उदयपुर. देश के भूतपूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को तोलने के लिए मंगवाया गया 56 किलो सोना अब जिला प्रशासन कस्टम विभाग टीम को सुपुर्द करने में जुटा हुआ है. लंबे समय से रखा यह सोना अब कस्टम विभाग के सुपुर्द करने की कार्रवाई की जा रही है.
मौजूदा दर के मुताबिक बाजार में इसकी कीमत करीब 27 करोड़ रुपए है. सुबह से ही उदयपुर जिला कलेक्ट्री में चाक-चौबंद पुलिस व्यवस्था के बीच इस सोने को कस्टम विभाग के अधिकारियों को सौंपा जा रहा है. गत साल कोर्ट ने फैसला देते हुए इस सोने को उदयपुर ट्रेजडी में रखवाया था.
पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री के स्वागत में उन्हें तोलने के लिए भेंट किया गया 56 किलो 857 ग्राम सोना सेंट्रल जीएसटी डिपार्टमेंट के सुपुर्द किया गया है. बता दें कि वर्ष 1965 में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्तौड़गढ़ आने का कार्यक्रम था. उस दौरान बड़ी सादड़ी निवासी गणपत लाल आंजना ने शास्त्री जी के स्वागत में उन्हें तोलने के लिए उनके वजन के बराबर सोना तत्कालीन कलेक्टर को भेंट किया था.
लेकिन मेवाड़ आने से पहले ही शास्त्रीजी का निधन हो गया. वे मेवाड़ नहीं आ सके. इसलिए यह सोना प्रशासन के पास ही रखा रह गया. इस बीच आंजना परिवार ने इस सोने को वापस लेने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी. अब इस पूरे सोने को कस्टम विभाग को सौंपा जा रहा है.
सोने को लेकर देर रात रवाना हुई सीजीएसटी की टीम
वहीं, कड़ी सुरक्षा के बीच सीजीएसटी की टीम देर रात सोने को लेकर रवाना हुई. पूरे दिन सोने की सुपुर्दगी को लेकर लंबी कार्रवाई चली थी. बता दें, सोना तोलने के दौरान 3 किलो 800 ग्राम से अधिक था. ऐसे में शेष सोने की सुपुर्दगी बाद में होगी. सुपुर्द किए गए सोने की बाजार कीमत करीब 27 करोड़ रुपए बताई जा रही है.