद्यालय को पैसा मिले. इस दौरान कई तरह की गड़बड़ी होती है. इस संबंध में स्टूडेंट ने वाइस चांसलर से मुलाकात करके अपनी समस्या रखी. विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर ने कहा कि जिन छात्रों के नंबर कम है या जो छात्र फेल हो गए हैं. वो लोग मनगढ़ंत आरोप लगाकर विश्वविद्यालय पर दबाव बना रहे हैं. साथ ही कहा कि कॉपी चेक करने में किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है.

पढ़ें Alwar Big News : मत्स्य विश्वविद्यालय में छात्रों ने ली भूसमाधि, लगाया भ्रष्टाचार और घोटाले का आरोप

विश्वविद्यालय का जो पुराना नियम था. उसी के आधार पर छात्रों की कॉपियां चेक कराई गई हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि जिन स्टूडेंट को दिक्कत है, वो रिवैल्यूएशन का फॉर्म भर सकता है. उसकी कॉपी दोबारा चेक की जाएगी. इस कॉपी की जानकारी भी छात्र को व्यक्तिगत रूप से दी जाएगी. कुछ छात्र नेताओं के दबाव में आकर स्टूडेंट न्यूसेंस क्रिएट करने का काम कर रहे हैं. विश्वविद्यालय की तरफ से समय पर परीक्षा कराई गई हैं. साथ ही समय पर रिजल्ट भी जारी किया गया है.

छात्रों के बीच बैठकर वीसी ने की बात : छात्रों के प्रदर्शन के दौरान विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर ने स्टूडेंट के बीच बैठकर उनकी बात सुनी. उनको समस्या का समाधान बताया. वाइस चांसलर ने कहा कि जो छात्र रेगुलेशन का फॉर्म भरेगा. उसकी कॉपी चेक होगी. छात्र को कॉपी दिखाने की भी व्यवस्था विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से की जाएगी.

Last Updated : Jul 7, 2023, 8:05 AM IST
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