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Exclusive: मिलिए सीकर बीजेपी की पहली महिला जिलाध्यक्ष से... - सीकर बीजेपी जिलाध्यक्ष

8 विधानसभा क्षेत्र वाले सीकर जिले में 9 महीने पहले बीजेपी ने इंदिरा चौधरी को जिलाध्यक्ष बनाया था. उन्होंने किस तरह से संगठन चलाया और महिला होने की वजह से किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा, इसी को लेकर ईटीवी भारत ने उनसे खास बात की. देखें खास बातचीत...

Indira Chaudhary Interview, BJP District President Indira Chaudhary
सीकर बीजेपी जिलाध्यक्ष इंदिरा चौधरी से खास बातचीत
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Published : Sep 3, 2020, 8:01 PM IST

सीकर. भारतीय जनता पार्टी की स्थापना को 40 साल पूरे हो चुके हैं. इन 40 साल में राजस्थान में पार्टी ने किसी भी महिला को जिला अध्यक्ष नहीं बनाया. 9 महीने पहले सीकर की इंदिरा चौधरी को यह मौका मिला और वह भाजपा की प्रदेश की पहली महिला जिलाध्यक्ष बनाई गई. सीकर जिला भाजपा के संगठन के हिसाब से प्रदेश में जयपुर के बाद सबसे बड़ा जिला है. इसमें 8 विधानसभा क्षेत्र हैं, जबकि बाकी जिलों में संगठन के हिसाब से इतना बड़ा जिला नहीं है. जो बड़े जिले हैं, उनमें ग्रामीण और शहरी जिलाध्यक्ष होते हैं, इसलिए सीकर को सबसे बड़ा माना जाता है. 9 महीने में इंदिरा चौधरी ने किस तरह से संगठन चलाया और महिला होने की वजह से किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा इसी को लेकर ईटीवी भारत ने उनसे खास बातचीत की.

सीकर बीजेपी जिलाध्यक्ष इंदिरा चौधरी से खास बातचीत

इंदिरा चौधरी बताती हैं कि आमतौर पर यह माना जाता है कि महिलाएं चुनाव तो लड़ सकती हैं और जीत भी सकती हैं. जब से महिलाओं को आरक्षण मिला है, तब से महिलाएं लगातार चुनाव जीती भी हैं, लेकिन संगठनात्मक गतिविधियों में उन्हें ज्यादा आगे नहीं ले जाया जाता है. महिलाएं संगठन में सक्रिय भी ज्यादा नहीं रहती, लेकिन इंदिरा चौधरी का उदाहरण इससे बिल्कुल उल्टा है, उन्होंने आज तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है. शुरू से संगठन में सक्रिय हैं. वे पार्टी के जिला उपाध्यक्ष, जिला कार्यकारिणी सदस्य और प्रदेश में महामंत्री रह चुकी हैं.पार्टी का जो बूथ लेवल अभियान था, उसमें एकमात्र महिला सदस्य थी और पूरे प्रदेश में जाकर उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ बैठ की.

इंदिरा चौधरी ने प्रदेश सरकार पर साधा निशाना

पढ़ें- लोकसभा में प्रश्नकाल नहीं करवा कर केंद्र सरकार सांसदों का अधिकार छीन रही है: पायलट

इंदिरा चौधरी बताती हैं कि संगठन चलाना महिलाओं के लिए कोई टेढ़ी बात नहीं है. सबको साथ लेकर काम किया जाए तो यह संभव हो सकता है. वहीं सीकर की गुटबाजी को लेकर कहा कि आज तक मेरे सामने ऐसी कोई समस्या नहीं आई. सीकर जिले में भाजपा हमेशा से ही गुटबाजी से जूझती रही है. पहले महरिया और बाजोर गुट चलते थे. उसके बाद खर्रा और अन्य नेताओं के गुट चले. इंदिरा चौधरी को जब जिला अध्यक्ष बनाया गया तो गुटबाजी खत्म करने की कवायद पार्टी ने की, लेकिन माना जा रहा था कि सीकर में गुटबाजी खत्म नहीं हो सकती.

पढ़ें- ईटीवी भारत से बोले डॉ. कफील, जेल में 5 दिनों तक नहीं दिया खाना

इंदिरा चौधरी बताती हैं कि उनके सामने अभी तक इस तरह की कोई नौबत नहीं आई. राजनीति के जानकार मानते हैं कि सीकर में भाजपा का सारथी बनना कोई छोटी बात नहीं है और इतना आसानी से यहां सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल सकता.

