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सीकर: नरेगा मजदूरों के नाम काटने पर श्रमिकों ने जताया विरोध

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Published : Sep 4, 2020, 4:06 PM IST

खंडेला विधानसभा की ग्राम पंचायत पिपलौदा का बास के नरेगा श्रमिकों ने नाम काटने पर पंचायत समिति में विरोध जताया. नरेगा श्रमिकों के नाम दोबारा जोड़ने की मांग को लेकर 2 दिन पूर्व विकास अधिकारी को ज्ञापन सौंपा था.

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नरेगा श्रमिकों के नाम काटने पर श्रमिकों ने जताया विरोध

खंडेला (सीकर). सीकर जिले की खंडेला विधानसभा की ग्राम पंचायत पिपलोदा के बास के गांव प्रतापपुरा में पूर्व में काटे गए नरेगा श्रमिकों के नाम वापस जोड़ने की मांग को लेकर पूर्व में विकास अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया था. जिसके अंतर्गत विकास अधिकारी ने नरेगा श्रमिकों को काम दिलवाने की बात कही थी. लेकिन 2 दिन बीत जाने के बाद भी काम नहीं मिलने पर नरेगा श्रमिक पंचायत समिति आकर अपना विरोध जताया.

नरेगा श्रमिकों के नाम काटने पर श्रमिकों ने जताया विरोध

नरेगा श्रमिक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि ग्राम पंचायत पीपलोदा के पास के गांव प्रतापपुरा में नरेगा श्रमिकों ने तीन मॉस्टोल भर दिए थे. उसके बाद ग्राम सेवक और एलडीसी ने मिलकर 40 से 50 श्रमिकों के नाम काट दिए थे. इस संबंध में 2 दिन पूर्व विकास अधिकारी अजय कुमार आर्य को ज्ञापन सौंपकर कटे हुए नामों को फिर से जोड़ने की मांग की थी. जिस पर विकास अधिकारी ने श्रमिकों को आश्वासन दिया था कि आपको काम मिल जाएगा. लेकिन दो दिन बीत जाने के बाद भी नाम नहीं जोड़ा गया.

पढ़ें- जैसलमेर में बारिश ने दिया किसानों को दर्द, फसल और आशियाने सब बहा ले गई

शुक्रवार को फिर से विकास अधिकारी से मिला गया, तो उन्होंने अगले मॉस्टोल में काम देने की बात कही. नरेगा श्रमिक ने बताया कि कुछ महिलाओं के नाम काटे गए हैं और कुछ के नहीं इस प्रकार भेदभाव किया जा रहा है. विकास अधिकारी इस मामले से अवगत कराया गया था. अब हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

खंडेला (सीकर). सीकर जिले की खंडेला विधानसभा की ग्राम पंचायत पिपलोदा के बास के गांव प्रतापपुरा में पूर्व में काटे गए नरेगा श्रमिकों के नाम वापस जोड़ने की मांग को लेकर पूर्व में विकास अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया था. जिसके अंतर्गत विकास अधिकारी ने नरेगा श्रमिकों को काम दिलवाने की बात कही थी. लेकिन 2 दिन बीत जाने के बाद भी काम नहीं मिलने पर नरेगा श्रमिक पंचायत समिति आकर अपना विरोध जताया.

नरेगा श्रमिकों के नाम काटने पर श्रमिकों ने जताया विरोध

नरेगा श्रमिक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि ग्राम पंचायत पीपलोदा के पास के गांव प्रतापपुरा में नरेगा श्रमिकों ने तीन मॉस्टोल भर दिए थे. उसके बाद ग्राम सेवक और एलडीसी ने मिलकर 40 से 50 श्रमिकों के नाम काट दिए थे. इस संबंध में 2 दिन पूर्व विकास अधिकारी अजय कुमार आर्य को ज्ञापन सौंपकर कटे हुए नामों को फिर से जोड़ने की मांग की थी. जिस पर विकास अधिकारी ने श्रमिकों को आश्वासन दिया था कि आपको काम मिल जाएगा. लेकिन दो दिन बीत जाने के बाद भी नाम नहीं जोड़ा गया.

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शुक्रवार को फिर से विकास अधिकारी से मिला गया, तो उन्होंने अगले मॉस्टोल में काम देने की बात कही. नरेगा श्रमिक ने बताया कि कुछ महिलाओं के नाम काटे गए हैं और कुछ के नहीं इस प्रकार भेदभाव किया जा रहा है. विकास अधिकारी इस मामले से अवगत कराया गया था. अब हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

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