सीकर. कई बड़े पर्यटक स्थल होने के बाद भी पर्यटन के क्षेत्र में पिछड़े शेखावाटी इलाके को अब पर्यटन की अग्रणी पंक्ति में लाने की कवायद चल रही है. विश्व भर में प्रसिद्ध यहां की लोक कला और संस्कृति को पहचान दिलाने के लिए सरकार के स्तर पर कवायद शुरू हुई है...
शेखावाटी की संस्कृति को संरक्षण देने और पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ यहां की लोक कलाओं को आगे बढ़ाने के मकसद से पहली बार शेखावाटी महोत्सव आयोजित करने का फैसला लिया है.
प्रदेश में अब तक मरू महोत्सव और ब्रिज महोत्सव आयोजित होते थे. लेकिन अब शेखावाटी महोत्सव भी आयोजित होगा. इसको लेकर जिला प्रशासन के स्तर पर की तैयारियां शुरू कर दी गई है और 20 से 22 मार्च तक इसका आयोजन हो सकता है.
हालांकि मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि उप चुनाव की तारीखों के मद्देनजर महोत्सव की तारीखें तय की जाएंगी. लेकिन फिलहाल यह तय हो चुका है कि सीकर के लक्ष्मणगढ़ में 20-21-22 मार्च को शेखावाटी महोत्सव का आयोजन होगा. इस को लेकर सरकार के स्तर पर जिला कलेक्टर को निर्देश की भिजवाए जा चुके हैं.
जानकारी के मुताबिक हाल ही में बजट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शेखावाटी के पर्यटन सर्किट की घोषणा की थी. इसके बाद सीकर के लक्ष्मणगढ़ से विधायक और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने शेखावाटी महोत्सव आयोजित करवाने की रूपरेखा तैयार की.
पढ़ें- श्रीगंगानगर में UP के कारीगर गुड़ में तब्दील कर रहे गन्ने की मिठास, इस काम में है महारत हासिल
इसके आधार पर यह तय हो गया है कि इस बार शेखावाटी महोत्सव का आयोजन होगा और लक्ष्मणगढ़ के नेहरू स्टेडियम में होगा. इसको लेकर जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है.
पर्यटन स्थलों को पहचान दिलाने की कवायद
शेखावाटी के हवेलियों के भित्ति चित्र पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान रखते हैं. इसके साथ साथ सीकर का हर्ष पर्वत राजस्थान में गुरु शिखर के बाद दूसरी सबसे ऊंची चोटी है.
सीकर जिले में खाटू श्यामजी, जीण माता और सालासर बालाजी जैसे बड़े धार्मिक स्थल हैं. यहां भी लाखों की संख्या में लोग आते हैं. इन सभी को जोड़कर पर्यटन सर्किट बनाया जा रहा है. लेकिन इससे पहले यहां के जो लोग बाहर रहते हैं उनको शेखावाटी महोत्सव के जरिए जोड़ा जाएगा.
कला संस्कृति को दिलाई जाएगी पहचान
शेखावाटी के चंग धमाल और गीदड़ नृत्य विश्व भर में प्रसिद्ध है. शेखावाटी महोत्सव के जरिए इनको पहचान दिलाने की कवायद की जा रही है और कलाकारों को संरक्षण दिया जाएगा. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का कहना है कि पहली बार यह महोत्सव आयोजित हो रहा है और इससे यहां के पर्यटन और लोक कलाओं को बढ़ावा मिलेगा.
प्रवासियों को भी भेजेंगे बुलावा
शेखावाटी के बड़े बड़े व्यापारिक और सेठ देश के अलग-अलग हिस्सों में बड़ा कारोबार करते हैं. यहां के सेट होने हमेशा इस क्षेत्र के विकास में अहम योगदान दिया है लेकिन पिछले कुछ सालों से सरकार के स्तर पर प्रयास नहीं होने के कारण इनका यहां आना कम हो गया था. शेखावाटी महोत्सव के जरिए इन लोगों को भी जोड़ा जाएगा.