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MDSU के डीन प्रवीण माथुर का कार्यकाल खत्म होने के बाद अधर में लटक सकते हैं कई शैक्षिक मामले

अजमेर के महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में डीन के पद रिक्त होने के चलते सिलेबस तैयार करने सहित अन्य कई शैक्षिक फैसले करने में दिक्कत झेलनी पड़ सकती है. जिसका खामियाजा सीधा-सीधा विद्यार्थियों को उठाना पड़ सकता है.

MDSU में डीन के पद रिक्त
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Published : Jul 11, 2019, 5:48 PM IST

अजमेर. महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में बड़ी आफत आन पड़ी है. विश्वविद्यालय के कई संकाय में डीन के पद रिक्त हैं. डीन नहीं होने से विश्वविद्यालय को सिलेबस बनाने सहित शैक्षिक मामलों में फैसले लेने में दिक्कत हो सकती है. वहीं कुलपति की गैरमौजूदगी में टीम की नियुक्ति होना भी मुश्किल है.

MDSU में डीन के पद रिक्त

विश्वविद्यालय स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर कला वाणिज्य विज्ञान, सामाजिक, विज्ञान विधि, प्रबंध अध्ययन और अन्य संकाय के एकीकृत सिलेबस तैयार करता है. सिलेबस के अनुरूप कॉलेज और विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों की पढ़ाई व परीक्षा होती है. सिलेबस तैयार करने के लिए संकायवार पाठ्य चर्चा समिति बनती है और इन समिति के मुखिया डीन होता है. इसके अलावा कॉलेज से जुड़े विभिन्न मुद्दों के लिए डीन ही फैसले लेता है.

विज्ञान संकाय के डीन प्रो. प्रवीण माथुर का कार्यकाल 31 जुलाई को खत्म हो जाएगा. कुलपति की अनुपस्थिति में कामकाज करने वाले डीन कमेटी में भी शामिल हैं. उनके अलावा प्रोफेसर शिवदयाल सिंह भी कमेटी में हैं. प्रो. माथुर का कार्यकाल खत्म होने के बाद प्रोफेसर सिंह और कुलसचिव सोनी ही कमेटी में रह जाएंगे, जिसके कारण संकायवार नहीं होने से विद्यार्थियों को नए सिलेबस उपलब्ध कराना चुनौती होगा.

विश्वविद्यालय मे डीन नहीं होने पर छात्रों ने भी अपनी आपत्ति जताई है और छात्र नेता मोहित जैन ने कहा कि विश्वविद्यालय में पहले ही कुलपति नहीं है और ना ही रजिस्ट्रार है. अब डीन की कमी होने के कारण विद्यार्थियों को सिलेबस उपलब्ध करवाना मुश्किल होगा. जिसके कारण विद्यार्थियों को काफी परेशानी उठानी पड़ेगी.

अजमेर. महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में बड़ी आफत आन पड़ी है. विश्वविद्यालय के कई संकाय में डीन के पद रिक्त हैं. डीन नहीं होने से विश्वविद्यालय को सिलेबस बनाने सहित शैक्षिक मामलों में फैसले लेने में दिक्कत हो सकती है. वहीं कुलपति की गैरमौजूदगी में टीम की नियुक्ति होना भी मुश्किल है.

MDSU में डीन के पद रिक्त

विश्वविद्यालय स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर कला वाणिज्य विज्ञान, सामाजिक, विज्ञान विधि, प्रबंध अध्ययन और अन्य संकाय के एकीकृत सिलेबस तैयार करता है. सिलेबस के अनुरूप कॉलेज और विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों की पढ़ाई व परीक्षा होती है. सिलेबस तैयार करने के लिए संकायवार पाठ्य चर्चा समिति बनती है और इन समिति के मुखिया डीन होता है. इसके अलावा कॉलेज से जुड़े विभिन्न मुद्दों के लिए डीन ही फैसले लेता है.

विज्ञान संकाय के डीन प्रो. प्रवीण माथुर का कार्यकाल 31 जुलाई को खत्म हो जाएगा. कुलपति की अनुपस्थिति में कामकाज करने वाले डीन कमेटी में भी शामिल हैं. उनके अलावा प्रोफेसर शिवदयाल सिंह भी कमेटी में हैं. प्रो. माथुर का कार्यकाल खत्म होने के बाद प्रोफेसर सिंह और कुलसचिव सोनी ही कमेटी में रह जाएंगे, जिसके कारण संकायवार नहीं होने से विद्यार्थियों को नए सिलेबस उपलब्ध कराना चुनौती होगा.

विश्वविद्यालय मे डीन नहीं होने पर छात्रों ने भी अपनी आपत्ति जताई है और छात्र नेता मोहित जैन ने कहा कि विश्वविद्यालय में पहले ही कुलपति नहीं है और ना ही रजिस्ट्रार है. अब डीन की कमी होने के कारण विद्यार्थियों को सिलेबस उपलब्ध करवाना मुश्किल होगा. जिसके कारण विद्यार्थियों को काफी परेशानी उठानी पड़ेगी.

Intro:अजमेर संभाग की एक मात्र महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में बड़ी आफत आन पड़ी है विश्वविद्यालय के कई संकाय में डीन के पद रिक्त हैं डीन नहीं होने से विश्वविद्यालय को सिलेबस बनाने सहित शैक्षिक मामलों में फैसले लेने में दिक्कत हो सकती है वहीं कुलपति की गैरमौजूदगी में टीम की नियुक्ति होना भी मुश्किल है


Body:विश्वविद्यालय स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर कला वाणिज्य विज्ञान ,सामाजिक, विज्ञान विधि , प्रबंध अध्ययन और अन्य संकाय के एकीकृत सिलेबस तैयार करता है सिलेबस के अनुरूप कॉलेज और विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों की पढ़ाई व परीक्षा होती है सिलेबस तैयार करने के लिए संकायवार पाठ्य चर्चा समिति बनती है और इन समिति के मुखिया को डीन कहते हैं


इनके अलावा विभिन्न कॉलेज और विश्वविद्यालय के शिक्षक में शामिल होते हैं इसके अलावा कॉलेज से जुड़े विभिन्न मुद्दों के लिए डीन ही फैसले लेता है


विज्ञान संकाय के डीन प्रो. प्रवीण माथुर का कार्यकाल 31 जुलाई को खत्म हो जाएगा व कुलपति की अनुपस्थिति में कामकाज करने वाली डीन कमेटी में भी शामिल है उनके अलावा प्रोफेसर शिवदयाल सिंह भी कमेटी में है


Conclusion:प्रो. माथुर का कार्यकाल खत्म होने के बाद प्रोफेसर सिंह और कुलसचिव सोनी ही कमेटी में रह जाएंगे इसके अलावा संकायवार नहीं होने से विद्यार्थियों को नए सिलेबस उपलब्ध कराना चुनौती होगा


विश्वविद्यालय मे डीन नहीं होने पर छात्रों ने भी अपनी आपत्ति जताई है और छात्र नेता मोहित जैन ने कहा कि विश्वविद्यालय में पहले ही कुलपति नहीं है और ना ही रजिस्ट्रार पर अब डीन की कमी होने के कारण विद्यार्थियों ने सिलेबस उपलब्ध कराना बड़ा मुश्किल होगा और इससे विद्यार्थियों को काफी परेशानी होने वाली है


बाईट-मोहित जैन पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष
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