अजमेर. नागरिकता संशोधन एक्ट 2019 को लेकर हो रहा विरोध अब अजमेर भी पहुंच गया है. जिले में गुरुवार को वामपंथी जनवादी मोर्चा ने इस एक्ट का विरोध जताया है. मोर्चा के पदाधिकारियों ने जिला मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर जिला प्रशासन को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर अधिनियम को वापस लेने की मांग की है.
नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध कर रहे वामपंथी समर्थकों का कहना है कि देश में कई गंभीर समस्याएं हैं. जिनसे ध्यान भटकाने के लिए नागरिक संशोधन अधिनियम को केंद्र सरकार लेकर आई है. उनका आरोप है कि केंद्र सरकार हिंदू मुस्लिम के नाम पर लोगों को बांटना चाहती है.
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केंद्र सरकार से देश की समस्याएं नहीं सुलझ रही है. इसलिए नए-नए कानून लाकर देश की जनता का ध्यान भटकाया जा रहा है. सीपीआईएम के जिलाध्यक्ष केडी शर्मा ने कहा कि अधिनियम होने के बाद देश में जगह-जगह सांप्रदायिकता फैल रही है, कई जगह हिंसा भड़क रही है. उन्होंने कहा कि आजादी की जंग लड़कर देश को अखंड भारत बनाने में सभी समाज ने अपना योगदान दिया है.
जबकि, बीजेपी का देश की आजादी में कोई योगदान नहीं रहा है. उन्हें समझना चाहिए कि देश को अखंड रखना सभी का दायित्व है. शर्मा ने कहा कि देश के राष्ट्रपति के नाम जिला प्रशासन को पत्र सौंपकर मांग की गई है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम को वापस लिया जाए और सरकार आमजन के मुद्दों को सुलझाए.