नागौर. लॉकडाउन की वजह से नागौर का लाइमस्टोन पूरी तरह से बंद है. उसी को मध्य नजर रखते हुए लाइव स्टैंड से जुड़ी तमाम इकाइयों के माइंस होल्डर ने जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव से मुलाकात की और इन इकाइयों को चालू करने की मांग की थी. जिसपर शनिवार को जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने प्रेस वार्ता की.
प्रेस वार्ता में कलेक्टर ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से लॉकडाउन अवधि के दौरान आवश्यक प्रकृति की कृतिपय खनन इकाइयों को संचालित करने की अनुमति प्रदान की गई है. साथ ही बताया कि आवश्यक कमोडिटी से जुड़े उद्योग धंधे जैसे लाइमस्टोन की माइंस को सरकार से मिले दिशा निर्देश अनुसार लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंसिग को लागू करते हुए आवश्यक शर्तों के साथ काम शुरू करने की स्वीकृति देने की प्रक्रिया शुरू की है.
यादव ने बताया कि लाइमस्टोन माइन्स ओनर के साथ पुलिस अधीक्षक डॉ. विकास पाठक की मौजूदगी में बैठक आयोजित की गई. बैठक में निर्णय किया गया कि एसओसीएल कमोडिटी को देखते हुए कुछ प्रथम श्रेणी के लाइमस्टोन वाली माइंस को आंशिक रूप से शुरू करने की स्वीकृति दी जा सकती है. जिसका मतलब है कि आवश्यकता अनुसार खनन होगा. ठीक उसी प्रकार आर एस एम एम की ओर से संचालित कुछ माइंस को भी स्वीकृति दी जा सकती है.
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नागौर का लाइमस्टोन आवश्यक वस्तुएं जैसे साबुन, दवाइयां, सैनिटाइजर बनाने के लिए काम में लिया जाता है. जिला कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि आवश्यक प्रकृति की खनन इकाइयों के संचालन के दौरान वहां श्रमिक एवं अन्य स्टाफ के परमिट जारी करने के लिए संबंधित उपखंड अधिकारी एवं पुलिस विभाग के साथ-साथ जिला परिवहन अधिकारी नागौर एवं खनिज अभियंता नागौर और गोटन को अधिकृत प्रभारी बनाया गया है.
इस दौरान उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि नागौर जिले में अब तक कोविड 19 की जांच में 85 जनों की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. वहीं 37 जनों को राजकीय चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है. नागौर से 17, कुचामन से 6, डीडवाना से 2, लाडनू से 12 सैंपल शनिवार को जांच के लिए अजमेर भेजे गए हैंं.
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बता दें कि नागौर चिकित्सा विभाग ने कुल 194 जनों के सैंपल जांच के लिए हैं. जिनमें से 85 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है. जिसके बाद अब जिला प्रशासन ने बड़े कस्बों में डोर टू डोर सर्वे शुरू कर दिया है.