ब्यावर (अजमेर). भीम सब जेल से ब्यावर सब जेल शिफ्ट करने के दौरान कैदियों के साथ मारपीट करने का मामला सामने आया है. आरोप चालानी गार्ड पर लगा है. बताया जा रहा है कि पिछले दिनों भीम थाना क्षेत्र के हेड कांस्टेबल की पीट-पीटकर हत्या करने के आरोपियों को भीम सब जेल से ब्यावर सब जेल शिफ्ट किया जा रहा था, तभी चालानी गार्ड ने मारपीट की.
वहीं, बंदियों को जेल में शिफ्ट करने के बाद बंदियों की शिकायत पर ब्यावर सब जेल के जेलर ने उपखंड अधिकारी को इस संबंध में जानकारी दी. जिस पर सकते आए प्रशासन ने आनन-फानन में चिकित्सा विभाग की टीम को बुलाकर सभी बंदियों का मेडिकल करवाया. हालांकि घटना को लेकर जेल प्रबंधन की लापरवाही भी सामने आई है. जेल प्रबंधन ने बंदियों को जेल में शिफ्ट करने के 4 घंटे बाद प्रशासन को मारपीट की सूचना दी, जो कि अपने आप में बड़ी लापरवाही को दर्शाता है. इस संबंध में प्रशासन ने भी जेल प्रबंधन को फटकार लगाई है.
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गौरतलब है कि पिछले दिनों भीम थाना क्षेत्र के हेड कांस्टेबल अब्दुल गनी की कुछ लोगों ने मामले की जांच के दौरान रास्ता रोककर पीट-पीटकर निर्ममता से हत्या कर दी थी. इस मामले में पुलिस ने जांच के बाद 7 लोगों को हत्या के आरोप में हिरासत में लिया था. सभी बंदी भीम सब जेल में विचाराधीन चल रहे थे, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से इन बंदियों को ब्यावर सब जेल शिफ्ट किया गया. बताया जा रहा है कि भीम सब जेल के चालानी गार्ड्स ने इन बंदियों को शनिवार शाम करीब 4:20 में ब्यावर सब जेल में शिफ्ट कर दिया. शिफ्टिंग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद चलानी गार्ड वापस लौट गए.
देर रात करीब 8 बजे जेल प्रबंधन द्वारा उपखंड अधिकारी को फोन कर सूचना दी गई कि बंदियों ने चालानी गार्ड पर मारपीट का आरोप लगाया है. सूचना मिलने पर उपखंड अधिकारियों ने फौरन तहसीलदार रमेश चंद्र को जेल जाकर मामले की जांच के निर्देश दिए. साथ ही चिकित्सा विभाग की टीम को भी जेल में जाकर बंदियों के मेडिकल करवाने के निर्देश किए. इस मामले में उपखंड प्रशासन ने जेल प्रबंधन को फटकार लगाते हुए पूछा है कि जब उन्होंने बंदियों को जेल के अंदर लिया, तब उनकी जांच क्यों नहीं की गई. बंदियों को जेल में शिफ्ट करने के 4 घंटे बाद कथित मारपीट के मामले की शिकायत करने को लापरवाही मानते हुए इस संबंध में भी जांच के निर्देश दिए गए हैं.
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वहीं, सवाल यह भी है कि अगर चालानी गार्ड ने बंदियों से मारपीट की तो इस संबंध में बंदियों ने जेल में शिफ्ट होने के दौरान क्या जेल प्रबंधन को इसकी शिकायत नहीं की और जेल में लेने से पहले जेल प्रबंधन ने क्या बंदियों की जांच नहीं की. इस मामले में अधिकारियों से बातचीत करने का प्रयास किया गया, लेकिन सभी ने इस मामले में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया.