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Special : अजमेर में गिरा सड़क हादसों में मरने वालों का ग्राफ....जागरूकता का नहीं, ये कोरोना का असर

शराब पीकर वाहन चलाने के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में हर साल हजारों लोगों की मौत होती है. देशभर में ट्रैफिक पुलिस लगातार सड़क सुरक्षा कार्यक्रमों और जागरूकता अभियान का संचालन करती है, लेकिन फिर भी सड़क हादसों के आंकड़ों के ग्राफ में कमी नहीं आती. अजमेर में साल 2020 में सड़क हादसों में जान गंवाने वालों की तादाद में कमी आई है, लेकिन इस कमी का कारण जागरूकता नहीं है. देखिये यह खास रिपोर्ट...

Corona Transition Road Accident Ajmer, Ajmer Road Accident Traffic Police, Ajmer figures driving drunk, Ajmer Speed ​​Violation Cases, अजमेर में साल 2020 में सड़क हादसे,  New traffic rules in Ajmer
अजमेर में कोरोना काल के दौरान सड़क हादसों में आई कमी
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Published : Dec 17, 2020, 7:32 PM IST

अजमेर. जिले में ड्रंक एंड ड्राइव केस में हर साल 150 से ज्यादा लोग हादसों में अपनी जान गंवाते हैं. इस साल राहत की बात ये है कि कोरोना काल में लॉकडाउन की वजह से सड़कों पर यातायात का दबाव कम रहा. जिस कारण ड्रंक एंड ड्राइव यानी शराब पीकर वाहन चलाने के मामलों में काफी कमी आई.

अजमेर में सड़क हादसों में आई कमी, जागरूकता से नहीं, बल्कि कोरोना के कारण

नाइट कर्फ्यू की वजह से हादसों में कमी...

नशा कर वाहन चलाने वालों के खिलाफ पुलिस अभियान जारी है, लेकिन कोरोना गाइडलाइंस के अनुसार ब्रीथ इन्हेलर का उपयोग नहीं करने के कारण पुलिस को भी नशा कर वाहन चलाने वालों को पकड़ने में मुश्किल हो रही हैं. पुलिस नाकाबंदी में चालकों से पूछताछ करती है और चालक के नशा कर वाहन चलाने का पूछताछ के दौरान शक होने पर चालक का अस्पताल में मेडिकल मुआयना करवाया जाता है. राजस्थान में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए रात 8 बजे बाद कर्फ्यू लगाया है. शहर के मुख्य चौराहों पर पुलिस की नाकेबंदी रात को होती हैं. यही कारण है कि ड्रंक एंड ड्राइव से होने वाले हादसों में कमी आई है.

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जिले में शराब पीकर वाहन चलाने के मामले में हर साल 150 से ज्यादा लोगों की होती है मौत

पढ़ें- अजमेर: अभय कमान सेंटर से कमांड मिलते ही अब दौड़ेगा चेतक

हर सड़क पर तय है वाहन गति सीमा...

हादसों का दूसरा बड़ा कारण स्पीड वायलेशन है. तेज रफ्तार वाहन चलाने से हमेशा हादसे का अंदेशा बना रहता है. तेज रफ्तार की वजह से देश और राज्य में हजारों लोग प्रतिवर्ष अपनी जान गांवते हैं. सड़क हादसों की रोकथाम को लेकर 6 अप्रैल 2018 को गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया था. इसके तहत विभिन्न प्रकार की सड़कों पर विभिन्न प्रकार के वाहनों की स्पीड निर्धारित की गई थी. जैसे कि 8 सीटर छोटे वाहनों की एक्सप्रेस वे पर अधिकतम स्पीड 120 किमी प्रतिघंटा तय की गई है. निकाय क्षेत्रों की सड़कों पर यह सीमा 70 किमी प्रतिघंटा है. इसी प्रकार 8 से अधिक सीट वाले वाहनों की एक्सप्रेस हाईवे पर अधिकतम स्पीड 100 किमी प्रतिघंटा तक हो सकती है. जबकि निकाय क्षेत्रों में यह 70 किमी प्रति घंटा है. मालवाहक वाहनों के लिए एक्सप्रेस वे पर 80 की स्पीड और निकाय क्षेत्रों में 60 की रफ्तार निर्धारित है. शहर के भीतर की सड़कों और अस्पताल एवं शिक्षण संस्थानों के बाहर सभी वाहनों की गति का अलग मापदंड हैं. इन क्षेत्रों में वाहनों की गति 20 से 30 होनी चाहिए.

पढ़ें- अजमेर : पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्मार्ट सिटी के संग्रहालय के नजदीक बन रहा पार्क

अजमेर में लापरवाह चालकों के खिलाफ अभियान...

