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SPECIAL : सीकर में पहली बार हो रही हरे गेहूं की खेती...परंपरागत खेती छोड़ नवाचार कर रहे किसान - सीकर में हरा गेहूं की फसल

सीकर जिले के किसान अब परंपरागत खेती को छोड़कर नए नए प्रयोग कर रहे हैं. गेहूं की खेती में भी किसानों ने इस तरह के प्रयोग किए हैं. इस बार जिले में कुछ किसान ऐसे हैं जिन्होंने काले गेहूं की खेती की है. लेकिन जिले में एक किसान ऐसे भी हैं जिन्होंने हरे गेहूं की खेती शुरू किया है.

Green wheat cultivation in sikar, Farmers innovating leaving traditional farming, Sikar Farmers innovating farming
सीकर में खेती में नवाचार, हरे गेहूं की खेती कर रहे किसान
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Published : Feb 27, 2021, 7:51 PM IST

Updated : Mar 1, 2021, 7:44 AM IST

सीकर. जिले के किसान अब परंपरागत खेती को छोड़कर नए नए प्रयोग कर रहे हैं. गेहूं की खेती में भी किसानों ने इस तरह के प्रयोग किए हैं और इस बार जिले में कुछ किसान ऐसे हैं जिन्होंने काले गेहूं की खेती की है. देखिये यह रिपोर्ट...

सीकर के किसान कर रहे नवाचार

सीकर जिले में खेती के क्षेत्र में लगातार नवाचार हो रहे हैं. जिले में एक किसान ऐसे भी हैं जिन्होंने हरे गेहूं की खेती शुरू किया है. इस किसान का दावा है कि पहली बार प्रदेश में हरे गेहूं की खेती हो रही है. यह गेहूं ज्यादा पौष्टिक है और कई तरह के रोग से मुक्ति दिलाने वाला है.

जानकारी के मुताबिक सीकर जिले के हरसावा गांव के रहने वाले दयानंद नेहरा ने पहली बार हरे गेहूं की खेती करना शुरू किया है. इसके साथ साथ करीब 2 साल पहले इन्होंने काले गेहूं की खेती करना शुरू किया था. इस बार कई किसानों के खेत में इन्होंने काले गेहूं की फसल की बुवाई कराई है.

Green wheat cultivation in sikar, Farmers innovating leaving traditional farming, Sikar Farmers innovating farming
सीकर में पहली बार उपज रहा हरा गेहूं

पढ़ें- SPECIAL : परिवारों का विघटन सामूहिक आत्महत्याओं की बड़ी वजह...देश में हर 7 मिनट में हो रही एक आत्महत्या

दयानंद बताते हैं कि राजस्थान में पहली बार हरे गेहूं की खेती हो रही है. मध्य प्रदेश के एक रिसर्च सेंटर से इन्होंने इसका तरीका पूछा और उसके बाद बीज लेकर आए. दयानंद का दावा है कि गेहूं में कई रोगों से लड़ने की क्षमता होती है और इसमें कई ऐसे विटामिन हैं जो सामान्य गेंहू में नहीं होते.

Green wheat cultivation in sikar, Farmers innovating leaving traditional farming, Sikar Farmers innovating farming
हरा गेहूं स्वास्थ्य के लिए है लाभदायक

दयानंद ने बताया कि ये गेहूं सामान्य के मुकाबले अच्छे दामों में बिकता है. किसान का दावा है कि इससे हार्ट, कैंसर, शुगर और एनीमिया के मरीजों को फायदा होता है. एक और फायदा यह है कि इसकी बुआई के लिए भी सामान्य बीज से कम बीज लगता है. इसके साथ-साथ इस का भाव बाजार में सामान्य के मुकाबले 2 से 3 गुना होता है. किसान दयानंद इससे पहले भी बाजरे की फसल का भी अनूठा प्रयोग किया था. इन्होंने बाजरे का 5 फिट का सिरा अपने खेत में पैदा किया था.

Green wheat cultivation in sikar, Farmers innovating leaving traditional farming, Sikar Farmers innovating farming
गेहूं की नई फसलों पर होगा रिसर्च

पढ़ें- किसान सम्मेलन के जरिए कांग्रेस ने बिछाई उपचुनाव की बिसात, गहलोत-पायलट ने एक मंच से छोड़े बयानों के तीर

कृषि विशेषज्ञ और कृषि कॉलेज के डीन डॉ एस आर ढाका का कहना है कि हरे गेहूं की खेती क्षेत्र में पहली बार हो रही है. काले गेहूं की खेती भी अभी शुरू हुई है. एक दो किसान यह खेती कर रहे हैं. चंडीगढ की रिसर्च सेंटर में सबसे पहले इसकी खोज हुई थी. एक विशेष जिंस के जरिए गेहूं के अलग-अलग रंग का बीज तैयार किया गया था.

