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175 गवाह, 5500 से अधिक पन्नों के 500 डॉक्यूमेंट्री एविडेंस...और फिर IM के 12 आतंकियों को आजीवन कारावास - jaipur bomb blast

राजस्थान 2013 में इंडियन मुजाहिदीन की ओर से स्लीपर सेल बनाकर प्रदेश के प्रमुख शहरों और पर्यटन स्थलों पर आतंकी घटनाओं को अंजाम देने वाले 12 आतंकियों पर न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए आजीवन कारावास की सजा दी है. इस फैसले के बाद उन पुलिसकर्मियों को भी राहत मिली है, जिन्होंने इस केस में दिन रात एक कर लगातार काम करते रहे.

investigating policemen expressed happiness
आतंकियों को आजीवन कारावास
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Published : Mar 31, 2021, 6:48 AM IST

Updated : Mar 31, 2021, 9:30 AM IST

उदयपुर. जयपुर सहित अन्य स्थानों पर आतंकी हमले की साजिश से जुड़े मामले में दिल्ली से गिरफ्तार हुए आतंकियों से मिले इनपुट के बाद राजस्थान एटीएस और एसओजी ने जयपुर, जोधपुर, सीकर सहित दूसरे अन्य जगहों से 1 दर्जन से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इनके कब्जे से बम बनाने का सामान भी बरामद हुआ था. प्रकरण को लेकर 28 मार्च 2014 को एटीएस ने एफआईआरदर्ज कर 17 दिसंबर 2014 को 13 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था.

जिसको लेकर मंगलवार को महानगर के सत्र न्यायालय प्रथम ने 12 लोगों के खिलाफ आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इस पूरे मामले की तफ्तीश कर रहे अनंत कुमार ने कोर्ट के फैसले के बाद खुशी जाहिर की. अनंत कुमार के मुताबिक इस केस की गंभीरता को लेकर हमारी पूरी टीम मुस्तैदी से तफ्तीश कर रही थी. प्रदेश के कई जिलों में हमारी टीम ने छानबीन की. इसे लेकर करीब 175 गवाह 5500 से अधिक पन्नों के 500 डॉक्यूमेंट्री एविडेंस भी खंगाले.

पढ़ें : इंडियन मुजाहिदीन के 12 आतंकियों को आजीवन कारावास, एक बरी

उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले को लेकर न्यायालय ने जो फैसला दिया है, इससे हमें खुशी मिली है. उन्होंने कहा कि इस घटना में शामिल सभी लोगों का ब्रेनवाश किया गया था. ये लोग शहर की आबोहवा को खराब करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन इंडियन मुजाहिदीन के स्लीपर सेल को पुलिस की मेहनत से पकड़ लिया गया और इनकी गुनाहों की सजा मिल गई.

क्या था मामला और अभियोजन पक्ष ने क्या दी दलील...

अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि वर्ष 2013 में इंडियन मुजाहिद्दीन की ओर से स्लीपर सेल बनाकर प्रदेश के प्रमुख शहरों और पर्यटन स्थलों पर आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की पुख्ता जानकारी मिली थी. राजस्थान एटीएस के सूचना सत्यापन के बाद जयपुर के मोतीडूंगरी गणेश मंदिर, बिरला मंदिर, वर्ल्ड ट्रेड पार्क और भरतपुर के गंगा मंदिर और लक्ष्मण मंदिर के साथ ही मुख्य बाजार में बम विस्फोट करने के तथ्य सामने आए.

वहीं, दिल्ली से गिरफ्तार हुए आंतकियों से मिले इनपुट के बाद राजस्थान एटीएस और एसओजी ने जयपुर, जोधपुर और सीकर सहित दूसरी अन्य जगहों से एक दर्जन से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इनके कब्जे से बम बनाने का सामान भी बरामद हुआ था. प्रकरण को लेकर 28 मार्च 2014 को एटीएस ने एफआईआर दर्ज कर 17 सितंबर 2014 को 13 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था.

इन अभियुक्तों को सुनाई सजा...

मोहम्मद अम्मार यासर, मोहम्मद सज्जाद, मोहम्मद आकिब, मोहम्मद उमर, अब्दुल वाहिद गौरी, मोहम्मद वकार, अब्दुल माजिद, मोहम्मद मारूफ, वकार अजहर, बरकत अली, मोहम्मद साकिब अंसारी, अशरफ अली खान को सजा सुनाई गई है.

इन धाराओं में किया अपराध...

अदालत ने अभियुक्तों को भारतीय दंड संहिता की धारा 121 में आजीवन कारावास की सजा देने के साथ ही आईपीसी की धारा 121ए, 122, 465, 468, 471 और 120बी के साथ ही विधि विरूद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम की धारा 16, 17, 18, 18ए, 18बी, 19, 20 और 23 एवं विस्फोटक अधिनियम की धारा 4, 5 और धारा 6 के तहत सजा सुनाई है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस माह में सुनानी थी सजा...

मामले से जुडे सरकारी वकील लियाकत खान ने बताया कि प्रकरण के निस्तारण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के दिशा- निर्देश जारी कर रखे थे. प्रकरण के आरोपी की ओर से मामले का जल्द निस्तारण के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी. जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने गत 26 मई को प्रकरण का जल्द निस्तारण करने को कहा था. जिसके चलते पिछले करीब ढाई माह से प्रकरण की नियमित सुनवाई की जा रही थी. इस दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 178 गवाहों और पांच सौ से अधिक दस्तावेजों को अदालत में प्रदर्शित कराया गया.

इन आरोपियों के खिलाफ लंबित है मामला...

