अजमेर. वरिष्ठ फिजीशियन डॉ राजेश गोयल बताते हैं कि स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं में विटामिन डी की कमी आम हो गई है. विटामिन डी की कमी अच्छे भले इंसान को सुस्त और बीमार बना देती है. कोई भी आयु वर्ग इससे प्रभावित हो सकता है. विटामिन डी की Deficiency उनमें ज्यादा होती है जिनका सूर्य की किरणों से जुड़ाव कम रहता है. यानी वो जो धूप में बाहर कम निकलते हैं.
कई शोध किए गए हैं. जिनके आधार पर कहा जा रहा है कि ज्यादातर कामकाजी लोगों को इससे जूझना पड़ रहा है. इसकी वजह है उनका Outdoor के मुकाबले इनडोर Activities में ज्यादा Involve रहते हैं. डॉक्टर्स कहते हैं ऐसे लोगों को ही सतर्क रहने की जरूरत है. समझना जरूरी है कि विटामिन डी का मुख्य स्रोत सूर्य की किरण है इसलिए त्वचा का संपर्क जितना नैचुरल रोशनी से होगा उतना ही विटामिन डी शरीर को मिलेगा.
विशेषज्ञ बताते हैं कि हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम और विटामिन डी की जरूरत होती है. किडनी कैल्सीटेरॉल नाम का एक हार्मोन बनाता है जो Bones की रक्त से सही मात्रा में कैल्शियम लेने में सहायता करता है इसलिए किडनी के सही तरह से काम न करने पर विटामिन डी अपना काम नहीं कर पाता है. जिसके कारण हड्डियां कमजोर होने लगती हैं.
विटामिन डी की कमी के लक्षण- डॉ राजेश गोयल बताते हैं कि विटामिन डी की कमी से रोगी को जल्दी थकान महसूस होती है. काम में मन नहीं लगता है और शरीर में आलस्य रहता है. धीरे-धीरे रोगी शरीर में कमजोरी महसूस करने लगता है. डॉ गोयल ने बताया कि ऐसे लक्षण प्रतीत होने पर रोगी को तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए. विटामिन डी की जांच के बाद चिकित्सक दवाइयां और अन्य जरूरी सलाह देते हैं.
आदतों में बदलाव जरूरी- वरिष्ठ फिजीशियन डॉ राजेश गोयल बताते हैं कि विटामिन डी की लगातार कमी रहने से हड्डियां कमजोर होने लगती हैं. डॉ गोयल बताते हैं कि दिनचर्या में बदलाव करके भी विटामिन डी की कमी को पूरा किया जा सकता है. इसके लिए आवश्यक है कि लोग मॉर्निंग वॉक को रूटीन में शामिल कर लें. इंडोर गेम छोड़ आउटडोर गेम खेलें. खासकर बच्चों और युवाओं को आउटडोर गेम नियमित रूप से खेलने के लिए प्रेरित करें.
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डाइट का रखें ध्यान- डॉ गोयल बताते है कि वर्तमान जीवन शैली में जंक फूड का उपयोग काफी बढ़ गया है. लोग पौष्टिक भोजन में रुचि कम लेते और जंक फूड ज्यादा पसंद करते है. इस कारण शरीर को आवश्यक पोषक तत्व नही मिल पाते हैं. इसका एकमात्र उपाय यही है कि नियमित रूप से दूध का सेवन करें. डेयरी प्रोडक्ट्स को आहार में जरूर शामिल करें ताकि प्रोटीन के साथ साथ कैल्शियम की पूर्ति होती रहे. अंडा, मछली, मशरूम भी विटामिन डी का अच्छा जरिया हैं.