इन मापदंडों के अनुसार वाहनों की गति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस के इंटरसेप्टर हाईवे और शहर में तैनात हैं. इन दिनों सर्दियों के मौसम में सुबह कोहरे की वजह से वाहन चलाने में परेशानी रहती है. बावजूद इसके कई लोग कोहरे की परवाह न करते हुए तेज रफ्तार उसे वाहन चलाना नहीं छोड़ते. अजमेर यातायात पुलिस के उपअधीक्षक मुकुल शर्मा ने बताया कि तेज गति से वाहन चलाने वालों के विरुद्ध अभियान जारी है. रोजाना 10 से 12 वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

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हादसे कम होने का कारण जागरूकता नहीं, कोरोना संक्रमण...

जागरूकता के कारण नहीं, कोरोना के कारण हादसे कम...

इधर, मोटर व्हीकल एक्ट मामलों के जानकार संदीप धाबाई की मानें तो ड्रंक और ड्राइव से होने वाले हादसों की रोकथाम के लिए नियम कायदों की पालना करवाना आवश्यक है. उससे ज्यादा जरूरी है कि लोगों में जागरूकता आए. लोग बस या अन्य वाहनों में सफर कर रहे हैं और चालक ने शराब पी रखी है तो लोगों को चाहिए कि उसे वाहन चलाने से रोकें. जब तक लोगों में जागरूकता नहीं आएगी तब तक ऐसे हादसों में कमी आना संभव नहीं है. उन्होंने बताया कि इसके लिए पुलिस स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से जागरूकता अभियान चलाए, ताकि लोगों को यह समझ आए कि नशा करके वाहन चलाना खुद के लिए ही नहीं, बल्कि दूसरों के लिए भी प्राणघातक हो सकता है.

पढ़ें- अजमेर: आनासागर पाथवे सहित 12 प्रमुख कार्यों का जिला कलेक्टर ने किया निरीक्षण...

अजमेर : सड़क हादसों की स्थिति...

वर्ष 2017- 610 मृतक, 1064 घायल
वर्ष 2018- 536 मृतक, 969 घायल
वर्ष 2019- 529 मृतक, 1141 घायल

सही भी है कि नियम कायदे की पालना करवाना जरूरी है. नियम कायदों के प्रति लोगों का जागरूक होना भी उतना ही जरूरी है. ईटीवी भारत भी यह अपील करता है कि नशा करके वाहन न चलाएं, वाहन लापरवाही या तेज गति से न चलाएं, यातायात के नियमों का पालन करें और सबसे बड़ी बात सड़क पर वाहन लेकर निकलते वक्त यह बात जरूर सोचें कि आपको सुरक्षित अपने परिवार के बीच लौटना है.

अजमेर. जिले में ड्रंक एंड ड्राइव केस में हर साल 150 से ज्यादा लोग हादसों में अपनी जान गंवाते हैं. इस साल राहत की बात ये है कि कोरोना काल में लॉकडाउन की वजह से सड़कों पर यातायात का दबाव कम रहा. जिस कारण ड्रंक एंड ड्राइव यानी शराब पीकर वाहन चलाने के मामलों में काफी कमी आई.

अजमेर में सड़क हादसों में आई कमी, जागरूकता से नहीं, बल्कि कोरोना के कारण

नाइट कर्फ्यू की वजह से हादसों में कमी...

नशा कर वाहन चलाने वालों के खिलाफ पुलिस अभियान जारी है, लेकिन कोरोना गाइडलाइंस के अनुसार ब्रीथ इन्हेलर का उपयोग नहीं करने के कारण पुलिस को भी नशा कर वाहन चलाने वालों को पकड़ने में मुश्किल हो रही हैं. पुलिस नाकाबंदी में चालकों से पूछताछ करती है और चालक के नशा कर वाहन चलाने का पूछताछ के दौरान शक होने पर चालक का अस्पताल में मेडिकल मुआयना करवाया जाता है. राजस्थान में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए रात 8 बजे बाद कर्फ्यू लगाया है. शहर के मुख्य चौराहों पर पुलिस की नाकेबंदी रात को होती हैं. यही कारण है कि ड्रंक एंड ड्राइव से होने वाले हादसों में कमी आई है.

Corona Transition Road Accident Ajmer, Ajmer Road Accident Traffic Police, Ajmer figures driving drunk, Ajmer Speed ​​Violation Cases, अजमेर में साल 2020 में सड़क हादसे,  New traffic rules in Ajmer
जिले में शराब पीकर वाहन चलाने के मामले में हर साल 150 से ज्यादा लोगों की होती है मौत

पढ़ें- अजमेर: अभय कमान सेंटर से कमांड मिलते ही अब दौड़ेगा चेतक

हर सड़क पर तय है वाहन गति सीमा...

