अलवर. प्रदेश की राजनीति में चल रही उठापटक के बीच लगातार बयानबाजी का दौर जारी है. अलवर के पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सचिन पायलट का समर्थन करते हुए सचिन पायलट की बातें मानने की बात कही. उसके बाद से लगातार प्रदेश की राजनीति गर्मा रही है. अब अलवर शहर विधायक संजय शर्मा ने सचिन पायलट का समर्थन करते हुए कहा कि कांग्रेस का यह अंदरूनी मुद्दा है. कांग्रेस आलाकमान ने झगड़े को समाप्त करने के लिए जो बीच का रास्ता अपनाया था. उसमें जिन बातों पर सहमति हुई, उनको पूरा करना चाहिए. विधायक ने मुख्यमंत्री से आपसी झगड़े निपटा कर प्रदेश की जनता के लिए काम करने की अपील की.
अलवर शहर से भाजपा के विधायक संजय शर्मा ने प्रदेश की सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार सरकार होटलों में बंद रही. तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष प्रदेश व मुख्यमंत्री के बीच विवाद हुए. यह विवाद आम जनता के सामने आए. सचिन पायलट दिल्ली में अपने समर्थक विधायकों के साथ होटलों में रहे. तो सरकार सभी विधायकों के साथ प्रदेश के अलग-अलग होटलों में बंद रही.
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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बसपा के विधायकों को कांग्रेस में शामिल करके निर्दलीयों के भरोसे सरकार बनाई है. इस मिली जुली सरकार में ऐसा होना वाजिब है. उस समय झगड़े को निपटाने के लिए पार्टी आलाकमान ने जो बीच का रास्ता निकाला था. उस दौरान सचिन पायलट ने अपनी जो मांगे रखी थी. पार्टी को उन पर ध्यान देना चाहिए.
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संजय शर्मा ने कहा प्रदेश के हालात खराब हो रहे हैं. लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल रही. पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा. राशन के लिए लोग परेशान हो रहे हैं. ऐसे में सरकार को आपसी झगड़े निपटा कर जनता के लिए काम करना चाहिए. प्रदेश की जनता ने जिस तरह का गहलोत सरकार को बहुमत दिया है. अब उसी के हिसाब से उनको आगे काम करने की आवश्यकता है. प्रदेश की जनता त्रस्त हो चुकी है. हालात खराब हैं, ऐसे में लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. लगातार प्रदेश के हालात पर बयानबाजी हो रही है व चर्चाओं का दौर जारी है.
जानकारी के लिए बता दें कि पिछले वर्ष जुलाई में सचिन पायलट मुख्यमंत्री गहलोत के प्रति नाराजगी दिखाते हुए अपने समर्थक विधायकों के साथ हरियाणा चले गए थे. उस समय पायलट को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया था. जिसके बाद पार्टी आलाकमान के हस्तक्षेप के बाद पायलट वापस लौट आये. और आलाकमान ने उनके द्वारा उठाये गये मुद्दो के समाधान के लिये एक समिति का गठन किया था.