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बकाया वेतन को लेकर सफाई कर्मचारियों ने शुरू की हड़ताल, सफाई व्यवस्था ठप

दो माह का बकाया वेतन भुगतान नहीं होने के विरोध में अस्थाई सफाई कर्मचारियों ने आखिरकार हड़ताल शुरु कर दी है. अपनी विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर अस्थाई कर्मचारियों के साथ स्थाई सफाई कर्मचारियों ने शहर की सफाई व्यवस्था को ठप कर दी है.

sweepers strike, sweeper workers strike in sriganganagar
बकाया वेतन को लेकर सफाई कर्मचारियों ने शुरू की हड़ताल
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Published : Jan 18, 2021, 11:38 PM IST

श्रीगंगानगर. 2 माह का बकाया वेतन भुगतान नहीं होने के विरोध में अस्थाई सफाई कर्मचारियों ने आखिरकार हड़ताल शुरु कर दी है. अपनी विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर अस्थाई कर्मचारियों के साथ स्थाई सफाई कर्मचारियों ने शहर की सफाई व्यवस्था को ठप कर दी है. सोमवार से सफाई कर्मचारियों ने अखिल भारतीय सफाई मजदूर यूनियन के नेतृत्व में नगर परिषद के मुख्य द्वार को बंद कर धरना शुरू कर दिया है. इस दौरान परिषद के अधिकारियों व कर्मचारियों की आवाजाही भी रोक दी गई. आंदोलनरत सफाई कर्मचारियों से नगर परिषद प्रशासन ने वार्ता का भी कोई प्रयास नहीं किया है.

यूनियन अध्यक्ष अनिल धारीवाल ने बताया कि स्थाई व अस्थाई सफाई कर्मचारियों को नवंबर व दिसंबर 2020 के वेतन का तुरंत भुगतान नहीं किया गया है. दूसरी तरफ गेराज में कार्यरत अस्थाई ड्राइवरों को दिसंबर 2020 तक का वेतन भुगतान नहीं किया गया है. अस्थाई कर्मचारियों ने स्थाई कर्मचारियों के साथ सोमवार से झाड़ू डाउन हड़ताल शुरू कर दी है. सभा में दोनों संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि यह हड़ताल मांगें पूरी होने तक जारी रहेगी. धरने में अस्थाई कर्मचारियों के साथ स्थाई सफाई कर्मचारी भी शामिल हुए.

पढ़ें- जयपुर: सीएम से वार्ता न होने तक उर्दू शिक्षकों और मदरसा पैराटीचर्स का अनिश्चितकालीन धरने का ऐलान..

उधर हड़ताल के कारण शहर भर से कचरे का उठाव भी रोक दिया गया है. कचरा उठाव वाले वाहन चालक व सहयोगी कर्मचारी भी धरने में शामिल हो रहे हैं. वेतन भुगतान सहित अन्य मांगों को लेकर शुरू किए गए सफाई कर्मचारियों के इस आंदोलन को जिला वाल्मीकि सभा ने भी समर्थन दिया है. पदाधिकारियों ने इनके समर्थन में सभापति व आयुक्त को ज्ञापन देकर जल्दी मांगें नहीं माने जाने पर आन्दोलन को तेज करने की चेतावनी दी है.

श्रीगंगानगर. 2 माह का बकाया वेतन भुगतान नहीं होने के विरोध में अस्थाई सफाई कर्मचारियों ने आखिरकार हड़ताल शुरु कर दी है. अपनी विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर अस्थाई कर्मचारियों के साथ स्थाई सफाई कर्मचारियों ने शहर की सफाई व्यवस्था को ठप कर दी है. सोमवार से सफाई कर्मचारियों ने अखिल भारतीय सफाई मजदूर यूनियन के नेतृत्व में नगर परिषद के मुख्य द्वार को बंद कर धरना शुरू कर दिया है. इस दौरान परिषद के अधिकारियों व कर्मचारियों की आवाजाही भी रोक दी गई. आंदोलनरत सफाई कर्मचारियों से नगर परिषद प्रशासन ने वार्ता का भी कोई प्रयास नहीं किया है.

यूनियन अध्यक्ष अनिल धारीवाल ने बताया कि स्थाई व अस्थाई सफाई कर्मचारियों को नवंबर व दिसंबर 2020 के वेतन का तुरंत भुगतान नहीं किया गया है. दूसरी तरफ गेराज में कार्यरत अस्थाई ड्राइवरों को दिसंबर 2020 तक का वेतन भुगतान नहीं किया गया है. अस्थाई कर्मचारियों ने स्थाई कर्मचारियों के साथ सोमवार से झाड़ू डाउन हड़ताल शुरू कर दी है. सभा में दोनों संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि यह हड़ताल मांगें पूरी होने तक जारी रहेगी. धरने में अस्थाई कर्मचारियों के साथ स्थाई सफाई कर्मचारी भी शामिल हुए.

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उधर हड़ताल के कारण शहर भर से कचरे का उठाव भी रोक दिया गया है. कचरा उठाव वाले वाहन चालक व सहयोगी कर्मचारी भी धरने में शामिल हो रहे हैं. वेतन भुगतान सहित अन्य मांगों को लेकर शुरू किए गए सफाई कर्मचारियों के इस आंदोलन को जिला वाल्मीकि सभा ने भी समर्थन दिया है. पदाधिकारियों ने इनके समर्थन में सभापति व आयुक्त को ज्ञापन देकर जल्दी मांगें नहीं माने जाने पर आन्दोलन को तेज करने की चेतावनी दी है.

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