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नहीं रही सोनकली, विश्व हाथी दिवस पर ली अंतिम सांस - Hathini Sonkali dies in Udaipur

आज विश्व एलिफेंट डे मनाया जा रहा है. वहीं उदयपुर की हथिनी सोनकली की बीमारी के कारण बुधवार को मौत हो गई. डॉक्टरों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान सोनकली एक ही जगह पर बैठी रही, जिसके चलते उसे बीमारियों ने जकड़ लिया और बुधवार को उसकी मौत हो गई.

Hathini Sonkali died in Udaipur,  Udaipur News
विश्व हाथी दिवस पर शांत हुई 'सोनकली'
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Published : Aug 12, 2020, 8:12 PM IST

Updated : Aug 12, 2020, 8:24 PM IST

उदयपुर. चेतक का शहर उदयपुर बुधवार को हथिनी सोनकली के जाने से गमगीन हो गया है. सोनकली पिछले कुछ महीनों से अस्वस्थ चल रही थी, जिसका डॉक्टरों द्वारा उपचार जारी था. लेकिन बुधवार को विश्व हाथी दिवस के मौके पर उदयपुर की सोनकली ने अपने प्राण त्याग दिए.

विश्व हाथी दिवस पर शांत हुई 'सोनकली'

देश में पिछले दिनों केरल में हथिनी की मौत के बाद सोशल मीडिया और आम जनता में हाथियों को बचाने की मुहिम शुरू हो गई थी. इसी मुहिम के तहत पिछले लंबे समय से बीमार चल रही उदयपुर की सोनकली को बचाने के लिए भी बड़ी संख्या में वन्य प्रेमी एकत्रित हुए और लंबे समय से बीमार चल रही सोनकली के उपचार के प्रयास करने में जुट गए. लेकिन पिछले कुछ महीनों से जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही, उदयपुर की शान हथिनी सोनकली जिंदगी की जंग हार गई.

Hathini Sonkali died in Udaipur,  Udaipur News
शांत हुई 'सोनकली'

पढ़ें- World Elephant Day: हथिनी 'सोनकली' का उपचार करने UP से पहुंची डॉक्टर्स की विशेष टीम

4 महीनों से बीमार थी सोनकली

बता दें कि सोनकली पिछले 4 महीनों से बीमार चल रही थी और उसे बुधवार को दूसरी बार क्रेन के सहारे अपने पैरों पर खड़ा किया गया था, लेकिन सोनकली ज्यादा वक्त तक अपने पैरों पर खड़ी नहीं रह पाई और जिंदगी की जंग हार गई.

सोनकली के पैरों में समस्या थी...

जानकारी के अनुसार लॉकडाउन के बाद से ही सोनकली के पैर में समस्या आ रही थी. मथुरा से पहुंची टीम ने बताया कि सोनकली को गठिया की समस्या है और इसी के चलते इसका लगातार उपचार होना जरूरी हो गया है. डॉक्टर का कहना था कि सोनकली अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो पा रही, ऐसे में अगर स्थिति और बिगड़ती है तो इसे मथुरा की हाथी शाला ले जाना पड़ेगा. लेकिन इससे पहले ही सोनकली की मौत हो गई.

शहर के पशु प्रेमी गमगीन

सोनकली की मृत्यु के बाद पूरे शहर में पशु प्रेमी गमगीन हैं और अपनी चहेती सोनकली को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंच रहे हैं. सोनकली के चाहने वालों का कहना है कि हम नहीं सोच सकते कि अब हमारी सोनकली हमारे बीच में नहीं रही. वहीं, कुछ लोग सोनकली को याद कर अपनी आंखों से आंसू भी नहीं रोक पाए.

विश्व हाथी दिवस के दिन ही तोड़ा दम?

