केकड़ी (अजमेर). प्रदेश के सबसे बड़े पेयजल परियोजना वाले और जयपुर, अजमेर और टोंक जिले की लाइफ लाइन बीसलपुर बांध पर इस वर्ष इन्द्र देव पूरी तरह से मेहरबान हैं. बीसलपुर बांध से अब तक करीब 38 टीएमसी से अधिक पानी निकाला जा चुका है. विदित है कि बीसलपुर बांध में इस साल पानी बिलकुल निम्नतम स्तर पर चला गया था. जिसके चलते दो महिने पहले गर्मियों मे हालात विकट हो गए थे. बीसलपुर बांध के भरने के बाद व्यर्थ बहने वाले पानी को रोकने के लिए बनास नदी पर सवाईमाधोपुर के पास 2002 में 1038.65 करोड़ की लागत से घोषणा की. लेकिन करीब दो दशक बीतने के बावजूद सरकार की कमजोर इच्छाशक्ति के चलते इसरदा बांध सिर्फ कॉपर डेम तक ही सीमित है. 2013 में 830 करोड़ का बजट फिर पारित हुआ.
अब 2019 के बजट में फिर से घोषणा की गई लेकिन योजना सिरे नहीं चढ़ पा रही है. अगर यह ईसरदा बांध बन जाता तो बीसलपुर के व्यर्थ बहे पानी से भर जाता था. जिससे लाखों लोगों के गले तर हो जाते. इस योजना से सरकार के लाखों रुपए भी बचते. उधर बीसलपुर बांध के कैचमेंट एरिये में मूसलाधार बारिश होने से बीसलपुर बांध में पानी की भारी आवक बनी हुई है. बांध से शुक्रवार को 6 गेटों से पानी की निकासी की गई थी. बांध के 6 गेटों से हर घंटे 96 हजार क्यसेक पानी की निकासी की गई. जिसके बाद शनिवार को पानी की आवक बढ़ने पर बांध के आठ गेट खोलकर 144240 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है. बीते दो दिन से बांध के कैचमेंट एरिए में तेज बारिश होने से बांध में पानी की आवक लगातार तेज हो गई है. बांध के कैचमेंट एरिए सहित चितौड़गढ और भीलवाड़ा जिले में हुई मूसलाधार बारिश से बांध मे सुबह पानी की आवक बढ़ गई.
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शनिवार को सुबह बांध के चार गेट खोलकर करीब 96 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही थी. दोपहर बाद बांध के 8 गेट खोलकर प्रति घंटे 144240 क्यूसेक पानी की निकासी बनास नदी में की गई. बीसलपुर बांध के एईएन मनीष बंसल ने बताया कि बांध के 19 अगस्त को पुर्ण भराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर तक भरने के बाद बांध के दो गेट खोलकर पानी की निकासी शुरु की गई थी. बांध से 19 अगस्त से लेकर अब तक कभी एक तो कभी दो गेट से पानी की निकासी लगातार की जा रही है. लेकिन शनिवार को पानी की भारी आवक होने पर बांध के आठ गेट खोलकर पानी की निकासी की गई थी. लेकिन शाम को बांध के आठ गेटो से 96 हजार क्यूसेक पानी की निकासी जा रही है. बांध के कुल 16 गेट है उनमें से आठ गेटों से पानी की निकासी की जा रही है.
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एक नजर ईसरदा बांध पर- ईसरदा बांध के 28 गेट बनने थे. 593 मीटर का हिस्सा पक्का बनना था. तीन किलोमीटर लम्बा कच्चा डेम. इस बांध से 1150 गांवो को पानी मिलना है. अब तक करीब 40 करोड़ की लागत से कॉपर डेम बन चुका है. इन गेटों से है पानी की निकासी-बीसलपुर बांध के 8 गेटों से पानी की निकासी की जा रही है. बांध के गेट नम्बर 5, 6, 7, 8, 9, 10,12 और 13 से निकासी की जा रही है. बांध के आठ गेटों को दो-दो मीटर खोला गया है. दोपहर को बांध के सभी गेटों को तीन-तीन मीटर खोला गया था.
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त्रिवेणी अपने रिकॉर्ड उफान पर- बीसलपुर बांध की मुख्य नदी बनास नदी शनिवार को रिकॉर्ड उफान पर रही. त्रिवेणी का गेज शनिवार को सुबह 4.50 मीटर था. जो शाम को रिकॉर्ड 6.30 मीटर हो गया. भीलवाड़ा, चितौड़गढ़ और माण्ड़लगढ में हुई मूसलाधर बारिश से बनास नदी फिर से उफान पर है. बांध की सहायक नदियां ड़ाई और खारी नदी से भी पानी की आवक जारी है.रविवार को होगी पानी की भारी आवक- बीसलपुर बांध में दोपहर को आठ गेटों से करीब 144240 क्यूसेक पानी की निकासी की गई. लेकिन शाम को आठ गेटों से 96 हजार क्यूसेक पानी की जा रही है.
बांध से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि त्रिवेणी नदी का गेज रिकॉर्ड 6.30 पर चलने से रविवार को बांध से पानी की आवक बढ़ाने की पुरी संभावना है. चितौड़गढ के गंभीरी बांध और घोसुण्ड़ा बांध से पानी की निकासी और मूसलाधार बारिश होने से बांध से रविवार को पानी की निकासी बढ़ाने की पुरी संभावना है. डाउन स्ट्रीम में बिगड़े हालात- बीसलपुर बांध से छोडे गए पानी से बांध के डाउन स्ट्रीम में पानी की भारी की निकासी की गई. जिससे बांध के डाउन स्ट्रीम में हालात बिगड़ गए. डाउन स्ट्रीम में रपटों पर पानी आने से कई मार्ग पुरी तरह से अवरुद्ध हो गए. बांध प्रशासन भी सायरन बजाकर लोगों को आगाह कर रहा है.