उदयपुर. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा भारत में कुल 75 कृषि विश्वविद्यालयों, पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय स्तर के केंद्रीय कृषि संस्थाओं की हाल ही में राष्ट्रीय स्तर की रैंकिंग सूची जारी की गई है. जिसमें उदयपुर के महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने उपलब्धि हासिल करते हुए इस बार देश में 21वां स्थान प्राप्त किया है. साथ ही में प्रदेश में कृषि विश्वविद्यालय, पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों और राष्ट्रीय स्तर के कृषि संस्थाओं में विश्वविद्यालय ने प्रथम स्थान पर कब्जा किया है.
महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर नरेंद्र सिंह राठौड़ ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. विश्वविद्यालय की इस बड़ी उपलब्धि पर उन्होंने कहा कि सभी इकाइयों में सेवारत वैज्ञानिक, शिक्षकों, प्रशासनिक अधिकारियों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों की मेहनत के कारण यह सफलता अर्जित हुई है.
उन्होंने बताया कि आईसीएआर से मिलने वाली आर्थिक सहायता में एमपीयूएटी को प्राथमिकता मिलेगी. उन्होंने कहा कि इससे राष्ट्रीय स्तर पर अनेक प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को हमारे विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने और अध्ययन की प्रेरणा मिलेगी. साथ ही आने वाले दिनों में इसी प्रकार प्रयास किया जाएगा. जिससे भारत के टॉप टेन विश्वविद्यालय में शामिल हो सके.
विगत एक वर्ष में विश्वविद्यालय में शिक्षा अनुसंधान और प्रसार शिक्षा में किए गए प्रशंसनीय कार्यों के साथ ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शिक्षण संस्थाओं के साथ अनुबंधन उत्कर्ष शोध प्रकाशनों के आधार पर यह रैंकिंग प्रदान की गई है. इसमें कृषि अभियांत्रिकी, मत्स्यकी, समुदाय विज्ञान, डेरी और खाद्य प्रौद्योगिकी अध्ययन में विद्यार्थियों के चयन में उत्कृष्ट शोध प्रबंधक विद्यार्थियों की राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान सेवा में चयन, राष्ट्रीय पुरस्कार, संकाय, सदस्यों की उच्च शिक्षा पुस्तकालय, पुस्तकालय एवं सूचना प्रौद्योगिकी और विद्यार्थियों के उच्च सेवाओं के चयन के आधार बनाया जाता है.
इसी प्रकार शोध पत्रों की गुणवत्ता पेंडेंट, नवीन प्रजातियां की खोज, विश्वविद्यालय द्वारा प्रजन जनक बीजों का उत्पादन और उत्तम श्रेणी की शोध परियोजनाओं की अनुसंधान गुण वक्ताओं को मानक बनाया जाता है. जिसे रैंकिंग में मुख्य आधार बनाया जाता है. उन्होंने बताया कि कृषि को लेकर आने वाले दिनों में सरलीकरण किया जाएगा. साथ ही उन्होंने युवाओं से कृषि भूमिका निभाने को लेकर भी आह्वान किया. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा नवीन पदों की भर्ती करने के कारण और ज्यादा सुधार होगा. केंद्र से भी लगातार फंड मिलना चालू हो गया है. हम अन्य विकल्पों में भी लगातार सुधार कर रहे हैं. जिनकी वजह से हम लगातार पिछड़ रहे थे.