अलवर. जिले में होने वाले सड़क हादसों को रोकने के लिए पुलिस मुख्यालय की तरफ से IIT मद्रास को हादसे रोकने की जिम्मेदारी दी गई है. इसके लिए आईआईटी मद्रास की ओर से एक सॉफ्टवेयर बनाया गया है. 15 मार्च अलवर जिले में होने वाले सभी सड़क हादसों की एंट्री इस सॉफ्टवेयर में की जाएगी. पुलिसकर्मियों को इस सॉफ्टवेयर की ट्रेनिंग दी गई है. साथ ही हादसे रोकने के लिए प्रभावी इन्वेस्टिगेशन पुलिस की तरफ से की जाएगी.
अलवर के पुलिस अन्वेषण भवन में पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने शनिवार को पुलिस के आला अधिकारियों की क्राइम मीटिंग ली. इसमें जिले के सभी थाना प्रभारी डिप्टी एसपी, एसपी सहित सभी अधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान ट्रैफिक पुलिस और अन्य पुलिसकर्मियों को आईआईटी मद्रास की ओर से बनाए गए सॉफ्टवेयर की ट्रेनिंग दी गई. साथ ही न्यायालय में आरोपियों को सख्त सजा दिलवाने के दौरान पुलिस की तरफ से होने वाली लापरवाही को देखते हुए अधिवक्ताओं ने भी पुलिस से सीधा संवाद किया.
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पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने कहा अलवर जिले में होने वाले सड़क हादसों को देखते हुए मुख्यालय और सरकार की तरफ से सड़क हादसे रोकने के लिए आईआईटी मद्रास को अलवर लगाया गया है. आईआईटी के इंजीनियर ने एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है. इस सॉफ्टवेयर में सड़क हादसे की जगह, सड़क हादसे का कारण, गूगल मैप के माध्यम से घटनास्थल सहित छोटी से छोटी जानकारी उसमें दर्ज की जाएगी. इसके लिए पुलिस कर्मियों को सॉफ्टवेयर के ट्रेनिंग दी गई है. साथ ही सड़क हादसों के मामले में पुलिस की तरफ से प्रभावी इन्वेस्टिगेशन भी किया जाएगा.
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पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने कहा साथी न्यायालय में कई बार पुलिस की तरफ से कमजोर पक्ष होने के कारण आरोपी छूट जाते हैं व उनको बेल मिल जाती है. ऐसे में क्राइम मीटिंग में अधिवक्ताओं को भी बुलाया गया है. अधिवक्ता सीधे पुलिस से संवाद करेंगे. पुलिस कर्मी की ओर से जांच पड़ताल में बरती जाने वाली सावधानी के बारे में जानकारी दी जाएगी. साथ ही थानाधिकारी स्तर के अधिकारियों को किसी भी घटना के बाद न्यायालय में मामले से संबंधित पक्ष को रखने से जुड़े प्रत्येक बिंदु के बारे में बताया जाएगा. एसपी ने कहा कि पुलिस सकारात्मक रूप में काम कर रही है. अलवर की जनता को बेहतर पुलिसिंग मिले इसके प्रयास लगातार जारी हैं.