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सीआरएस रिपोर्ट आते ही शेखावटी के लोग कर सकेंगे जयपुर तक सीधा सफर

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Published : May 17, 2019, 4:54 PM IST

सीकर, झुंझुनू और चूरू अभी भी राजधानी जयपुर से रेल सेवा से नहीं जुड़े हुए हैं. चूरू से सीकर और झुंझुनू से सीकर तक ट्रेनों का संचालन हो रहा है. फिलहाल यह ट्रेन या तो सीकर तक आती है या इन्हें रींगस तक भेजा जाता है. शेखावाटी के बाशिंदों को रेल सेवाएं बहाल होने का इंतजार है.

एक रिपोर्ट की वजह से राजधानी से रेल से नहीं जुड़ रहे शेखावाटी के तीनों जिले

सीकर. प्रदेश के शेखावाटी अंचल के तीनों जिले सीकर, झुंझुनू और चूरू अभी भी राजधानी जयपुर से रेल सेवा से नहीं जुड़े हुए हैं. इनको जोड़ने के लिए भले ही रेलवे ट्रैक का काम पूरा हो चुका हो लेकिन एक रिपोर्ट की वजह से इस ट्रैक पर रेल नहीं चल पा रही है. रेलवे के सीआरएस की रिपोर्ट नहीं आने की वजह से रेलवे इस पर ट्रेनें नहीं चला रहा है.

जानकारी के मुताबिक सीकर चूरू और झुंझुनू को राजधानी जयपुर से जोड़ने के लिए सीकर से रींगस होते हुए जयपुर तक एकमात्र रूट है. परिवर्तन के चलते करीब 4 साल से जयपुर से आने वाली ट्रेनें बंद हैं. सीकर से रींगस तक तो ट्रेनों का संचालन है लेकिन इसके आगे करीब 55 किलोमीटर का काम बाकी है. इस वजह से जयपुर तक ट्रेने नहीं जा पाती है.

एक रिपोर्ट की वजह से राजधानी से रेल से नहीं जुड़ रहे शेखावाटी के तीनों जिले

24 अप्रैल को हुआ था सीआरएस
रींगस से जयपुर तक रेलवे ट्रैक का काम पूरा होने के बाद इस पर ट्रेन चलाने के लिए 24 और 25 अप्रैल को सीआरएस (कमिशन ऑफ रेलवे सेफ्टी ) का निरीक्षण करवाया गया था. अमूमन सीआरएस की रिपोर्ट 7 दिन में आ जाती है लेकिन 20 दिन से ज्यादा का वक्त बीतने के बाद भी सीआरएस की रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है. जब तक रिपोर्ट नहीं आती तब तक रेलवे इस पर ट्रेन नहीं चला सकता.

सात ट्रेन तुरंत चल सकती है
चूरू से सीकर और झुंझुनू से सीकर तक ट्रेनों का संचालन हो रहा है. फिलहाल यह ट्रेन या तो सीकर तक आती है या इन्हें रींगस तक भेजा जाता है. अगर सीआरएस की रिपोर्ट मिल जाए तो रेलवे प्रशासन ने इनको जयपुर तक चलाने की पूरी तैयारी कर रखी है. शेखावाटी के बाशिंदों को जयपुर तक नियमित रूप से 7 ट्रेनों की सेवा मिल सकेगी. स्थानीय रेलवे के अधिकारी इस को लेकर कुछ भी कहने को तैयार नहीं है. उनका कहना है कि सीआरएस का मामला उनकी स्तर का नहीं है. वहां से रिपोर्ट मिलने तक ट्रेन नहीं चला सकते.

सीकर. प्रदेश के शेखावाटी अंचल के तीनों जिले सीकर, झुंझुनू और चूरू अभी भी राजधानी जयपुर से रेल सेवा से नहीं जुड़े हुए हैं. इनको जोड़ने के लिए भले ही रेलवे ट्रैक का काम पूरा हो चुका हो लेकिन एक रिपोर्ट की वजह से इस ट्रैक पर रेल नहीं चल पा रही है. रेलवे के सीआरएस की रिपोर्ट नहीं आने की वजह से रेलवे इस पर ट्रेनें नहीं चला रहा है.

जानकारी के मुताबिक सीकर चूरू और झुंझुनू को राजधानी जयपुर से जोड़ने के लिए सीकर से रींगस होते हुए जयपुर तक एकमात्र रूट है. परिवर्तन के चलते करीब 4 साल से जयपुर से आने वाली ट्रेनें बंद हैं. सीकर से रींगस तक तो ट्रेनों का संचालन है लेकिन इसके आगे करीब 55 किलोमीटर का काम बाकी है. इस वजह से जयपुर तक ट्रेने नहीं जा पाती है.

