श्रीगंगानगर. स्वच्छता अभियान के तहत जिला परिषद अब जिले भर की पंचायतों में मॉडल गांव विकसित करेगी. जिसमें एसएलआरएम प्रोजेक्ट के तहत गांव में ठोस कचरा संग्रहण किया जाएगा. योजना के अनुसार गांव से साइकिल, रिक्शा, ई-रिक्शा के द्वारा कर्मचारी कचरा संग्रहण करेंगे. स्वच्छता में मॉडल गांव बनाने के लिए प्रत्येक गांव में 12 लोगों को 10 दिनों के लिए रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. एकत्रित होने वाले ऑर्गेनिक कचरे को अलग से निकालकर इस्तेमाल किया जाएगा.
सीईओ सौरव स्वामी के अनुसार कचरा संग्रहण के लिए घरों में दो प्रकार की बाल्टियां हों, इसके लिए ग्रामीणों को प्ररित किया जाएगा. साथ ही हर गांव में स्वच्छता ग्राही भी बनाए जाएंगे जो घरों में जाकर लोगों को कचरे के बारे में जानकारी देंगे और कचरा इकट्ठा करने के लिए उन्हें समझाएंगे. कचरा संग्रहण करने वाले कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड निश्चित किया गया है, साथ ही कचरे को बेचने की व्यवस्था भी की गई है. कचरे से जो आमदनी होगी वह स्वच्छताग्राही अपने पास रख सकेंगे.
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सौरभ स्वामी ने कहा कि सरकार की योजना के तहत स्वच्छता अभियान को लगातार जारी रखा जाएगा. इसमें मॉडल गांव भी बनाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि अभियान के अंतर्गत अब ग्रामीण क्षेत्रों में दो गड्ढों वाले शौचालय बनाए जाएंगे, जिससे गांव में स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करके गांव को आदर्श गांव बनाया जाए. आगे बताया कि संबंधित ग्राम पंचायत गांव में घर-घर कचरा संग्रहण के लिए रिक्शा एवं चालक की व्यवस्था करें. प्रत्येक ग्राम पंचायत को स्वच्छता मिशन के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा बीस-बीस लाख रुपए की राशि भी उपलब्ध करवाई जाएगी.