अजमेर. अनिता भदेल ने जनता का समर्थन जुटाने के लिए प्रयास तेज कर दिया है. वोट के लिए भदेल घर-घर दस्तक दे रही हैं. वे चार बार से बीजेपी की विधायक हैं. ऐसे में स्थानीय मुद्दों को लेकर भदेल विपक्षी दल के निशाने पर भी हैं. हालांकि, वे भी स्थानीय मुद्दों के अलावा पेपर लीक, महंगाई, बेरोजगारी और बढ़ते अपराध के मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रही हैं. भदेल ने प्रचार के दौरान ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
बता दें कि अजमेर दक्षिण से अनिता भदेल को पांचवी बार बीजेपी ने मैदान में उतारा है. भदेल चार बार लगातार क्षेत्र से विधायक रह चुकी हैं. वहीं, वसुंधरा सरकार में महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री भी रह चुकी हैं. ऐसे में राजनीति में अनुभवी भी हैं. भदेल का मुकाबला कांग्रेस की उम्मीदवार द्रौपदी कोली से है. भदेल के सामने पहली बार कांग्रेस ने महिला उम्मीदवार को टिकट दिया है. भदेल के पास चुनाव लड़ने का चार बार का अनुभव है, यही वजह है कि भदेल प्रचार में अपना ज्यादा से ज्यादा समय दे रही हैं. लोगों के घर-घर जाकर वोट की अपील कर रही हैं.
उनका कहना है कि अजमेर में पेयजल की समस्या बड़ा मुद्दा है. क्षेत्र में 24 घंटे पेयजल की सप्लाई हो, बेरोजगारों को बेरोजगारी से मुक्ति मिले, वहीं राजस्थान में अमन चैन बना रहे. यहां रेलवे क्रॉसिंग पर आरओबी बनाए जाने का मुद्दा है, जिसके लिए हम काम करेंगे.
कार्यकर्त्ताओं की ताकत से बनेगी सरकार : बातचीत में भाजपा प्रत्याशी अनिता भदेल ने कहा कि कार्यकर्ताओं की ताकत से अजमेर दक्षिण की सीट ही नहीं, बल्कि राजस्थान में सरकार भी बनाएंगे. पेयजल की लंबी समस्या को लेकर भदेल ने कहा कि डिग्गी क्षेत्र में प्रचार चल रहा है. यहां की पेयजल समस्या पानी की टंकी बनाई जाने से हल हो गई है. पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण जल भराव की समस्या यहां नहीं है. उन्होंने कहा कि लोगों की यहां समस्या राशन कार्ड को लेकर है. इस कारण लोगों का नाम खाद्य सुरक्षा गारंटी में नहीं जुड़ सका है. कांग्रेस सरकार पर तंज कसते हुए भदेल ने कहा कि 5 वर्षों से गहलोत सरकार ने पोर्टल नहीं खोला है. इस कारण नए नाम नहीं जुड़ पाए हैं. श्रमिक डायरी की सुविधा भाजपा सरकार में लोगों को मिला करती थी, लेकिन कांग्रेस सरकार ने उसे बंद कर दिया.
योजनाओं का कांग्रेस को नहीं मिलेगा लाभ : प्रचार के दौरान ईटीवी भारत से बातचीत में भाजपा प्रत्याशी भदेल ने कहा कि गहलोत सरकार की योजनाओं का कोई चैलेंज नहीं है. योजना के क्रियान्वयन का लक्षित समूह पॉइंटों में है. इसलिए कांग्रेस को योजनाओं का लाभ चुनाव में मिलने वाला नहीं है.