विश्व हाथी दिवस हर साल 12 अगस्त को मनाया जाता है. इस अंतरराष्ट्रीय वार्षिक कार्यक्रम का उद्देश्य दुनिया भर के हाथियों के प्रति जागरूकता और संरक्षण को बढ़ावा देना है. दरअसल, साल 2011 में कनाडा फिल्म निर्माताओं पेट्रीसिया सिम्स कैनाजवेस्ट पिक्चर्स के माइकल क्लार्क और थाइलैंड में एलिफेंट रिइंट्रोडक्शन फाउंडेशन के महासचिव सिवापोर्न डार्डरानंद ने इस दिवस को मनाए जाने की कल्पना की थी.

उदयपुर. चेतक का शहर उदयपुर बुधवार को हथिनी सोनकली के जाने से गमगीन हो गया है. सोनकली पिछले कुछ महीनों से अस्वस्थ चल रही थी, जिसका डॉक्टरों द्वारा उपचार जारी था. लेकिन बुधवार को विश्व हाथी दिवस के मौके पर उदयपुर की सोनकली ने अपने प्राण त्याग दिए.

विश्व हाथी दिवस पर शांत हुई 'सोनकली'

देश में पिछले दिनों केरल में हथिनी की मौत के बाद सोशल मीडिया और आम जनता में हाथियों को बचाने की मुहिम शुरू हो गई थी. इसी मुहिम के तहत पिछले लंबे समय से बीमार चल रही उदयपुर की सोनकली को बचाने के लिए भी बड़ी संख्या में वन्य प्रेमी एकत्रित हुए और लंबे समय से बीमार चल रही सोनकली के उपचार के प्रयास करने में जुट गए. लेकिन पिछले कुछ महीनों से जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही, उदयपुर की शान हथिनी सोनकली जिंदगी की जंग हार गई.

Hathini Sonkali died in Udaipur,  Udaipur News
शांत हुई 'सोनकली'

पढ़ें- World Elephant Day: हथिनी 'सोनकली' का उपचार करने UP से पहुंची डॉक्टर्स की विशेष टीम

4 महीनों से बीमार थी सोनकली

बता दें कि सोनकली पिछले 4 महीनों से बीमार चल रही थी और उसे बुधवार को दूसरी बार क्रेन के सहारे अपने पैरों पर खड़ा किया गया था, लेकिन सोनकली ज्यादा वक्त तक अपने पैरों पर खड़ी नहीं रह पाई और जिंदगी की जंग हार गई.

सोनकली के पैरों में समस्या थी...

जानकारी के अनुसार लॉकडाउन के बाद से ही सोनकली के पैर में समस्या आ रही थी. मथुरा से पहुंची टीम ने बताया कि सोनकली को गठिया की समस्या है और इसी के चलते इसका लगातार उपचार होना जरूरी हो गया है. डॉक्टर का कहना था कि सोनकली अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो पा रही, ऐसे में अगर स्थिति और बिगड़ती है तो इसे मथुरा की हाथी शाला ले जाना पड़ेगा. लेकिन इससे पहले ही सोनकली की मौत हो गई.

शहर के पशु प्रेमी गमगीन

सोनकली की मृत्यु के बाद पूरे शहर में पशु प्रेमी गमगीन हैं और अपनी चहेती सोनकली को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंच रहे हैं. सोनकली के चाहने वालों का कहना है कि हम नहीं सोच सकते कि अब हमारी सोनकली हमारे बीच में नहीं रही. वहीं, कुछ लोग सोनकली को याद कर अपनी आंखों से आंसू भी नहीं रोक पाए.

विश्व हाथी दिवस के दिन ही तोड़ा दम?

विश्व हाथी दिवस हर साल 12 अगस्त को मनाया जाता है. इस अंतरराष्ट्रीय वार्षिक कार्यक्रम का उद्देश्य दुनिया भर के हाथियों के प्रति जागरूकता और संरक्षण को बढ़ावा देना है. दरअसल, साल 2011 में कनाडा फिल्म निर्माताओं पेट्रीसिया सिम्स कैनाजवेस्ट पिक्चर्स के माइकल क्लार्क और थाइलैंड में एलिफेंट रिइंट्रोडक्शन फाउंडेशन के महासचिव सिवापोर्न डार्डरानंद ने इस दिवस को मनाए जाने की कल्पना की थी.

Last Updated : Aug 12, 2020, 8:24 PM IST
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