अजमेर. नगर निगम में पट्टे के बदले रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है. अजमेर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने परिवादी की शिकायत पर ट्रैप की कार्रवाई की. लेकिन परिवादी ने रिश्वत की राशि किसी अन्य प्राइवेट व्यक्ति को थमा दी और पैसे लेने वाले व्यक्ति ने किसी तीसरे व्यक्ति को रकम दे दी. पूछताछ के लिए एसीबी ने तीन जनों को हिरासत में लिया है.
एसीबी के अधिकारियों ने कार्रवाई को ट्रैप नहीं माना है. अधिकारी मामले की जांच कर अग्रिम कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं. अजमेर एसीबी के उपमहानिरीक्षक समीर सिंह ने बातचीत में बताया कि परिवादी अजय सिंह रावत ने अजमेर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को शिकायत दी थी. शिकायत में परिवादी ने बताया कि नगर निगम में पट्टे की एवज में उससे 10 हजार रुपए की राशि मांग कर उसे परेशान किया जा रहा है. एसीबी ने शिकायत का सत्यापन करवाने के बाद मंगलवार को ट्रैप के लिए जाल बिछाया, लेकिन परिवादी ने जिस कर्मचारी पर आरोप लगाया था, वह महंगाई राहत कैंप में ड्यूटी देने चला गया. इस कारण कार्रवाई नहीं हो पाई. बुधवार को एसीबी ने दोबारा से ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम दिया.
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उन्होंने बताया कि परिवादी ने रिश्वत की राशि डिमांड करने वाले कार्मिक को पैसे देने की बजाय किसी अन्य प्राइवेट आदमी को पैसे थमा दिए. इससे मामला संदेहास्पद हो गया है. मामले में किसी को भी गिरफ्तार करने से इनकार किया गया है. उपमहानिरीक्षक समीर सिंह ने बताया कि परिवादी से नगर निगम में ड्राफ्टमैन के नाम से उससे रिश्वत मांगी जा रही थी. उन्होंने बताया कि नगर निगम में आरोपी कार्मिक और प्राइवेट व्यक्ति से मामले में पूछताछ की जा रही है. जांच में यदि आरोपी दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा. फिलहाल मामले में किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.