अजमेर. महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में बड़ी आफत आन पड़ी है. विश्वविद्यालय के कई संकाय में डीन के पद रिक्त हैं. डीन नहीं होने से विश्वविद्यालय को सिलेबस बनाने सहित शैक्षिक मामलों में फैसले लेने में दिक्कत हो सकती है. वहीं कुलपति की गैरमौजूदगी में टीम की नियुक्ति होना भी मुश्किल है.
विश्वविद्यालय स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर कला वाणिज्य विज्ञान, सामाजिक, विज्ञान विधि, प्रबंध अध्ययन और अन्य संकाय के एकीकृत सिलेबस तैयार करता है. सिलेबस के अनुरूप कॉलेज और विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों की पढ़ाई व परीक्षा होती है. सिलेबस तैयार करने के लिए संकायवार पाठ्य चर्चा समिति बनती है और इन समिति के मुखिया डीन होता है. इसके अलावा कॉलेज से जुड़े विभिन्न मुद्दों के लिए डीन ही फैसले लेता है.
विज्ञान संकाय के डीन प्रो. प्रवीण माथुर का कार्यकाल 31 जुलाई को खत्म हो जाएगा. कुलपति की अनुपस्थिति में कामकाज करने वाले डीन कमेटी में भी शामिल हैं. उनके अलावा प्रोफेसर शिवदयाल सिंह भी कमेटी में हैं. प्रो. माथुर का कार्यकाल खत्म होने के बाद प्रोफेसर सिंह और कुलसचिव सोनी ही कमेटी में रह जाएंगे, जिसके कारण संकायवार नहीं होने से विद्यार्थियों को नए सिलेबस उपलब्ध कराना चुनौती होगा.
विश्वविद्यालय मे डीन नहीं होने पर छात्रों ने भी अपनी आपत्ति जताई है और छात्र नेता मोहित जैन ने कहा कि विश्वविद्यालय में पहले ही कुलपति नहीं है और ना ही रजिस्ट्रार है. अब डीन की कमी होने के कारण विद्यार्थियों को सिलेबस उपलब्ध करवाना मुश्किल होगा. जिसके कारण विद्यार्थियों को काफी परेशानी उठानी पड़ेगी.