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सीकर : शराब ठेकों के लिए आवेदन में आई कमी, नई आबकारी नीति का साइड इफेक्ट! - Excise Department Siker

प्रदेश में शराब ठेकेदारों के लिए नई आबकारी नीति घोषित की गई थी. जिसके तहत अब शराब ठेकों के नवीनीकरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. नई नीति के कारण इस बार सीकर में शराब ठेकों के आवेदन काफी कम आ रहे हैं. जिसको लेकर विभाग नई नीतियों की व्याख्या करने में लगा हुआ है. विभाग का कहना है, कि ये नई नीति शराब ठेकेदारों और ग्राहकों दोनों के लिए फायदेमंद होगी.

सीकर की खबर, Excise Department
नई आबकारी नीति से शराब ठेकों के आवेदन हुए कम
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Published : Feb 17, 2020, 5:26 PM IST

सीकर. प्रदेश में नई आबकारी नीति घोषित होने के बाद शराब ठेकों के नवीनीकरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इसके लिए आवेदन पत्र जमा करवाने का काम चल रहा है और इसके बाद लॉटरी से ठेकों का आवंटन किया जाएगा. इस बार विभाग ने नीति में कई अहम बदलाव किए हैं, लेकिन इसके बाद भी सीकर जिले में शराब ठेकों के आवेदन कम आने का संकट मंडरा रहा है. इसी को लेकर विभाग भी नई नीति की व्याख्या करने में जुटा है.

नई आबकारी नीति से शराब ठेकों के आवेदन हुए कम

विभाग का दावा है, कि यह नई नीति शराब ठेकेदारों और ग्राहकों दोनों के लिए फायदेमंद होंगी. सीकर में आबकारी विभाग की ओर से आयोजित प्रेस वार्ता में आबकारी इंस्पेक्टर अब्दुल जावेद ने बताया, कि इस बार की नई आबकारी नीति में कई अहम बदलाव किए गए हैं.

उन्होंने कहा, कि इस बार ठेकेदार अपनी गारंटी दूसरे ठेकेदार को हस्तांतरित कर सकेंगे. इसके अलावा अपने सर्किल में कहीं भी गोदाम स्थापित कर सकेंगे. धरोहर राशि में भी आबकारी विभाग ने इस बार 50% की छूट की है.

पहले ये कुल रकम की 8% राशि लगती थी, जो इस बार 4% ही लगेगी. इसके साथ-साथ इस बार देसी शराब के ठेकों पर भी राजस्थान निर्मित अंग्रेजी शराब बेची जा सकेगी.

पढ़ें- सीकरः1 विवाहिता की मौत के 3 दिन बाद भी परिजनों ने नहीं उठाया शव

सीकर जिले में 2 साल पहले तक ठेकों के लिए 30 से 40 हजार आवेदन आते रहते थे, लेकिन पिछली बार के बंदोबस्त में बहुत सी दुकानों के लिए आवेदन जमा ही नहीं हुए.

सीकर. प्रदेश में नई आबकारी नीति घोषित होने के बाद शराब ठेकों के नवीनीकरण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इसके लिए आवेदन पत्र जमा करवाने का काम चल रहा है और इसके बाद लॉटरी से ठेकों का आवंटन किया जाएगा. इस बार विभाग ने नीति में कई अहम बदलाव किए हैं, लेकिन इसके बाद भी सीकर जिले में शराब ठेकों के आवेदन कम आने का संकट मंडरा रहा है. इसी को लेकर विभाग भी नई नीति की व्याख्या करने में जुटा है.

नई आबकारी नीति से शराब ठेकों के आवेदन हुए कम

विभाग का दावा है, कि यह नई नीति शराब ठेकेदारों और ग्राहकों दोनों के लिए फायदेमंद होंगी. सीकर में आबकारी विभाग की ओर से आयोजित प्रेस वार्ता में आबकारी इंस्पेक्टर अब्दुल जावेद ने बताया, कि इस बार की नई आबकारी नीति में कई अहम बदलाव किए गए हैं.

उन्होंने कहा, कि इस बार ठेकेदार अपनी गारंटी दूसरे ठेकेदार को हस्तांतरित कर सकेंगे. इसके अलावा अपने सर्किल में कहीं भी गोदाम स्थापित कर सकेंगे. धरोहर राशि में भी आबकारी विभाग ने इस बार 50% की छूट की है.

पहले ये कुल रकम की 8% राशि लगती थी, जो इस बार 4% ही लगेगी. इसके साथ-साथ इस बार देसी शराब के ठेकों पर भी राजस्थान निर्मित अंग्रेजी शराब बेची जा सकेगी.

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सीकर जिले में 2 साल पहले तक ठेकों के लिए 30 से 40 हजार आवेदन आते रहते थे, लेकिन पिछली बार के बंदोबस्त में बहुत सी दुकानों के लिए आवेदन जमा ही नहीं हुए.

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