अजमेर. प्रदेश के पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री व अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी ने शनिवार को कांग्रेस पर निशाना साधा. देवनानी ने कहा कि कांग्रेस तुष्टीकरण की सियासत में विश्वास करती है, लेकिन भाजपा सबका साथ, सबका विकास को लेकर चलती है. उन्होंने कहा कि भाजपा का ध्रुवीकरण राष्ट्रवादियों और गैर राष्ट्रवादियों के बीच होता है न कि किसी धर्म विशेष को लेकर. दरअसल, देवनानी ने उक्त बातें शनिवार को मीडियाकर्मियों को संबोधित करने के दौरान कहीं.
आगे उन्होंने राज्य की गहलोत सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कांग्रेस जनता को महंगाई राहत कैंप आने के लिए मजबूर कर रही है. जबकि ये काम ऑनलाइन भी किया जा सकता है. लेकिन गहलोत सरकार कैंप के जरिए जनता को राहत के नाम पर आफत में धकेलने का काम कर रही है. देवनानी ने आगे कहा कि अगर जनता को महंगाई से राहत ही देनी है तो सीएम अशोक गहलोत पेट्रोल-डीजल में वैट टैक्स कम करके भी दे सकते हैं.
राहत कैंप को बताया आफत कैंप - वहीं, उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार ने बिजली पर टैक्स लगाकर जनता पर अतिरिक्त भार डालने का काम किया है. ऐसे में अब सीएम गहलोत अजमेर में कितने भी दौरे कर लें. यहां की जनता उनके कुशासन को अच्छे से समझ चुकी है और उन्हें अबकी बार सत्ता से बेदखल करने का मान बना लिया है. उन्होंने कहा कि गहलोत अपने सिपहसालार धर्मेंद्र राठौड़ को यहां स्थापित करने की सोच रहे हैं. वहीं, राठौड़ पिछले दो-तीन माह से यहां सक्रिय भी हैं. लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें कुछ हासिल होने वाला नहीं है.
खैर, राठौड़ इससे पहले बानसूर में सक्रिय थे और निर्दलीय चुनाव भी लड़ कर हार चुके हैं. कांग्रेस के लोग ही उन्हें नहीं झेल पा रहे हैं. सब ने देखा है कि जिले में कांग्रेस के दो विधायक होने के बाद भी लोगों की परेशानी जस की तस बनी हुई है. ये दोनों विधायक भी जनता से दूरी बनाए रखते हैं.
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सीएम छुपा रहे अपना नकारापन - देवनानी ने सीएम अशोक गहलोत पर आरोप लगाते हुए कहा कि गहलोत अपने नकारापन को छुपा रहे हैं. जयपुर ब्लास्ट के आरोपियों की रिहाई हो गई और वो भी इसलिए क्योंकि हाईकोर्ट में सरकार ने मामले की ठीक से पैरवी नहीं की. निचली अदालत ने आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई थी. हाईकोर्ट में मुकदमा जाने के बाद सरकार के वकील पैरवी करने के लिए कोर्ट ही नहीं जाते थे. ऐसे में हाईकोर्ट ने आरोपियों को बरी कर दिया. निचली अदालत में आरोपियों को फांसी की सजा तब मिली थी, जब भाजपा की प्रदेश में सरकार थी. इस सरकार में 48 बार वकील कोर्ट में उपस्थित ही नहीं हुए. ऐसे में उनकी मंशा खुद ब खुद जाहिर हो जाती है.
भाजपा की वजह से मजबूर हुई कांग्रेस - देवनानी ने कहा कि जब इस मुद्दे को भाजपा ने उठाया और जनता का दबाव गहलोत सरकार पर पड़ा तब जाकर सरकार ने एसएलपी सुप्रीम कोर्ट में लगाई. जबकि गहलोत सरकार से पहले उन परिवार के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में शरण ली, जिन्होंने अपनों को खोया है. गहलोत सरकार दबाव में सुप्रीम कोर्ट गई है. उन्हें पता है कि यह चुनावी मुद्दा बनेगा. देवनानी ने कहा कि यदि सरकार की मंशा होती तो कोटा में पीएफआई को जुलूस निकालने स्वीकृति न मिलती.
इन मुद्दों को भी उठाया - सरकार के मंत्री गोविंद राम मेघवाल बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात कहते हैं. धर्म पताका फहराने के लिए सरकार प्रतिबंध क्यों लगाती है. मुख्यमंत्री के गृह जिले में सरेआम एक युवक की चाकू मारकर हत्या कर दी जाती है. उदयपुर में कन्हैयालाल पुलिस से सुरक्षा मांगता है, लेकिन उसको सुरक्षा नहीं दी जाती है. सालासर और करौली के कृत्य किसी से छुपे हुए नहीं हैं.
गहलोत बहनों की फिक्र नहीं - देवनानी ने तंज कसते हुए कहा कि सीएम अशोक गहलोत रक्षाबंधन पर भाई बनाकर प्रदेश की महिलाओं को मोबाइल फोन देने जा रहे हैं. इससे अच्छा होता कि वह अच्छे भाई बनकर बहनों की रक्षा कर पाते. देवनानी ने कहा कि महिला अत्याचार और बलात्कार के मामलों में राजस्थान देश में नंबर वन है.
अजमेर रिकॉर्ड बनाएगा - पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री व अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत सही कह रहे हैं कि अजमेर रिकॉर्ड बनाएगा. लेकिन कांग्रेस को जीता कर नहीं, बल्कि आठों सीटों पर हराकर रिकॉर्ड बनाएगा. इसी तरह राजस्थान में भी कांग्रेस के उतने ही विधायक जीत आएंगे. जितने की फॉर्च्यूनर गाड़ी में लोग आते हैं.