प्रकरण से जुड़े छह अन्य आरोपी मोहम्मद मेहराजुद्दीन, तहसीन अख्तर, मोहम्मद अता, जियाउरर्रहमान, इकबाल भटकल और रियाज भटकल भी हैं. इसमें से जियाउरर्रमान दिल्ली की तिहाड जेल, इकबाल और रियाज भटकर पाकिस्तान में हैं जबकि शेष तीन फरार चल रहे हैं.

उदयपुर. जयपुर सहित अन्य स्थानों पर आतंकी हमले की साजिश से जुड़े मामले में दिल्ली से गिरफ्तार हुए आतंकियों से मिले इनपुट के बाद राजस्थान एटीएस और एसओजी ने जयपुर, जोधपुर, सीकर सहित दूसरे अन्य जगहों से 1 दर्जन से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इनके कब्जे से बम बनाने का सामान भी बरामद हुआ था. प्रकरण को लेकर 28 मार्च 2014 को एटीएस ने एफआईआरदर्ज कर 17 दिसंबर 2014 को 13 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था.

जिसको लेकर मंगलवार को महानगर के सत्र न्यायालय प्रथम ने 12 लोगों के खिलाफ आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इस पूरे मामले की तफ्तीश कर रहे अनंत कुमार ने कोर्ट के फैसले के बाद खुशी जाहिर की. अनंत कुमार के मुताबिक इस केस की गंभीरता को लेकर हमारी पूरी टीम मुस्तैदी से तफ्तीश कर रही थी. प्रदेश के कई जिलों में हमारी टीम ने छानबीन की. इसे लेकर करीब 175 गवाह 5500 से अधिक पन्नों के 500 डॉक्यूमेंट्री एविडेंस भी खंगाले.

पढ़ें : इंडियन मुजाहिदीन के 12 आतंकियों को आजीवन कारावास, एक बरी

उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले को लेकर न्यायालय ने जो फैसला दिया है, इससे हमें खुशी मिली है. उन्होंने कहा कि इस घटना में शामिल सभी लोगों का ब्रेनवाश किया गया था. ये लोग शहर की आबोहवा को खराब करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन इंडियन मुजाहिदीन के स्लीपर सेल को पुलिस की मेहनत से पकड़ लिया गया और इनकी गुनाहों की सजा मिल गई.

क्या था मामला और अभियोजन पक्ष ने क्या दी दलील...

अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि वर्ष 2013 में इंडियन मुजाहिद्दीन की ओर से स्लीपर सेल बनाकर प्रदेश के प्रमुख शहरों और पर्यटन स्थलों पर आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की पुख्ता जानकारी मिली थी. राजस्थान एटीएस के सूचना सत्यापन के बाद जयपुर के मोतीडूंगरी गणेश मंदिर, बिरला मंदिर, वर्ल्ड ट्रेड पार्क और भरतपुर के गंगा मंदिर और लक्ष्मण मंदिर के साथ ही मुख्य बाजार में बम विस्फोट करने के तथ्य सामने आए.

वहीं, दिल्ली से गिरफ्तार हुए आंतकियों से मिले इनपुट के बाद राजस्थान एटीएस और एसओजी ने जयपुर, जोधपुर और सीकर सहित दूसरी अन्य जगहों से एक दर्जन से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इनके कब्जे से बम बनाने का सामान भी बरामद हुआ था. प्रकरण को लेकर 28 मार्च 2014 को एटीएस ने एफआईआर दर्ज कर 17 सितंबर 2014 को 13 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था.

इन अभियुक्तों को सुनाई सजा...

मोहम्मद अम्मार यासर, मोहम्मद सज्जाद, मोहम्मद आकिब, मोहम्मद उमर, अब्दुल वाहिद गौरी, मोहम्मद वकार, अब्दुल माजिद, मोहम्मद मारूफ, वकार अजहर, बरकत अली, मोहम्मद साकिब अंसारी, अशरफ अली खान को सजा सुनाई गई है.

इन धाराओं में किया अपराध...

अदालत ने अभियुक्तों को भारतीय दंड संहिता की धारा 121 में आजीवन कारावास की सजा देने के साथ ही आईपीसी की धारा 121ए, 122, 465, 468, 471 और 120बी के साथ ही विधि विरूद्ध क्रियाकलाप निवारण अधिनियम की धारा 16, 17, 18, 18ए, 18बी, 19, 20 और 23 एवं विस्फोटक अधिनियम की धारा 4, 5 और धारा 6 के तहत सजा सुनाई है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस माह में सुनानी थी सजा...

मामले से जुडे सरकारी वकील लियाकत खान ने बताया कि प्रकरण के निस्तारण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के दिशा- निर्देश जारी कर रखे थे. प्रकरण के आरोपी की ओर से मामले का जल्द निस्तारण के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी. जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने गत 26 मई को प्रकरण का जल्द निस्तारण करने को कहा था. जिसके चलते पिछले करीब ढाई माह से प्रकरण की नियमित सुनवाई की जा रही थी. इस दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 178 गवाहों और पांच सौ से अधिक दस्तावेजों को अदालत में प्रदर्शित कराया गया.

इन आरोपियों के खिलाफ लंबित है मामला...

प्रकरण से जुड़े छह अन्य आरोपी मोहम्मद मेहराजुद्दीन, तहसीन अख्तर, मोहम्मद अता, जियाउरर्रहमान, इकबाल भटकल और रियाज भटकल भी हैं. इसमें से जियाउरर्रमान दिल्ली की तिहाड जेल, इकबाल और रियाज भटकर पाकिस्तान में हैं जबकि शेष तीन फरार चल रहे हैं.

Last Updated : Mar 31, 2021, 9:30 AM IST
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