उदयपुर. राजस्थान में उपचुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं और लगातार बैठकों का दौर चल रहा है. वहीं, इस बार मेवाड़ संभाग की तीन सीटों को लेकर पार्टियों के बीच जोर आजमाइश जारी है. सत्ता पक्ष लगातार इन विधानसभा क्षेत्रों में घोषणाओं के पिटारे के माध्यम से जनता की अपेक्षा और उम्मीदों पर खरा उतरने का दावा पेश कर रहा है, तो वहीं विपक्ष सरकार की नाकामियों को बताते हुए जीत की उम्मीद जता रहा है.
यह तीनों सीटें इतनी महत्वपूर्ण हैं कि इस बार दोनों ही पार्टियां कोई रिस्क नहीं लेना चाहतीं. इसलिए भाजपा ने प्रदेश की चारों सीटों समेत मेवाड़ की सीटों के लिए जमीन को तलाशने और रायशुमारी का नाम लेकर वर्तमान स्थिति को टटोलने के लिए पर्यवेक्षक के रूप में वरिष्ठ नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों को मैदान में उतारा है, जो अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में जाकर भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से रायशुमारी कर रहे हैं और उम्मीदवारों के पोर्टफोलियो को टटोला जा रहा है.
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वहीं, कांग्रेस के मंत्री भी इन क्षेत्रों में जाकर अपनी बात को रख रहे हैं. पिछले दिनों राजसमंद विधानसभा सीट पर जनसंवाद के दौरान कांग्रेस के तीन मंत्री रघु शर्मा, यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, उदयलाल आंजना और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी भी मौजूद रहे और राजसमंद के लिए कई सौगातों का पिटारा खोला तो वहीं कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा वल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र में गजेंद्र सिंह शक्तावत को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे. तब उन्होंने हाथों-हाथ तीन से चार घोषणाओं को अमलीजामा पहनाया था.
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मेवाड़ की इन तीनों सीटों के समीकरण...
राजसमंद : अरावली पर्वत की पहाड़ियों के बीच बसा राजसमंद देश और प्रदेश में अपना खासा महत्व रखता है. यहां की सियासत भी दिलचस्प है, क्योंकि पिछले लंबे समय से भाजपा की देवगन विधायक किरण माहेश्वरी यहां से कांग्रेस को मात देकर जीत रही थीं. लेकिन पिछले दिनों कोरोना के कारण उनका देहांत हो गया, जिस वजह से यहां उपचुनाव का बिगुल बजा. लेकिन माहेश्वरी के निधन के बाद हुए राजसमंद नगर परिषद चुनाव में भाजपा के गढ़ को इस बार कांग्रेस ने ध्वस्त करते हुए अपना बोर्ड बनाने में कामयाब हो गई. जहां भाजपा का हार का मूल कारण गुटबाजी नजर आई तो वहीं दूसरी तरफ टिकट बंटवारे में भी आपसी सामंजस्य नहीं बैठा.
![winning on three seats of mewa](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10691727_rajsamand.jpg)
इस बार यहां से भाजपा और कांग्रेस से कई उम्मीदवार दावेदारी कर रहे हैं. खास करके पिछले दिनों लगातार चर्चाएं चल रही थीं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत यहां से चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन कयासों पर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने जनसंवाद कार्यक्रम में बोलते हुए विराम लगा दिया था. वही, राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी की पुत्री दीप्ति माहेश्वरी भी मैदान में जुटी भी नजर आ रही हैं. इन्हीं के साथ भाजपा के पूर्व सांसद हरिओम सिंह के पुत्र करणवीर सिंह भी मैदान में जमीन तलाश रहे हैं. भाजपा की ओर से जहां दो दर्जन से अधिक दावेदार नजर आ रहे हैं तो कांग्रेस में भी उम्मीदवारों की भरमार है. कांग्रेस इस सीट को जीतना चाहती है, क्योंकि लंबे समय से यहां से उसे जीत नहीं मिल पाई है.
वल्लभनगर : वल्लभनगर विधानसभा सीट जीतने के लिए भाजपा, कांग्रेस और जनता सेना इस बार विधानसभा उपचुनाव में जनता से अपने समर्थन के लिए वोट की अपील कर रही हैं. स्वर्गीय विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत के निधन के बाद यहां चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हुई, लेकिन दोनों ही पार्टियों के लिए चुनौती बनी हुई है. जहां कांग्रेस से टिकट के लिए स्वर्गीय विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत की पत्नी प्रीति शक्तावत के समर्थक उन्हें टिकट देने की मांग कर रहे हैं तो वहीं गजेंद्र सिंह शक्तावत के बड़े भाई देवेंद्र सिंह शक्तावत भी चुनावी रण में उतरने का मन बना रहे हैं.
![winning on three seats of mewa](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10691727_vallabh.jpg)
भाजपा की ओर से भी कई नेता दावेदारी कर रहे हैं. इस बार के निकाय चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों को नकारते हुए नगर पालिका चुनाव में जनता ने रणधीर सिंह भिंडर की पार्टी जनता सेना पर विश्वास जताया और दोनों ही पार्टियों को निकालने का काम किया. इसलिए रणधीर सिंह भींडर मजबूती के साथ मैदान में दिखाई दे रहे हैं.
![winning on three seats of mewa](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10691727_sahada.jpg)
सहाड़ा : सहाड़ा विधानसभा सीट पर कांग्रेस विधायक कैलाश त्रिवेदी के निधन के बाद यहां भी उपचुनाव होना है. यहां सभी भाजपा और कांग्रेस के कई दावेदारों की कतार है. इन तीनों विधानसभाओं के अपने-अपने मुद्दे हैं. अब इन मुद्दों को कौन धरातल पर जनता के बीच में सही तरह से उठाता है और पहुंचाने का काम करता है यह अलग बात होगी, लेकिन जनता किस पर विश्वास करती है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.