केकड़ी (अजमेर). क्षेत्र के कादेड़ा में राजू आचार्य की हत्या का केकड़ी पुलिस ने 24 घंटे में खुलासा करते हुए हत्या के आरोपी उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया है. मृतक के भाई लादूराम ने अपने ही सगे भाई को जमीन के लिए गले में फांसी का फंदा लगाकर और पत्थरों से मारकर कर मौत के घाट उतार दिया.
बता दें कि रविवार को कादेड़ा में नर्सरी के खंडहर भवन में राजू आचार्य की लाश मिली थी. पुलिस ने मौके पर जाकर जांच की तो मृतक के गले में रस्सी का फंदा था. मौके पर खून से सने पत्थर भी मिले थे. पुलिस ने हत्या के मामले में जानकारी जुटाते हुए मृतक के छोटे भाई लादूराम से पूछताछ की, तो वह सवाल टालने लगा. जानकारी जुटाने पर पूलिस को जानकारी मिली कि मृतक की हत्या से पहले दोनों भाई साथ में दिखे थे और उसके भाई के हाथ में रस्सी थी.
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हत्या से पूर्व दोनों भाईयों को शाम के समय नर्सरी की और जाते देखा गया था. इससे पुलिस का शक और गहरा गया. पुलिस ने लादूराम को हिरासत में लिया और कड़ी पूछताछ की. पूछताछ में मृतक का भाई लादूराम टूट गया और जमीन जायदाद हड़पने के लिए अपने बड़े भाई की हत्या करना कबूल किया.
पूछताछ में उसने बताया कि वह उसके बड़े भाई को मौत के घांट उतारकर उसकी सम्पति और मकान को हड़पना चाहता था. हत्या के आरोपी ने अपने हिस्से की जमीन को पूर्व में ही बेच दिया था. इसलिए वह अपने भाई को मारकर उसकी जमीन और मकान को बेचना चाहता था. पुलिस आरोपी को मंगलवार को न्यायालय में पेश करेगी.
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छाया में बैठने के बहाने धोखे से गला घोंटा
हत्या के आरोपी लादूराम ने अपने भाई की धोखे से हत्या कर वारदात को अंजाम दिया है. आरोपी ने कूबल किया कि शनिवार को उसने अपने भाई राजू को विश्वास में लेकर सूनसान जगह नर्सरी से लकड़ी लाने के लिए बरगलाकर कर ले गया. दोनो भाई पैदल ही नर्सरी पहूंचे और छाया में बैठने का बहाना बनाकर नर्सरी के खंडहर भवन में जा बैठे. इस दौरान आरोपी ने वहां बैठकर ही रस्सी का फंदा तैयार किया. मौका पाकर धोखे से अचानक अपने ही भाई के गले में मौत का फंदा ड़ालकर रस्सी को खींच लिया. इसके बाद निर्मम तरीके से अपने बड़े भाई की पत्थरों से हत्या कर दी. मृतक राजू दिमागी रुप से थोड़ा कमजोर था. इसका भी हत्यारे भाई ने फायदा उठाया.
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स्पेशल टीम का किया गठन
हत्या के बाद एसपी कुंवर राष्ट्रदीप ने एक स्पेशल टीम का गठन किया. जिसके बाद स्पेशल टीम ने थानाधिकारी के नेतृत्व में एएसपी जयनारायण मीणा और डीएसपी राजेश वर्मा के निर्देशानुसार मामले की जांच शुरु की थी. पुलिस की स्पेशल टीम में एसआई लक्ष्मणसिंह, एएसाई सरवर खां, दीवान सम्पतराज मीणा, कांस्टेबल शुभकरण, रामराज, पंकज कुमार, सुखालाल शामिल थे.