नागौर. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायती राज संस्थाओं (पंच एवं सरपंच) के लिए आम चुनाव करवाए जाने के लिए कार्यक्रम की घोषणा कर दी गई है. चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही नागौर जिले की 218 पंचायत क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता भी तुरंत प्रभाव से लागू हो गई है. वहीं, करीब 6 महीनों से अटके पंचायती राज चुनाव की सरगर्मियां अब एक बार फिर से शुरू हो रही है. पंच-सरपंच के दावेदार अपनी-अपनी जोड़-तोड़ की गणित बैठाने लग गए हैं. नागौर जिला प्रशासन ने भी अंतिम तैयारियों को लेकर रुपरेखा तैयार कर ली है.
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नागौर जिला उप निर्वाचन अधिकारी (एडीएम) मनोज कुमार ने बताया कि पंचायती राज संस्थाओं के आम चुनाव के लिए गठित प्रकोष्ठ प्रभारियों की बैठक लेकर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं. नागौर जिले की 218 ग्राम पंचायतों के चुनाव के 2,298 वार्ड पंच चुने जाएंगे. प्रथम चरण में डेगाना की 35 ग्राम पंचायतों के लिए 173 मतदान केंद्रों पर 1,26,730 मतदाता और परबतसर की 42 ग्राम पंचायतों के लिए 229 मतदान केंद्रों पर 1,66,659 मतदाता 28 सितम्बर को गांव की सरकार का चयन करेंगे. वहीं, चुनाव लड़ने के लिए दावेदारी जताने वाले उम्मीदवारों ने जोड़-तोड़ की गणित बैठाना शुरू कर दी है. द्वितीय चरण में मेड़ता की 41 ग्राम पंचायतों के लिए 238 मतदान केंद्रों पर 1,77,765 मतदाता और डीडवाना की 35 ग्राम पंचायतों के लिए 196 मतदान केंद्रों पर 1,33,523 मतदाता 3 अक्टूबर को मतदान करेंगे. वहीं, वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए मान मनुहार का दौर शुरू हो गया है.
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तृतीय चरण में मकराना में 17 ग्राम पंचायतों के लिए 89 मतदान केंद्रों पर 62,010 मतदाता और रियांबडी की 20 ग्राम पंचायतों के लिए 119 मतदान केंद्रों पर 84,095 मतदाता 6 अक्टूबर को मतदान करेंगे. आखरी चरण मे भैरुदा की 23 ग्राम पंचायतों के लिए 140 मतदान केंद्रों पर 1,01,014 मतदाताओं के साथ ही खींवसर की 3 ग्राम पंचायतों के लिए 14 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जहां 10,088 मतदाता मतदान करेंगे. कुचामन सिटी की दो ग्राम पंचायतों के लिए 9 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जहां 10 अक्टूबर को मतदान होगा. नागौर जिला प्रशासन ने तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है. इस बार मतदान दलों की रवानगी कोविड-19 के मद्देनजर पंचायत समिति स्तर पर होगी. पंचायत राज चुनाव के मद्देनजर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी अपने पक्ष के उम्मीदवार को सरपंच बनाने के लिए पर्दे के पीछे की तैयारी शुरू कर दी है.
बता दें कि पंच-सरपंच चुनाव में कोई राजनीतिक पार्टी नहीं होती है, जिसके कारण स्थानीय जनप्रतिनिधि पर्दे के पीछे रह कर अपने पक्ष के उम्मीदवार को जिताने के जोर लगा रहे हैं. पंच-सरपंच चुनाव को लेकर विधायक भी सक्रीय भूमिका में आ गए हैं. सभी पंचायतों में सरपंच पदों के लिए ईवीएम मशीनों द्वारा और वार्ड पंच पदों के लिए मतदान मतपेटी द्वारा करवाए जाएंगे.