प्रदेश सरकार पर साधा निशाना

ईटीवी भारत से बातचीत में इंदिरा चौधरी ने प्रदेश की मौजूदा सरकार पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पिछले 2 साल से जिस तरह से सरकार चल रही है, उसे देखते हुए नहीं लगता कि प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज है. इनकी आपस के झगड़े ही खत्म नहीं हो रहे हैं. 2 साल में केवल अन्नपूर्णा रसोई का नाम बदलकर इंदिरा रसोई किया है. इसके अलावा कोई काम नहीं किया.

सीकर. भारतीय जनता पार्टी की स्थापना को 40 साल पूरे हो चुके हैं. इन 40 साल में राजस्थान में पार्टी ने किसी भी महिला को जिला अध्यक्ष नहीं बनाया. 9 महीने पहले सीकर की इंदिरा चौधरी को यह मौका मिला और वह भाजपा की प्रदेश की पहली महिला जिलाध्यक्ष बनाई गई. सीकर जिला भाजपा के संगठन के हिसाब से प्रदेश में जयपुर के बाद सबसे बड़ा जिला है. इसमें 8 विधानसभा क्षेत्र हैं, जबकि बाकी जिलों में संगठन के हिसाब से इतना बड़ा जिला नहीं है. जो बड़े जिले हैं, उनमें ग्रामीण और शहरी जिलाध्यक्ष होते हैं, इसलिए सीकर को सबसे बड़ा माना जाता है. 9 महीने में इंदिरा चौधरी ने किस तरह से संगठन चलाया और महिला होने की वजह से किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा इसी को लेकर ईटीवी भारत ने उनसे खास बातचीत की.

सीकर बीजेपी जिलाध्यक्ष इंदिरा चौधरी से खास बातचीत

इंदिरा चौधरी बताती हैं कि आमतौर पर यह माना जाता है कि महिलाएं चुनाव तो लड़ सकती हैं और जीत भी सकती हैं. जब से महिलाओं को आरक्षण मिला है, तब से महिलाएं लगातार चुनाव जीती भी हैं, लेकिन संगठनात्मक गतिविधियों में उन्हें ज्यादा आगे नहीं ले जाया जाता है. महिलाएं संगठन में सक्रिय भी ज्यादा नहीं रहती, लेकिन इंदिरा चौधरी का उदाहरण इससे बिल्कुल उल्टा है, उन्होंने आज तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है. शुरू से संगठन में सक्रिय हैं. वे पार्टी के जिला उपाध्यक्ष, जिला कार्यकारिणी सदस्य और प्रदेश में महामंत्री रह चुकी हैं.पार्टी का जो बूथ लेवल अभियान था, उसमें एकमात्र महिला सदस्य थी और पूरे प्रदेश में जाकर उन्होंने कार्यकर्ताओं के साथ बैठ की.

इंदिरा चौधरी ने प्रदेश सरकार पर साधा निशाना

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इंदिरा चौधरी बताती हैं कि संगठन चलाना महिलाओं के लिए कोई टेढ़ी बात नहीं है. सबको साथ लेकर काम किया जाए तो यह संभव हो सकता है. वहीं सीकर की गुटबाजी को लेकर कहा कि आज तक मेरे सामने ऐसी कोई समस्या नहीं आई. सीकर जिले में भाजपा हमेशा से ही गुटबाजी से जूझती रही है. पहले महरिया और बाजोर गुट चलते थे. उसके बाद खर्रा और अन्य नेताओं के गुट चले. इंदिरा चौधरी को जब जिला अध्यक्ष बनाया गया तो गुटबाजी खत्म करने की कवायद पार्टी ने की, लेकिन माना जा रहा था कि सीकर में गुटबाजी खत्म नहीं हो सकती.

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इंदिरा चौधरी बताती हैं कि उनके सामने अभी तक इस तरह की कोई नौबत नहीं आई. राजनीति के जानकार मानते हैं कि सीकर में भाजपा का सारथी बनना कोई छोटी बात नहीं है और इतना आसानी से यहां सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल सकता.

प्रदेश सरकार पर साधा निशाना

ईटीवी भारत से बातचीत में इंदिरा चौधरी ने प्रदेश की मौजूदा सरकार पर भी जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पिछले 2 साल से जिस तरह से सरकार चल रही है, उसे देखते हुए नहीं लगता कि प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज है. इनकी आपस के झगड़े ही खत्म नहीं हो रहे हैं. 2 साल में केवल अन्नपूर्णा रसोई का नाम बदलकर इंदिरा रसोई किया है. इसके अलावा कोई काम नहीं किया.

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