भिनाय (अजमेर). चीन के वुहान शहर से शुरू हुआ कोरोना वायरस पूरी दुनिया फैल कर मानव जाति के लिए संकट बन गया है. जिसको लेकर एडवोकेट डॉ. मनोज आहूजा ने अपने अधिवक्ता साथी जिनेश सोनी के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद जेनेवा में चीन के खिलाफ याचिका को 3 अप्रैल को दायर किया था.
अजमेर के बांदनवाड़ा निवासी एडवोकेट डॉ. मनोज आहूजा ने चाइना के खिलाफ याचिका पेश कर मानवधिकारों के उल्लंघन, भारत में कोरोना और लॉकडाउन की वजह से जनहानि, आर्थिक हानि को लेकर न्यायालय से कार्रवाई करने की मांग की है. साथ ही भारत देश से प्राप्त आंकड़ों के मिलने के बाद सभी को क्षतिपूर्ति राशि देने की मांग की है.
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डॉ. मनोज आहूजा ने याचिका ईमेल के जरिए पेश कर निवेदन किया है कि पीपल रिपब्लिक ऑफ चाइना के द्वारा मानव के अधिकारों का घोर उल्लंघन किया है. चाइना से पूरे विश्व में फैले कोरोना वायरस से 190 देश प्रभावित हुए हैं. दिसंबर 2019 में चाइना को इसकी जानकारी होने के बाद भी उसने इसे छिपाया.
चाइना द्वारा किए गए इस लापरवाही पूर्वक कृत्य की वजह से कोरोना संक्रमण विश्व के 190 देशों में फैल गया. जिससे पूरे विश्व में 8,23,626 लोग संक्रमित हुए और 40,593 व्यक्ति अपनी जान गंवा चुके हैं. ये रिपोर्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सार्वजनिक की है.
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याचिका में यह भी कहा गया है कि भारत के 138 करोड़ लोगों को अनावश्यक ही इस महामारी का शिकार होना पड़ा. 166 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. इन सबका जिम्मेदार चाइना है. चाइना को इस कृत्य के लिए दोषी ठहराकर दंडित किया जाए. सभी भारतीयों को क्षतिपूर्ति राशि दिलाई जाए और जो भी परिस्थितियों के अनुसार कोर्ट को उचित लगे, वो कार्रवाई की जाए.