हादसों का दूसरा बड़ा कारण स्पीड वायलेशन है. तेज रफ्तार वाहन चलाने से हमेशा हादसे का अंदेशा बना रहता है. तेज रफ्तार की वजह से देश और राज्य में हजारों लोग प्रतिवर्ष अपनी जान गांवते हैं. सड़क हादसों की रोकथाम को लेकर 6 अप्रैल 2018 को गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया था. इसके तहत विभिन्न प्रकार की सड़कों पर विभिन्न प्रकार के वाहनों की स्पीड निर्धारित की गई थी. जैसे कि 8 सीटर छोटे वाहनों की एक्सप्रेस वे पर अधिकतम स्पीड 120 किमी प्रतिघंटा तय की गई है. निकाय क्षेत्रों की सड़कों पर यह सीमा 70 किमी प्रतिघंटा है. इसी प्रकार 8 से अधिक सीट वाले वाहनों की एक्सप्रेस हाईवे पर अधिकतम स्पीड 100 किमी प्रतिघंटा तक हो सकती है. जबकि निकाय क्षेत्रों में यह 70 किमी प्रति घंटा है. मालवाहक वाहनों के लिए एक्सप्रेस वे पर 80 की स्पीड और निकाय क्षेत्रों में 60 की रफ्तार निर्धारित है. शहर के भीतर की सड़कों और अस्पताल एवं शिक्षण संस्थानों के बाहर सभी वाहनों की गति का अलग मापदंड हैं. इन क्षेत्रों में वाहनों की गति 20 से 30 होनी चाहिए.

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अजमेर में लापरवाह चालकों के खिलाफ अभियान...

इन मापदंडों के अनुसार वाहनों की गति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस के इंटरसेप्टर हाईवे और शहर में तैनात हैं. इन दिनों सर्दियों के मौसम में सुबह कोहरे की वजह से वाहन चलाने में परेशानी रहती है. बावजूद इसके कई लोग कोहरे की परवाह न करते हुए तेज रफ्तार उसे वाहन चलाना नहीं छोड़ते. अजमेर यातायात पुलिस के उपअधीक्षक मुकुल शर्मा ने बताया कि तेज गति से वाहन चलाने वालों के विरुद्ध अभियान जारी है. रोजाना 10 से 12 वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

Corona Transition Road Accident Ajmer, Ajmer Road Accident Traffic Police, Ajmer figures driving drunk, Ajmer Speed ​​Violation Cases, अजमेर में साल 2020 में सड़क हादसे,  New traffic rules in Ajmer
हादसे कम होने का कारण जागरूकता नहीं, कोरोना संक्रमण...

जागरूकता के कारण नहीं, कोरोना के कारण हादसे कम...

इधर, मोटर व्हीकल एक्ट मामलों के जानकार संदीप धाबाई की मानें तो ड्रंक और ड्राइव से होने वाले हादसों की रोकथाम के लिए नियम कायदों की पालना करवाना आवश्यक है. उससे ज्यादा जरूरी है कि लोगों में जागरूकता आए. लोग बस या अन्य वाहनों में सफर कर रहे हैं और चालक ने शराब पी रखी है तो लोगों को चाहिए कि उसे वाहन चलाने से रोकें. जब तक लोगों में जागरूकता नहीं आएगी तब तक ऐसे हादसों में कमी आना संभव नहीं है. उन्होंने बताया कि इसके लिए पुलिस स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से जागरूकता अभियान चलाए, ताकि लोगों को यह समझ आए कि नशा करके वाहन चलाना खुद के लिए ही नहीं, बल्कि दूसरों के लिए भी प्राणघातक हो सकता है.

पढ़ें- अजमेर: आनासागर पाथवे सहित 12 प्रमुख कार्यों का जिला कलेक्टर ने किया निरीक्षण...

अजमेर : सड़क हादसों की स्थिति...

वर्ष 2017- 610 मृतक, 1064 घायल
वर्ष 2018- 536 मृतक, 969 घायल
वर्ष 2019- 529 मृतक, 1141 घायल

सही भी है कि नियम कायदे की पालना करवाना जरूरी है. नियम कायदों के प्रति लोगों का जागरूक होना भी उतना ही जरूरी है. ईटीवी भारत भी यह अपील करता है कि नशा करके वाहन न चलाएं, वाहन लापरवाही या तेज गति से न चलाएं, यातायात के नियमों का पालन करें और सबसे बड़ी बात सड़क पर वाहन लेकर निकलते वक्त यह बात जरूर सोचें कि आपको सुरक्षित अपने परिवार के बीच लौटना है.

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