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Special: सीकर में रबी की बुवाई में जुटे किसानों पर बीज के भाव से दोहरी मार, सरकार ने केवल सरसों का बीज बांटा

इन दिनों रबी फसलों की बुवाई का दौर चल रहा है. लेकिन, कोरोना काल में परेशान किसानों पर इस बार बीज के भाव की वजह से दोहरी मार पड़ रही है. दरअसल, इस बार सरकार ने किसानों को केवल सरसों का बीज वितरित किया है, जबकि अन्य फसलों की बुवाई ज्यादा होती है. साथ ही इस बार बीज के भाव बहुत ज्यादा हैं. बीज विक्रेताओं की मानें तो कोरोना महामारी की वजह से इस साल बीज के भाव काफी बढ़े हैं.

Sikar News, seeds rate, रबी की फसल, सीकर के किसान
सीकर में महंगे बिक रहे रबी फसलों के बीज
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Published : Nov 20, 2020, 2:05 PM IST

सीकर. रबी की सीजन की बुवाई का दौर चल रहा है. इस वक्त सीकर जिले में गेहूं, जौ, चना, सरसों, प्याज और अन्य सब्जियों की बुवाई चल रही है. कोरोना काल में परेशान किसानों पर इस बार बीज के भाव की वजह से दोहरी मार पड़ रही है. इस बार सरकार ने किसानों को केवल सरसों का बीज वितरित किया है, जबकि अन्य फसलों की बुवाई ज्यादा होती है. इस बार बीज के भाव भी बहुत ज्यादा है और सरकार ने भी किसानों को नहीं बांटा है. ऐसे में किसानों के सामने महंगा बीज खरीदने के अलावा कोई चारा नहीं है.

पढ़ें: Reality Check : राजस्थान ODF प्रदेश घोषित...लेकिन जयपुर में ही खुले में शौच करते दिखे लोग

जानकारी के मुताबिक सीकर जिले में रबी के सीजन में सबसे ज्यादा गेहूं की बुआई होती है. इसके अलावा जौ, सरसों और चने की बुवाई भी बड़े स्तर पर होती है. इसके साथ ही सीकर जिला प्याज का बड़ा उत्पादक है. इसके साथ ही सीकर जिले में अन्य सब्जियों की खेती भी बड़े स्तर पर होती है. इस बार रबी के सीजन के लिए किसानों को सरकार की तरफ से केवल सरसों का बीज उपलब्ध करवाया गया और करीब 5 हजार हेक्टेयर में सरकार की तरफ से बांटे गए सरसों की बुवाई की गई है.

पढ़ें: Special: जयपुर में साइबर ठगी का बढ़ रहा जाल...हर रोज औसत 12 मामले, स्पेशल साइबर विंग का गठन

बीज विक्रेताओं की मानें तो अन्य वर्षो की तुलना में इस साल बीज के भाव काफी बढ़े हैं और ऐसा कोरोना महामारी की वजह से हुआ है. लॉकडाउन के दौरान बीज उत्पादन करने वाली यूनिट लंबे समय तक बंद रही और बाजार में पर्याप्त बीज नहीं आ सका. सरकार की तरफ से बीज उपलब्ध नहीं होने के कारण किसानों को बाजार से ही पूरा बीज खरीदना पड़ा. ऐसे में किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. कृषि विभाग का कहना है कि जिले में बीज विक्रेताओं के पास प्लीज कि कहीं कोई कमी नहीं है, लेकिन भाव पिछली बार से ज्यादा है. यूरिया की उपलब्धता भी बाजार में पर्याप्त है.

सीकर में महंगे बिक रहे रबी फसलों के बीज

चारे वाली फसलों का भाव सबसे ज्यादा
सीकर जिले में इस बार बीज के भाव की बात की जाए तो चारे वाली फसलों का बीज सबसे ज्यादा महंगा बिका है. इसके अलावा गेहूं और चने के बीज के दाम में भी काफी तेजी देखी गई है. विक्रेताओं की मानें तो सीकर जिले में प्याज के बीज के भाव आसमान छू रहे हैं, क्योंकि जिले में प्याज की बुवाई भी बड़े स्तर पर होती है. प्याज का बीज 3 हजार से 5 हजार रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है. वहीं, इस वक्त हालात ये है कि बीज विक्रेताओं के पास प्याज का बीज लगभग खत्म हो चुका है.

