श्रीगंगानगर. पिछले लंबे समय से अटके मेडिकल कॉलेज निर्माण को लेकर अब रास्ता साफ होता दिखाई दे रहा है. जिला सिविल अस्पताल परिसर में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज निर्माण को शीघ्र शुरू करने के लिए प्राथमिकता से औपचारिकताएं पूर्ण करने के सरकार ने निर्देश दिए हैं. इसी क्रम में जिला कलेक्टर ने बैठक कर डीपीआर बनने तक नंदी शाला और रेड क्रॉस सोसाइटी के भवन को हटाने की बात कही है.
डीपीआर के टेंडर होने के बाद वर्क ऑर्डर जारी होने की संभावना है. डीपीआर बनने का समय करीब एक माह का है. इस समय में मौके पर दोनों भवनों को हटाने की कार्रवाई की जा सकती है. डीपीआर के बाद निर्माण कार्य के टेंडर जारी होंगे. वहीं दूसरी तरफ ढाई साल से अटके पड़े मिनी सचिवालय भवन को लेकर जिला कलेक्टर ने बैठक ली है. जिला कलेक्टर महावीर प्रसाद वर्मा ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिला मुख्यालय पर पुरानी शुगर मिल की भूमि पर प्रस्तावित मिनी सचिवालय प्रोजेक्ट को लेकर समीक्षा बैठक ली.
अधिकारियों से प्रोजेक्ट को लेकर अभी तक की प्रगति रिपोर्ट की जानकारी लेते हुए प्राथमिकता से काम करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि पिछले ढाई वर्ष से मिनी सचिवालय का प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में था. इस पर शीघ्र काम शुरू किया जाए. जिला कलेक्टर ने कहा कि मौके पर करीब 10 बीघा में पेड़ है, उन्हें सुरक्षित रखते हुए निर्माण कार्य किया जाएगा.
यह भी पढ़ें- प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी, राठौड़ ने लगाया सरकारी बदइंतजामी का आरोप, की ये मांग
उन्होंने कहा कि पेड़ों को ऑक्सीजन टैंक के रूप में विकसित किया जाएगा. पेड़ों वाले एरिया को जंगल के रूप में विकसित करके शहर वासियों को ऑक्सीजन देने का प्रयास किया जाएगा. यहां तक पहुंचने के लिए यूआईटी को सड़क का निर्माण करने के निर्देश दिए गए हैं. नगर विकास न्यास के अधिकारियों को मौके पर 36 बीघा भूमि की बिक्री करने के लिए निविदा निकालने के निर्देश दिए गए हैं. 15 दिन में खरीददार नहीं आते हैं, तो इस भूमि के भूखंड काट कर बेचा जाएगा. इस आमदनी का 90 प्रतिशत हिस्सा वित्त विभाग में जमा होगा. इसके बाद निर्माण कार्य के टेंडर जारी किए जाएंगे. बैठक में एडीएम जाखड़, नगर विकास न्यास के अधिकारियों मौजूद रहे.