अजमेर. अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर मेला परवान चढ़ने लगा है. बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक पुष्कर मेले में राजस्थानी लोक संस्कृति को देख कर आकर्षित हो रहे हैं. मेले में आयोजित विभिन्न खेलकूद और संस्कृत प्रतियोगिताओं के माध्यम से विदेशी पर्यटक भी स्थानीय लोक संस्कृति से जुड़ने का प्रयास कर रहे हैं. पुष्कर मेले में परंपरागत खेल कबड्डी, लंगड़ी टांग, गिल्ली डंडा, रस्साकसी विदेशियों को खूब लुभा रहे हैं. मेले में पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित मूंछ प्रतियोगिता भी विदेशियों के लिए खास आकर्षण का केंद्र रही. विभिन्न जिलों से मूंछ प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए लोग पुष्कर पहुंचे. प्रतियोगिता में परंपरागत वेशभूषा में मूछों पर ताव देते प्रतियोगियों ने विदेशी पर्यटकों को को खूब लुभाया. विदेशी पर्यटकों ने भी मूंछ प्रतियोगिता में भाग लिया. मूंछ प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर राम सिंह राजपुरोहित रहे.
साफा प्रतियोगिता रही आकर्षण का केंद्र: राजस्थान में साफा पहनना लोक संस्कृति का हिस्सा है. पुष्कर मेले में साफा बांधने की प्रतियोगिता ने विदेशियों को खूब रोमांचित किया. पर्यटन विभाग की ओर से साफा बांधने की प्रतियोगिता केवल पर्यटकों के लिए ही रखी गई थी. प्रतियोगिता में सबसे पहले साफा बांधने वाले प्रतिभागी को पुरस्कृत भी किया गया. इस प्रतियोगिता में अमेरिका के पर्यटक पैट्रिक और उनके साथी हेलीन को पहला स्थान मिला.
मूछों को बड़ा करने में लगे 20 साल: मूंछ प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले राम सिंह राजपुरोहित ने बताया कि पुष्कर मेले में मुझे कई बार मूंछ प्रतियोगिता में प्रथम स्थान मिल चुका है. देसी और विदेशी पर्यटकों के बीच आकर यहां बहुत अच्छा लगता है. आपको बता दे कि पुष्कर मेले में मूंछ प्रतियोगिता देखने के लिए देश विदेश के पर्यटक पहुंचते हैं. राम सिंह ने बताया कि उनकी मूंछें 5 फीट लंबी हैं. पुष्कर मेले में वह 12 बार विजेता रहे हैं. राजपुरोहित ने कहा कि जिस तरह से छोटे बच्चों को पाला जाता है, उसकी केयर की जाती है, उसी तरह से मैं अपनी मूंछों की देखभाल करता हूं. 20 वर्षों से मैं यह साधना कर रहा हूं.
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घोड़ों के नृत्य ने मोहा मन: पुष्कर मेले में पशुपालकों के लिए भी विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया. जिसमें घोड़ों के नृत्य की प्रतियोगिता ने भी विदेशी पर्यटकों को खूब लुभाया. ढोल की थाप पर घोड़ों ने जमकर डांस किया. पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक अजय कुमार शर्मा ने बताया कि घोड़ों की नृत्य की प्रतियोगिता में 12 प्रतिभागियों ने भाग लिया था, इसमें पहले स्थान पर डीडवाना के प्रभु सिंह रहे.