2 लाख 59 हजार हेक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य
सीकर जिले की बात करें तो कृषि विभाग ने 85 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई का लक्ष्य रखा है. इसके अलावा 50 हजार हेक्टेयर में चने की बुवाई का लक्ष्य रखा है और 50 हजार हेक्टेयर में सरसों की बुवाई का लक्ष्य रखा गया है. 12 हजार हेक्टेयर में तारामीरा की बुवाई का लक्ष्य रखा गया है. इसके साथ ही 30 हजार हेक्टेयर में जौ की बुवाई का लक्ष्य रखा गया है और 5 हजार हेक्टेयर में मेथी की बुवाई का लक्ष्य रखा है. 7200 हजार हेक्टेयर में चारे वाली फसलों की बुआई का लक्ष्य है. 10,800 हेक्टेयर सब्जी और 9 हजार हेक्टेयर में मसाले वाली फसलों की बुआई का लक्ष्य रखा है. इस तरह जिले में कुल 2 लाख 59 हजार हेक्टेयर में रबी फसल की बुवाई का लक्ष्य रखा है.

सीकर. रबी की सीजन की बुवाई का दौर चल रहा है. इस वक्त सीकर जिले में गेहूं, जौ, चना, सरसों, प्याज और अन्य सब्जियों की बुवाई चल रही है. कोरोना काल में परेशान किसानों पर इस बार बीज के भाव की वजह से दोहरी मार पड़ रही है. इस बार सरकार ने किसानों को केवल सरसों का बीज वितरित किया है, जबकि अन्य फसलों की बुवाई ज्यादा होती है. इस बार बीज के भाव भी बहुत ज्यादा है और सरकार ने भी किसानों को नहीं बांटा है. ऐसे में किसानों के सामने महंगा बीज खरीदने के अलावा कोई चारा नहीं है.

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जानकारी के मुताबिक सीकर जिले में रबी के सीजन में सबसे ज्यादा गेहूं की बुआई होती है. इसके अलावा जौ, सरसों और चने की बुवाई भी बड़े स्तर पर होती है. इसके साथ ही सीकर जिला प्याज का बड़ा उत्पादक है. इसके साथ ही सीकर जिले में अन्य सब्जियों की खेती भी बड़े स्तर पर होती है. इस बार रबी के सीजन के लिए किसानों को सरकार की तरफ से केवल सरसों का बीज उपलब्ध करवाया गया और करीब 5 हजार हेक्टेयर में सरकार की तरफ से बांटे गए सरसों की बुवाई की गई है.

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बीज विक्रेताओं की मानें तो अन्य वर्षो की तुलना में इस साल बीज के भाव काफी बढ़े हैं और ऐसा कोरोना महामारी की वजह से हुआ है. लॉकडाउन के दौरान बीज उत्पादन करने वाली यूनिट लंबे समय तक बंद रही और बाजार में पर्याप्त बीज नहीं आ सका. सरकार की तरफ से बीज उपलब्ध नहीं होने के कारण किसानों को बाजार से ही पूरा बीज खरीदना पड़ा. ऐसे में किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. कृषि विभाग का कहना है कि जिले में बीज विक्रेताओं के पास प्लीज कि कहीं कोई कमी नहीं है, लेकिन भाव पिछली बार से ज्यादा है. यूरिया की उपलब्धता भी बाजार में पर्याप्त है.

सीकर में महंगे बिक रहे रबी फसलों के बीज

चारे वाली फसलों का भाव सबसे ज्यादा
सीकर जिले में इस बार बीज के भाव की बात की जाए तो चारे वाली फसलों का बीज सबसे ज्यादा महंगा बिका है. इसके अलावा गेहूं और चने के बीज के दाम में भी काफी तेजी देखी गई है. विक्रेताओं की मानें तो सीकर जिले में प्याज के बीज के भाव आसमान छू रहे हैं, क्योंकि जिले में प्याज की बुवाई भी बड़े स्तर पर होती है. प्याज का बीज 3 हजार से 5 हजार रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है. वहीं, इस वक्त हालात ये है कि बीज विक्रेताओं के पास प्याज का बीज लगभग खत्म हो चुका है.

2 लाख 59 हजार हेक्टेयर में बुवाई का लक्ष्य
सीकर जिले की बात करें तो कृषि विभाग ने 85 हजार हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई का लक्ष्य रखा है. इसके अलावा 50 हजार हेक्टेयर में चने की बुवाई का लक्ष्य रखा है और 50 हजार हेक्टेयर में सरसों की बुवाई का लक्ष्य रखा गया है. 12 हजार हेक्टेयर में तारामीरा की बुवाई का लक्ष्य रखा गया है. इसके साथ ही 30 हजार हेक्टेयर में जौ की बुवाई का लक्ष्य रखा गया है और 5 हजार हेक्टेयर में मेथी की बुवाई का लक्ष्य रखा है. 7200 हजार हेक्टेयर में चारे वाली फसलों की बुआई का लक्ष्य है. 10,800 हेक्टेयर सब्जी और 9 हजार हेक्टेयर में मसाले वाली फसलों की बुआई का लक्ष्य रखा है. इस तरह जिले में कुल 2 लाख 59 हजार हेक्टेयर में रबी फसल की बुवाई का लक्ष्य रखा है.

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