अजमेर. शहर के बीचो-बीच आनासागर झील में क्रूज की सवारी के लिए लोगों को जुलाई माह तक इंतजार करना पड़ेगा. झील में उतरने के लिए क्रूज का अभी तकनीकी कार्य शेष रह गया है. इंजन आने और फिटिंग होने के साथ ही क्रूज के पहले और दूसरे तल पर साज सज्जा का कार्य भी बचा है. देश के पहले ईको फ्रेंडली क्रूज की सवारी को लेकर लोगों में खासा उत्साह है.
अजमेर में देश का पहला इको फ्रेंडली क्रूज़ जुलाई माह में आनासागर झील की लहरों पर तैरता हुआ नजर आएगा. तकनीकी कारणों से क्रूज के झील में उतरने में समय लग रहा है. हालाकि अजमेर की ठेका फर्म की ओर से दावा किया जा रहा है कि जुलाई तक झील में क्रूज़ का संचालन शुरू हो जाएगा. ईटीवी भारत ने पुष्कर रोड पर आनासागर के निकट नगर निगम की जमीन पर बन रहे क्रूज़ का जायजा लिया. क्रूज लगभग 80 फ़ीसदी से ज्यादा तैयार हो चुका है. कई विशेषताओं के साथ इको फ्रेंडली क्रूज लाइटवेट भी है. लगभग 150 लोग एक बार में क्रूज की सवारी का मजा ले पाएंगे. पर्यटकों के लिए क्रूज की सवारी एक शानदार अनुभव होगा बल्कि लोग क्रूज पर बर्थडे और अन्य पार्टियों का आयोजन भी कर पाएंगे.
क्रूज पर मिलेगा कई देशों का व्यंजन : आनासागर झील पर तैरते क्रूज़ की सवारी का आनंद लेने के साथ साथ लोग इसमें विभिन्न देशी और विदेशी व्यंजनों का स्वाद भी उठा पाएंगे. क्रूज के पहले तल पर खाने-पीने का पूरा इंतजाम होगा. प्रशिक्षित शेफ कस्टमर के ऑर्डर पर किचन में लजीज व्यंजन तैयार करेंगे.
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मनोरम नजारे का लेंगे आनंद : क्रूज का पहला तल पूरी तरह से वातानुकूलित रहेगा. इसमें चारों और मुलायमदार सोफे बैठने के लिए होंगे. बीच में ओपन स्पेस है यहां पर म्यूजिक सिस्टम के साथ डांस फ्लोर भी होगा. जहां लोग संगीत और नृत्य का भी आनंद ले सकेंगे. प्रथम तल पर शीशे की खिड़कियां हैं. यानी भीतर बैठे भी स्पष्ट रूप से बाहर का नजारा दिखाई देगा. झील के चारों और पहाड़ियां हैं वहीं कुछ पर्यटन स्थल भी हैं. आनासागर झील के चारों ओर शहर बसा हुआ है. ऐसे में दिन में ही नहीं रात के नजारे का भी आनंद पर्यटक ले पाएंगे.
सोलर सिस्टम से संचालित होगा इंजन : क्रूज को पूरी तरह से इको फ्रेंडली बनाया गया है. क्रूज़ की दूसरी मंजिल की छत पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे. सोलर पैनल से बैटरिया चार्ज होंगी. बैटरियों से इंजन संचालित होगा. हालांकि वैकल्पिक तौर पर दो जनरेटर भी रहेंगे जो मौसम खराब होने की स्थिति में इंजन को संचालित करने में काम आएंगे. बताया जा रहा है कि लाइट वेट क्रूज के इंजन की आवाज काफी कम होगी.
फाइबर से बना है क्रूज : आमतौर पर क्रूज का नाम लेते ही समंदर और बड़ी नदियों में तैरते हुए बड़े भारी-भरकम क्रूज की तस्वीर सामने आती है. जो लोहे और अन्य मेटल का बना होता है, जबकि अजमेर में बन रहा लाइटवेट क्रूज में फाइबर का इस्तेमाल हुआ है. फाइबर के उपयोग से क्रूज का वजन काफी कम हो गया है. जबकि लोगों को सवारी करवाने की क्षमता उतनी ही है. इसकी विशेषता यह है कि यह चार फीट पानी में भी संचालित किया जा सकता है. अजमेर में बन रहा देश का पहला क्रूज है जो इको फ्रेंडली के साथ हल्के वजन का होगा. इसका ठेका लेने वाली कंपनी ने नगर निगम से 15 वर्ष तक क्रूज का संचालन आनासागर झील में करने का अनुबंध कियाा है.
पर्यटकों के लिए होगा नया आकर्षण : धार्मिक पर्यटन नगरी अजमेर में विश्व विद्या सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह है, तो वहीं पुष्कर तीर्थ नगरी में विश्व का इकलौता जगतपिता ब्रह्माजी का मंदिर है. अजमेर में रोजाना हजारों लोग इन प्रमुख धार्मिक स्थलों पर आते हैं. ये लोग शहर के बीचोबीच आनासागर झील की खूबसूरती निहारने जरूर जाते हैं. इस झील में स्पीड बोट, शिकारा समेत कई तरह की बोट का संचालन होता है. ऐसे में जुलाई माह में आनासागर झील की लहरों पर क्रूज़ का संचालन अजमेर आने वाले पर्यटकों को लुभाएगा.