केकड़ी (अजमेर). राम भक्तों का 500 साल का सपना 5 अगस्त को मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के साथ ही साकार हो जाएगा. राम मंदिर आंदोलन में केकड़ी क्षेत्र का भी सहयोग रहा है. यहां से करीब 100 से ज्यादा कारसेवकों ने भाग लेकर राम मंदिर निर्माण आंदोलन में भाग लिया.
कारसेवक उस घटना को यादकर आज भी सिहर उठते हैं. राम मंदिर निर्माण से जुड़े कारसेवकों से जब ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने कहा कि उनका बरसों पुराना सपना अब साकार हो रहा है. कारसेवकों ने बताया कि, काफी संघर्ष के साथ अयोध्या पहुंचे थे. इस दौरान बीच रास्ते में कई जगह पुलिस ने भी पकड़ लिया. लेकिन अयोध्या पहुंचने का जुनून और रामलला के दर्शन करने के जोश से वे पीछे नहीं हटे. जैसे-तैसे करके वे अयोध्या पहुंचे.
केकड़ी के कारसेवक बलराज मेहरचंदानी उस दिन को याद कर अब भी रोमांचित हो जाते हैं. कहते है कि प्रभु राम के लिए हमारे मन में कितना जोश और मजबूत संकल्प था. हम ट्रेन से अयोध्या पहुंचे तो पूरे शहर में देशभर से आए कारसेवकों का हुजूम नजर आया. लोगों में गजब का उत्साह था.
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मेहरचंदानी ने बताया कि जब वे पहली बार राम मंदिर आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए अजमेर से अपने साथियों के साथ अयोध्या रवाना हुए, तो बीच रास्ते में उन्हें हरदोई के पास पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद उनका अयोध्या पहुंचना मुश्किल हो गया था. लेकिन भगवान राम का नाम लेकर टायलेट के बहाने बाहर आकर पुलिस को धक्का देकर एक टेम्पू वाले के साथ छुपकर फिर से ट्रेन में पहुंच गए.
इसके बाद लखनऊ में पुलिस की सख्ती के बीच वे लखनऊ स्टेशन के बीच में स्थित मंदिर में साधु संत बनकर करीब 4 से 5 दिन तक रहे. इसके बाद वे मौका पाकर वहां से पैदल ही गांवों से होकर अयोध्या पहुंचे.