अजमेर. राजस्थान लोक सेवा आयोग ने बुधवार को 74 वां स्थापना दिवस मनाया. इस दौरान आयोग ने वर्ष 2022 में संपादित कार्यों के (RPSC 74th Foundation Day) बारे में बताया. आयोग के चेयरमैन संजय कुमार श्रोत्रीय ने बताया कि राजस्थान लोक सेवा आयोग ने वर्ष 2022 में 92 विभिन्न परीक्षाएं आयोजित की. इसमें 19 लाख 72 हजार 309 आवेदित रहे. वहीं 148 दिवस में 40 साक्षात्कार एजेंडा निर्धारित कर 6 हजार 265 अभ्यर्थियों के साक्षात्कार आयोजित किए गए.
आरपीएससी के चेयरमैन संजय कुमार श्रोत्रीय ने बताया कि वर्ष के अंत में आरपीएससी की ओर से इस वर्ष की सबसे बड़ी वरिष्ठ अध्यापक ( माध्यमिक शिक्षा विभाग ) प्रतियोगी परीक्षा 2022 का आयोजन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस वर्ष कैलेंडर निर्धारित परीक्षाओं का आयोजन किया जा चुका है. जबकि उप निरीक्षक/ प्लाटून कमांडर संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा 2021 के 3291 अभ्यार्थियों और आरएएस 2021 के 2 हजार 174 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार प्रस्तावित है. जिनकी कुल संख्या 5 हजार 465 है.
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उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में आयोग की ओर से 96 परिणाम जारी किए गए हैं. इसमें 13 हजार 74 अभ्यार्थियों को चयनित किया गया है. उन्होंने बताया कि आरएएस भर्ती 2018 के संपादन में लगभग 3 वर्ष 3 माह का समय लगा था. पिछली आरएएस भर्ती 2021 को आयोग 2 वर्ष की अवधि में पूर्ण करने के लिए प्रयासरत है.
33.44 लाख अभ्यार्थियों का पंजीकरण : आयोग सचिव संजय कुमार श्रोत्रिय ने बताया कि वर्ष 2022 में आयोग की ओर से नवाचार करते हुए वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) व्यवस्था लागू की गई. इससे अभ्यार्थियों की ओर से दर्ज जानकारी पोर्टल पर सेव हो जाती है. भविष्य में आवेदन करने में उन्हें आसानी रहती है. साथ ही ओटीआर व्यवस्था से डुप्लीकेट और एक परीक्षा में 1 से अधिक बार आवेदन करने पर भी रोक लगी है. उन्होंने बताया कि कुल 33.44 लाख अभ्यार्थियों का पंजीकरण हो चुका है. आयोग के इस नवाचार को देश की अन्य भर्ती संस्थाओं ने भी अपनाया है.
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न्यायिक विवादों का हुआ शीघ्र निस्तारण : आयोग के सदस्य और प्री लिटिगेशन समिति के अध्यक्ष जसवंत सिंह राठी ने बताया कि आयोग के विशेष प्रयासों की वजह से कुल 450 वाद का विभिन्न पदार्थों से निस्तारण करवाया गया. इसमें 340 प्रकरण ( लगभग 75 प्रतिशत ) आयोग के पक्ष में निर्णीत हुए. जिसमें आगामी परीक्षाओं को समय पर कराया जाना संभव हो सकेगा. राठी ने बताया कि पांच पीएलसी बैठकों में 31 प्रकरणों और शिकायत निवारण पोर्टल के माध्यम से 1 हजार 215 प्रकरणों का त्वरित निस्तारण किया गया. आयोग के विरुद्ध लंबे समय से लंबित 243 विभिन्न प्रकरणों में आयोग की तरफ से प्रत्युत्तर पेश कर प्रकरणों में निस्तारण की कार्रवाई की गई.
474 डीपीसी बैठकें : आयोग के अध्यक्ष संजय कुमार श्रोत्रिय ने बताया कि विभिन्न महत्वपूर्ण परीक्षा और साक्षात्कार के साथ ही इस वर्ष 474 डीपीसी बैठकों का आयोजन भी किया गया. साथ ही 7 हजार 662 अधिकारियों की पदोन्नति के लिए अनुशंसा की गई. उन्होंने बताया कि इस वर्ष आयोग में सर्वाधिक कुल 80 अधिकारियों और कर्मचारियों को पदोन्नति प्रदान की गई है जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है.
परीक्षा आयोजन के बाद कुंजी सत्यापन : आयोग चेयरमैन संजय कुमार श्रोत्रिय ने बताया कि परीक्षा आयोजित होने के बाद सबसे महत्वपूर्ण कार्य कुंजी सत्यापन का होता है. आयोग ने वर्ष 2022 में कुल 86 विभिन्न परीक्षा परिणामों में उत्तर कुंजियां जारी की हैं. उन्होंने बताया कि इनसे उत्पन्न होने वाले विवादों में निरंतर गिरावट आई है, जिसे समय पर परीक्षा परिणाम जारी किया जाना संभव हो सका है.
आयोग ने यह किए नवाचार : नई परीक्षा व्यवस्था के तहत आयोग की ओर से अभ्यर्थियों को परीक्षा की निर्धारित तिथि से 3-4 दिन पहले ही प्रवेश पत्र जारी कर अभ्यार्थियों की परीक्षा केंद्रों की जानकारी उपलब्ध कराई जाती है. ताकि परीक्षाओं में गड़बड़ियों को न्यूनतम किया जा सके.
- परीक्षा कक्षा में 24 अभ्यार्थियों के लिए अब दो इनविजीलेटर्स की व्यवस्था की गई है.
- राजकीय भवन में नियोजित परीक्षा केंद्रों के लिए एक पर्यवेक्षक और निजी संस्थानों में स्थित परीक्षा केंद्रों पर दो पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाने की व्यवस्था की गई है.
- तीन परीक्षा केंद्रों पर एक उप समन्वयक नियुक्त करने की व्यवस्था की गई है. इससे पहले 6 परीक्षा केंद्रों पर एक उप समन्वयक नियुक्त किया जाता रहा है.
विभिन्न परीक्षाओं के विज्ञापन किए जारी : आयोग के सचिव एचएल अटल ने बताया कि वर्ष 2022 में कुल 17 हजार 378 पदों के लिए 13 विज्ञापन वर्ष में जारी किए गए हैं. इसमें कुल 25 लाख 36 हजार 808 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया.
फाइनेंशियल ऑटोनॉमस पॉवर नही : आयोग चेयरमैन संजय कुमार श्रोत्रीय ने बताया कि सरकार को फाइनेंशियल ऑटोनॉमस के लिए लिखा है. ताकि आयोग अपने स्तर पर आवश्यकताओं कि पूर्ति कर सके. वर्तमान में आयोग को आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सरकार को लिखना होता है. स्वीकृति आने में समय लगता है इस कारण व्यवस्थाएं लंबित रहती हैं. उन्होंने बताया कि इंफ्रास्ट्रक्चर और कर्मचारियों की कमी की पूर्ति के लिए भी सरकार को लिखा गया है.