उदयपुर. राजस्थान में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सीएम गहलोत के पिटारे से कई बड़ी घोषणाएं की गईं. गहलोत सरकार ने पर्यटन विकास कोष की राशि को बढ़ाकर 1000 करोड़ कर दिया. इसके साथ ही पर्यटन विकास के लिए दो नए पर्यटन स्थल विकसित करने का दावा किया. घोषणा के मुताबिक प्रदेश में 500 पर्यटन मित्रों की भर्ती की जाएगी. लोक कलाकारों के मानदेय में भी 25% की बढ़ोतरी की जाएगी.
पर्यटन से जुड़े लोग कई दिनों से इसे उद्योग के तौर पर मान्यता देने की डिमांड कर रहे थे. इसे पूरा करते हुए गहलोत ने पर्यटन सेक्टर को उद्योग का दर्जा देने की घोषणा की. इसके साथ ही स्टेट गेस्ट हाउस के रूप में विकसित करने के लिए डीपीआर की भी घोषणा की. घोषणा के मुताबिक उदयपुर स्थित खासा कोठी को स्टेट गेस्ट हाउस के रूप में विकसित किया जाएगा. पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एडवेंचर टूरिज्म की स्कीम का भी दावा किया गया है. ऑनलाइन बुकिंग एप भी विकसित किए जाने की बात सीएम ने पटल पर रखी.
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इन बिंदुओं पर भी जोर;
- वागड़ टूरिस्ट सर्किट विकसित किया जाएगा.
- त्रिनेत्र गणेश मंदिर, रणथंबोर और रामेश्वर महादेव मंदिर हिंडोली के लिए रोपवे डीपीआर तैयार की जाएगी.
- डूंगरपुर और बांसवाड़ा में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बेणेश्वर,त्रिपुरा सुंदरी समेत अनेकों स्थानों पर नई योजना के साथ वागड़ टूरिस्ट क्षेत्र बनाने पर काम किया जाएगा.
- बांसवाड़ा में बांधो का जीर्णोद्धार करवाया जाएगा.
- इसके साथ ही पर्यटन को बढ़ाने के लिए एडवेंचर टूरिज्म प्रमोट स्कीम लाई जाएगी.
पर्यटन के अलावा उदयपुर की अन्य घोषणाएं:
- उदयपुर में विकास प्राधिकरण.
- वल्लभनगर में रीको इंडस्ट्रीज बनाने और खेरवाड़ा में एग्रीकल्चर कॉलेज खोले जाएंगे
- अतिरिक्त सीएमएचओ ऑफिस खोले जाने की घोषणा की
- झल्लारा पीएससी को सीएससी में क्रमोन्नत करने की घोषणा
- उदयपुर के महाराणा प्रताप खेल गांव में सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक बनाए जाने की भी घोषणा
- गिरवा में एक खेल स्टेडियम बनाया जाएगा.
- कोटडा तहसील में नए बांध बनाने की घोषणा
- उदयपुर में मिनी फूड पार्क बनाने की घोषणा की गई
झील विकास प्राधिकरण का मुख्यालय जयपुर न शिफ्ट करने से निराशा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पिटारे से टूरिज्म इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए कई घोषणाएं की गईं. इसे लेकर ईटीवी भारत ने होटल इंडस्ट्री और पर्यटन विभाग से जुड़े हुए लोगों की इस बजट को लेकर प्रतिक्रिया जानी. इस दौरान होटल इंडस्ट्री से जुड़े हुए लोगों ने इस बजट को अच्छा बताया, लेकिन लोगों का कहना था कि सीएम गहलोत को अपने बजट में राजस्थान झील विकास प्राधिकरण मुख्यालय का पहला हक उदयपुर को देना चाहिए था. ऐसा इसलिए क्योंकि उदयपुर संभाग में झील और तालाब सर्वाधिक हैं.
झीलों की नगरी उदयपुर में सर्वाधिक पर्यटक देश-दुनिया से घूमने आते हैं. ऐसे में लंबे समय से होटल इंडस्ट्री से जुड़े हुए लोगों की ही मानती की झील विकास प्राधिकरण का मुख्यालय जयपुर से उदयपुर शिफ्ट करने को लेकर बार-बार मांग उठाई जा रही थी. लेकिन इस बार भी सरकार ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया. पर्यटन सेक्टर को उद्योग का दर्जा दिए जाने को लेकर इंडस्ट्री के लोगों ने खुशी जाहिर की है.