उदयपुर. जिला परिषद की साधारण सभा की पहली बैठक सोमवार को जिला परिषद सभागार में जिला प्रमुख ममता कुंवर पंवार की अध्यक्षता में आयोजित हुई. बैठक में जनप्रतिनिधियों ने पानी, बिजली, शिक्षा, चिकित्सा और सिंचाई से संबंधित समस्याओं को उठाया.
सांसद अर्जुनलाल मीणा, उदयपुर (ग्रामीण) विधायक फूलसिंह मीणा, खेरवाड़ा विधायक दयाराम परमार, धरियावद विधायक गौतमलाल मीणा, सलूम्बर विधायक अमृतलाल मीणा, गोगुन्दा विधायक प्रताप गमेती, झाड़ोल विधायक बाबूलाल खराड़ी, उप-जिला प्रमुख पुष्कर तेली सहित जिला परिषद सदस्यों और प्रधानों की मौजूदगी में जनता से जुड़ी समस्याओं और उनके समाधान पर चर्चा की गई. बैठक में जिला कलक्टर चेतन देवड़ा, जिला परिषद सीईओ डॉ. मंजू तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी विभागीय प्रगति रिपोर्ट के साथ उपस्थित थे.
सबसे युवा जिला प्रमुख की पहली मीटिंग
राज्य में सबसे युवा जिला प्रमुख ममता कुंवर की यह पहली साधारण सभा की बैठक थी. ममता ने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि जनता की सेवा करना हमारा धर्म है. यदि हमारे प्रयासों से किसी गरीब को सरकारी योजना का लाभ मिलता है तो इससे बड़ा पुण्य का काम नहीं हो सकता. उदयपुर जिले में के ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हम सबको कंधे से कंधा मिलाकर प्रयास करने होंगे. समाज में सबसे अंतिम पायदान पर खडे़ व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचना चाहिए. उन्होंने विकास कार्यों में तेजी लाने की आवश्यकता भी जताई.
जनता की आवाज ऊपर तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारीः कलक्टर
कलक्टर चेतन देवड़ा ने कहा कि प्रत्येक अधिकारी का यह दायित्व है कि जनता से जुड़ी समस्याओं का त्वरित निराकरण और समय पर काम पूरा करें. यदि जनकल्याण से जुड़ी किसी योजना के क्रियान्वयन में कोई व्यवहारिक या नीतिगत अड़चन आ रही हो तो इस बारे में सरकार को अवगत करवाना हमारी जिम्मेदारी है. हाथ पर हाथ रखकर बैठने से समस्या का समाधान नहीं हो सकता.
कलक्टर की हेल्पलाइन 24 घंटे चालू
बैठक में जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की समस्या का मुद्दा उठाते हुए अधिकारियों के फोन नहीं उठाने की शिकायत की, जिस पर जिला कलक्टर ने कहा कि यदि बिजली विभाग का कोई अधिकारी फोन नहीं उठाता है, तो मेरे मोबाइल पर फोन कर सकते हैं. मेरी हेल्पलाईन 24 घंटे चालू है.
कोराना संक्रमण पर हुई चर्चा
कोविड-19 के संक्रमण की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए बैठक में सबसे पहले चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग से जुडे़ मुद्दों पर चर्चा की गई. इस दौरान कलक्टर देवड़ा ने बताया कि जनता में सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क को लेकर जागरुकता में कमी आई है. इसी वजह से उदयपुर जिले में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा दिनोंदिन बढ़ रहा है. सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी ने बताया कि सोमवार तक कोविड के 462 मरीज हॉस्पिटल में भर्ती हो चुके हैं. इस अवसर पर मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना को लेकर भी जनप्रतिनिधियों ने सवाल पूछे, जिनका संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा विस्तार से जवाब दिया गया. जिला परिषद सीईओ डॉ. मंजू ने सभी जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों का आभार व्यक्त किया.
मीटिंग में उठे ये मुद्दे
साधारण सभा की बैठक में जनप्रतिनिधियों ने मावली, कोटड़ा, गोगुन्दा सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, पेयजल, बिजली, स्वास्थ्य सेवाओं और सिंचाई से जुड़ी समस्याओं को उठाया, जिस पर जिला कलक्टर ने संबंधित अधिकारियों को जनता की समस्याओं के शीघ्र समाधान के निर्देश दिए. शहरी क्षेत्रों में पेयजल की समस्या के समाधान को लेकर भी कलक्टर ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी इलाके में पेयजल की किल्लत नहीं होनी चाहिए.
योजनाओं की समीक्षा, बनाया एक्शन प्लान
जिला परिषद सीईओ डॉ. मंजू ने बताया कि राज्य सरकार से प्राप्त निर्देशानुसार स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के दूसरे चरण की नई गाइडलाइन के अनुसार ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के लिए उदयपुर जिले के 500 गांवों की डीपीआर राशि लगभग 102 करोड़ 51 लाख रूपये का प्रस्ताव सदन में अनुमोदन के लिए रखा गया था. इसके साथ ही चिकित्सा, जल संसाधन, कृषि, एवीवीएनएल, शिक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, महिला एवं बाल विकास, वन, सार्वजनिक निर्माण विभाग सहित विभिन्न विभागों की योजनाओं की समीक्षा की गई.