सीकर. इस साल बरसात के सीजन को देखते हुए सीकर में वन विभाग ने 1 हजार 115 हेक्टेयर इलाके में पौधारोपण की तैयारी की है. जबकि पिछले बाहर 775 हेक्टेयर में ही पौधारोपण किया गया था. इस बार वन विभाग के मुताबिक जिले में करीब 5 लाख 15 हजार पौधे लगाए जाएंगे. साथ ही लोगों को भी वन विभाग अपनी नर्सरी से पौधों का वितरण करेगा.
सीकर में वन विभाग की 9 नर्सरी हैं. इन नर्सरी में विभाग ने चार लाख 44 हजार पौधे आमजन को वितरण के लिए तैयार करवाए हैं. इनमें से 3 लाख 85 हजार नए पौधे हैं और 60 हजार पुराने हैं. इन नर्सरी में लोगों को सरकारी रेट पर पौधों का वितरण किया जाएगा, जिससे कि लोग भी अपने खेत या घरों में पौधारोपण कर सकें. साथ ही वन विभाग ने अगले साल के लिए भी अभी से 3 लाख 55 हजार पौधे तैयार करवाए हैं.
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सीकर के डीएफओ भीमाराम चौधरी ने बताया कि इस बार जिले में 340 हेक्टेयर जमीन पर पौधारोपण किया जाएगा, जो बड़ा आंकड़ा है. उन्होंने कहा कि पिछली बार जो पौधारोपण करवाया गया था, उसका हाल ही में सर्वे करवाया गया है. उनमें से 90 फीसदी पौधे जीवित हैं, जो पौधे खत्म हो चुके हैं उनकी जगह नए पौधे लगाए जाएंगे.
लगातार बढ़ रही चिंकारा हिरण की संख्या
सीकर में एक और राहत की बात यह है कि वन्यजीवों की संख्या लगातार बढ़ रही है. सबसे ज्यादा चिंकारा हिरण की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. कुछ साल पहले तक जिले में चिंकारा नजर नहीं आते थे. लेकिन अब जिले में इनकी संख्या एक हजार से पार हो चुकी है.
सीकर में सबसे ज्यादा चिंकारा रामगढ़ और फतेहपुर इलाके में बढ़ रहे हैं. लेकिन इन इलाकों में एक भी रिजर्व कंजर्वेशन एरिया नहीं है. वन विभाग ने ढांढन गांव के बीड़ में और फतेहपुर बीड़ को रिजर्व कंजर्वेशन एरिया घोषित करने के लिए लंबे समय से फाइल चला रखी है. लेकिन इन दोनों प्रोजेक्ट को अभी सरकार की मंजूरी नहीं मिली है.
हालांकि जिले के पहले से दो रिजर्व कंजर्वेशन एरिया नीमकाथाना में और शाकंभरी में है. लेकिन उन इलाकों में चिंकारा की संख्या में बढ़ोतरी नहीं हो रही है. वन विभाग का कहना है कि जिले में सभी तरह के वन्यजीवों की संख्या बढ़ रही है. इसलिए इन कंजर्वेशन एरिया की सख्त जरूरत है.