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हजरत इमाम हुसैन की याद में डूबे मुस्लिम समुदाय के लोग

अजमेर दरगाह में सैराब करने की परंपरा को अंजाम दिया गया. साथ ही ताजियों की जुलूस शहर के विभिन्न स्थानों से गुजरी. वहीं हजरत इमाम हुसैन की याद में खिराज-ए-अकीदत पेश की गई.

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Published : Sep 11, 2019, 9:17 AM IST

अजमेर. अजमेर दरगाह क्षेत्र में कई छोटे-बड़े ताजियों को सैराब करने की परंपरा अपनाया गया. इस दौरान चप्पे-चप्पे पर हजरत इमाम हुसैन को चाहने वाले भी नजर आए. दरगाह बाजार, लंगर खाना गली, पन्नीग्राम चौक, अन्नकूट घोसी मोहल्ला आदि स्थानों पर ताजियों के जुलूस में गमगीन माहौल नजर आया.

अजमेर में निकला ताजियों का जुलूस

वहीं जुलूस के दौरान ढोल-ताशों की गूंज सुनाई दी. युवकों ने हैरत अंगेज करतब पेश कर सभी को दांतों तले अंगुली चबाने पर मजबूर कर दिया. अंजुमन की ओर से बनाए गए मुख्य ताजे शरीफ की सवारी रात 10 बजे इमामबारगाह से मर्सियाख्यानी के साथ शुरू हुई. जुलूस डोलीवाला चौक, छतरी गेट, लंगर खाना होते हुए निजाम गेट पहुंचा. जहां से ढोल-ताशों के साथ सोल्हखंभा और कमानी गेट होता हुआ सुबह 5 बजे तक झालरा पहुंचा. जहां खामोशी के मंजर में ताजिये शरीफ को सैराब किया गया.

यह भी पढ़ें. मोहर्रम पर दरगाह कमेटी का रक्तदान शिविर, 72 शहीदों की याद में 72 यूनिट रक्तदान

वहीं तारागढ़ पर नजर आया रक्तरंजित मंजर

हजरत इमाम हुसैन की याद में शिया समुदाय के बच्चे, बड़े और युवाओं ने ब्लेड, जंजीर से खुद को लहूलुहान कर हजरत इमाम हुसैन और उनके साथ शहीद हुए 72 साथियों को खिराज-ए-अकीदत पेश की. इस दौरान रक्त रंजित मंजर देखने को मिला.

अजमेर. अजमेर दरगाह क्षेत्र में कई छोटे-बड़े ताजियों को सैराब करने की परंपरा अपनाया गया. इस दौरान चप्पे-चप्पे पर हजरत इमाम हुसैन को चाहने वाले भी नजर आए. दरगाह बाजार, लंगर खाना गली, पन्नीग्राम चौक, अन्नकूट घोसी मोहल्ला आदि स्थानों पर ताजियों के जुलूस में गमगीन माहौल नजर आया.

अजमेर में निकला ताजियों का जुलूस

वहीं जुलूस के दौरान ढोल-ताशों की गूंज सुनाई दी. युवकों ने हैरत अंगेज करतब पेश कर सभी को दांतों तले अंगुली चबाने पर मजबूर कर दिया. अंजुमन की ओर से बनाए गए मुख्य ताजे शरीफ की सवारी रात 10 बजे इमामबारगाह से मर्सियाख्यानी के साथ शुरू हुई. जुलूस डोलीवाला चौक, छतरी गेट, लंगर खाना होते हुए निजाम गेट पहुंचा. जहां से ढोल-ताशों के साथ सोल्हखंभा और कमानी गेट होता हुआ सुबह 5 बजे तक झालरा पहुंचा. जहां खामोशी के मंजर में ताजिये शरीफ को सैराब किया गया.

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वहीं तारागढ़ पर नजर आया रक्तरंजित मंजर

हजरत इमाम हुसैन की याद में शिया समुदाय के बच्चे, बड़े और युवाओं ने ब्लेड, जंजीर से खुद को लहूलुहान कर हजरत इमाम हुसैन और उनके साथ शहीद हुए 72 साथियों को खिराज-ए-अकीदत पेश की. इस दौरान रक्त रंजित मंजर देखने को मिला.

Intro:अजमेर दरगाह क्षेत्र में कई छोटे-बड़े ताजियों को शराब करने की दीवारों को अपनाया गया इस दौरान चप्पे-चप्पे पर हजरत इमाम हुसैन को चाहने वाले भी नजर आए दरगाह बाजार लंगर खाना गली पन्नीग्राम चौक अन्नकूट घोसी मोहल्ला आदि स्थानों पर ताजियों के जुलूस में गमगीन माहौल नजर आयाBody:जुलूस के दौरान ढोल ताशों की गूंज के बीच युवकों ने हैरतअंगेज करतब पेश कर सभी को दांतों तले अंगुली चबाने पर मजबूर कर दिया अंजुमन की ओर से बनाए गए मुख्य ताजे शरीफ की सवारी रात 10 बजे इमामबारगाह से मर्सियाख्यानी के साथ शुरू हुई



जुलूस डोलीवाला चौक, छतरी गेट, लंगर खाना होते हुए निजाम गेट पहुंचा जहां से ढोल ताशों के साथ सोल्हखम्भा व कमानी गेट होता हुआ सुबह 5 बजे तक झालरा पहुँचा जहां खामोशी के मंजर में ताजिये शरीफ को सैराब किया गयाConclusion:वही तारागढ़ पर नजर आया रक्तरंजित मंजर पेश


हजरत इमाम हुसैन की याद में शिया समुदाय के बच्चे बड़े और युवाओं ने ब्लेड जंजीर और खुद को लहूलुहान कर हजरत इमाम हुसैन व उनके साथ शहीद हुए 72 साथियों को खिराज ए अकीदत पेश की इस दौरान रक्त रंजित मंजर देखने को मिला



बाईट-सलमान चिश्ती दरगाह ख़ादिम

बाईट- तौफीक चिश्ती ख़ादिम दरगाह
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