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परंपरागत खेती छोड़ नवाचार कर रहे किसान

उनका कहना है कि अभी तक इसके फायदों को लेकर ज्यादा रिसर्च नहीं हो पाया है. जिस तरह का दावा किसान कर रहे हैं अगर ऐसा है तो यह लोगों के लिए बहुत फायदे की बात होगी. उनका कहना है कि जल्दी ही इस बीज पर एग्रीकल्चर कॉलेज में रिसर्च शुरू करवाया जाएगा. जिससे स्टूडेंट को भी जानकारी मिल सके.

सीकर. जिले के किसान अब परंपरागत खेती को छोड़कर नए नए प्रयोग कर रहे हैं. गेहूं की खेती में भी किसानों ने इस तरह के प्रयोग किए हैं और इस बार जिले में कुछ किसान ऐसे हैं जिन्होंने काले गेहूं की खेती की है. देखिये यह रिपोर्ट...

सीकर के किसान कर रहे नवाचार

सीकर जिले में खेती के क्षेत्र में लगातार नवाचार हो रहे हैं. जिले में एक किसान ऐसे भी हैं जिन्होंने हरे गेहूं की खेती शुरू किया है. इस किसान का दावा है कि पहली बार प्रदेश में हरे गेहूं की खेती हो रही है. यह गेहूं ज्यादा पौष्टिक है और कई तरह के रोग से मुक्ति दिलाने वाला है.

जानकारी के मुताबिक सीकर जिले के हरसावा गांव के रहने वाले दयानंद नेहरा ने पहली बार हरे गेहूं की खेती करना शुरू किया है. इसके साथ साथ करीब 2 साल पहले इन्होंने काले गेहूं की खेती करना शुरू किया था. इस बार कई किसानों के खेत में इन्होंने काले गेहूं की फसल की बुवाई कराई है.

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सीकर में पहली बार उपज रहा हरा गेहूं

पढ़ें- SPECIAL : परिवारों का विघटन सामूहिक आत्महत्याओं की बड़ी वजह...देश में हर 7 मिनट में हो रही एक आत्महत्या

दयानंद बताते हैं कि राजस्थान में पहली बार हरे गेहूं की खेती हो रही है. मध्य प्रदेश के एक रिसर्च सेंटर से इन्होंने इसका तरीका पूछा और उसके बाद बीज लेकर आए. दयानंद का दावा है कि गेहूं में कई रोगों से लड़ने की क्षमता होती है और इसमें कई ऐसे विटामिन हैं जो सामान्य गेंहू में नहीं होते.

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हरा गेहूं स्वास्थ्य के लिए है लाभदायक

दयानंद ने बताया कि ये गेहूं सामान्य के मुकाबले अच्छे दामों में बिकता है. किसान का दावा है कि इससे हार्ट, कैंसर, शुगर और एनीमिया के मरीजों को फायदा होता है. एक और फायदा यह है कि इसकी बुआई के लिए भी सामान्य बीज से कम बीज लगता है. इसके साथ-साथ इस का भाव बाजार में सामान्य के मुकाबले 2 से 3 गुना होता है. किसान दयानंद इससे पहले भी बाजरे की फसल का भी अनूठा प्रयोग किया था. इन्होंने बाजरे का 5 फिट का सिरा अपने खेत में पैदा किया था.

Green wheat cultivation in sikar, Farmers innovating leaving traditional farming, Sikar Farmers innovating farming
गेहूं की नई फसलों पर होगा रिसर्च

पढ़ें- किसान सम्मेलन के जरिए कांग्रेस ने बिछाई उपचुनाव की बिसात, गहलोत-पायलट ने एक मंच से छोड़े बयानों के तीर

कृषि विशेषज्ञ और कृषि कॉलेज के डीन डॉ एस आर ढाका का कहना है कि हरे गेहूं की खेती क्षेत्र में पहली बार हो रही है. काले गेहूं की खेती भी अभी शुरू हुई है. एक दो किसान यह खेती कर रहे हैं. चंडीगढ की रिसर्च सेंटर में सबसे पहले इसकी खोज हुई थी. एक विशेष जिंस के जरिए गेहूं के अलग-अलग रंग का बीज तैयार किया गया था.

Green wheat cultivation in sikar, Farmers innovating leaving traditional farming, Sikar Farmers innovating farming
परंपरागत खेती छोड़ नवाचार कर रहे किसान

उनका कहना है कि अभी तक इसके फायदों को लेकर ज्यादा रिसर्च नहीं हो पाया है. जिस तरह का दावा किसान कर रहे हैं अगर ऐसा है तो यह लोगों के लिए बहुत फायदे की बात होगी. उनका कहना है कि जल्दी ही इस बीज पर एग्रीकल्चर कॉलेज में रिसर्च शुरू करवाया जाएगा. जिससे स्टूडेंट को भी जानकारी मिल सके.

Last Updated : Mar 1, 2021, 7:44 AM IST
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