उदयपुर. कलेक्ट्रेट सभागार में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला पर्यटन विकास समिति की बैठक हुई. जिला कलेक्टर ने उदयपुर के सभी पर्यटन स्थलों के उचित रखरखाव के साथ आवश्यक सुविधाओं के इंतजाम के निर्देश दिए. इस अवसर पर जिला कलेक्टर चेतन देवड़ा ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में उदयपुर अपना विशिष्ट स्थान रखता है. यहां आने वाला हर पर्यटक हमारा मेहमान है और जो पर्यटक यहां आता है, वह सुनहरी यादें लेकर यहां से लौटे और दोबारा आए. इसके लिए पर्यटन की दिशा में सकारात्मक प्रयास करने होंगे.
पर्यटन की बाधाओं को दूर करने की कोशिश
जिला कलेक्टर ने शहर के प्रमुख पर्यटक स्थलों तक जाने के लिए सुगम यातायात, उपयुक्त पार्किंग व्यवस्था, पर्यटक स्थलों पर जन सुविधाएं, शहर के प्रमुख पॉइंट्स पर सुलभ कॉम्पलेक्स, पूछताछ केन्द्र आदि के संबंध में संबंधित विभागों को निर्देश दिए. कलक्टर ने पर्यटन स्थलों पर कोविड से बचाव की जानकारी के साईनेज/फ्लेक्स लगाने, हेल्प डेस्क लगाने, दुर्घटना संभावित पर्यटक स्थल यथा बड़ी लेक, सज्जनगढ़, गणगौर घाट, मांजी का मंदिर, फतेहसागर पाल आदि पर नो-सेल्फी जोन घोषित कर साईनेज लगवाने, पर्यटक थाने की नफरी बढ़ाने एवं पर्यटकों से संबंधित समस्याओं पर कार्यवाही करने, पुराने शहर एवं पर्यटक स्थलों से आवारा पशुओं को हटवाने, सम्पूर्ण शहर एवं प्रमुख पर्यटन स्थलों पर सफाई व्यवस्था बनाए रखने, लपकों के विरूद्ध अभियान चलाकर नियमित कार्यवाही करने आदि के संबंध में निर्देश प्रदान किए.
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पर्यटक सहायता बूथ पर एनसीसी कैडेट्स की सेवाएं लें
बैठक में कलक्टर ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत प्रमुख पर्यटन स्थलों पर पर्यटक सहायता बूथ स्थापित करने और इनके संचालन में एनसीसी कैडेट्स की सेवाएं लेने के निर्देश दिए. बूथ पर पर्यटन प्रचार सामग्री, मास्क वितरण, फस्ट एड किट व्यवस्था तथा पर्यटक स्थल संबंधी जानकारी आदि उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए. कलक्टन ने कहा कि उदयपुर शहर की पिछोला और फतहसागर झीलों के लिए विकास प्रन्यास उचित योजना बनाए.
रात्रिकालीन पर्यटन को बढ़ावा
बैठक में सलूम्बर में हाडा रानी के कंवरपदा जोधनिवास, नगीनावाड़ी महलों के जीर्णोद्वार करने एवं विकसित करने के संबंध में भी चर्चा की गई. बैठक में रात्रिकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन स्थलों का समय बढाने का सुझाव दिया. रात्रिकलीन पर्यटन स्थलों के तहत वर्तमान में करणीमाता रोपवे, दूध तलाई रात्रि 9 बजे तक तथा फिश एक्वेरियम रात्रि 11 बजे तक संचालित हैं. बैठक में भारतीय लोक कला मण्डल पर्यटकों की संख्या के आधार पर रात्रि 10 बजे तक और मोती मगरी रात्रि 9 बजे तक खोलने पर विचार किया गया.