एक रिपोर्ट की वजह से राजधानी से रेल से नहीं जुड़ रहे शेखावाटी के तीनों जिले

24 अप्रैल को हुआ था सीआरएस
रींगस से जयपुर तक रेलवे ट्रैक का काम पूरा होने के बाद इस पर ट्रेन चलाने के लिए 24 और 25 अप्रैल को सीआरएस (कमिशन ऑफ रेलवे सेफ्टी ) का निरीक्षण करवाया गया था. अमूमन सीआरएस की रिपोर्ट 7 दिन में आ जाती है लेकिन 20 दिन से ज्यादा का वक्त बीतने के बाद भी सीआरएस की रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है. जब तक रिपोर्ट नहीं आती तब तक रेलवे इस पर ट्रेन नहीं चला सकता.

सात ट्रेन तुरंत चल सकती है
चूरू से सीकर और झुंझुनू से सीकर तक ट्रेनों का संचालन हो रहा है. फिलहाल यह ट्रेन या तो सीकर तक आती है या इन्हें रींगस तक भेजा जाता है. अगर सीआरएस की रिपोर्ट मिल जाए तो रेलवे प्रशासन ने इनको जयपुर तक चलाने की पूरी तैयारी कर रखी है. शेखावाटी के बाशिंदों को जयपुर तक नियमित रूप से 7 ट्रेनों की सेवा मिल सकेगी. स्थानीय रेलवे के अधिकारी इस को लेकर कुछ भी कहने को तैयार नहीं है. उनका कहना है कि सीआरएस का मामला उनकी स्तर का नहीं है. वहां से रिपोर्ट मिलने तक ट्रेन नहीं चला सकते.

Intro:सीकर
प्रदेश के शेखावाटी अंचल के तीनों जिले सीकर, झुंझुनू और चूरु अभी भी राजधानी जयपुर से रेल सेवा से नहीं जुड़े हुए हैं। इनको जोड़ने के लिए भले ही रेलवे ट्रैक का काम पूरा हो चुका हो लेकिन एक रिपोर्ट की वजह से इस ट्रैक पर रेल नहीं चल पा रही है। रेलवे के सीआरएस की रिपोर्ट नहीं आने की वजह से रेलवे इस पर ट्रेनें नहीं चला रहा है।


Body:जानकारी के मुताबिक सीकर चूरू और झुंझुनू को राजधानी जयपुर से जोड़ने के लिए सीकर से रींगस होते हुए जयपुर तक एकमात्र रूट है। अमान परिवर्तन के चलते करीब 4 साल से जयपुर से आने वाली ट्रेनें बंद है। सीकर से रींगस तक तो ट्रेनों का संचालन है लेकिन इसके आगे करीब 55 किलोमीटर का काम बाकी है इस वजह से जयपुर तक ट्रेने नहीं जा पाती है।

24 अप्रैल को हुआ था सीआरएस
रींगस से जयपुर तक रेलवे ट्रैक का काम पूरा होने के बाद इस पर ट्रेन चलाने के लिए 24 और 25 अप्रैल को सीआरएस का निरीक्षण करवाया गया था। अमूमन सीआरएस की रिपोर्ट 7 दिन में आ जाती है लेकिन 20 दिन से ज्यादा का वक्त बीतने के बाद भी इस ट्रैक को लेकर सीआरएस की रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। जब तक रिपोर्ट नहीं आती तब तक रेलवे इस पर ट्रेन नहीं चला सकता।
सात ट्रेन तुरंत चल सकती है
चूरू से सीकर और झुंझुनू से सीकर तक ट्रेनों का संचालन हो रहा है। फिलहाल यह ट्रेन या तो सीकर तक आती है या इन्हें रींगस तक भेजा जाता है। अगर सीआरएस की रिपोर्ट मिल जाए तो रेलवे प्रशासन ने इनको जयपुर तक चलाने की पूरी तैयारी कर रखी है और शेखावाटी के बाशिंदों को जयपुर तक नियमित रूप से 7 ट्रेनों की सेवा मिल सकेगी। स्थानीय रेलवे के अधिकारी इस को लेकर कुछ भी कहने को तैयार नहीं है उनका कहना है कि सीआरएस का मामला उनकी स्तर का नहीं है वहां से रिपोर्ट मिलने तक ट्रेन नहीं चला सकते।


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