नागौर. जिला मुख्यालय की नगर परिषद के सभापति पद पर निर्दलीय ने कब्जा जमाया है. भाजपा के समर्थन और बागी कांग्रेस पार्षदों की ओर से प्रत्याशी मीतू बोथरा ने चुनाव में आमने-सामने के मुकाबले में कांग्रेस की ममता भाटी को 8 मतों से शिकस्त दी. चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी मीतू बोथरा को 34 मत मिले, जबकि कांग्रेस की ममता भाटी 26 मतों पर सिमट गईं. इस प्रकार नागौर नगर परिषद में सामान्य महिला के लिए आरक्षित सीट पर निर्दलीय सभापति के रूप में मीतू बोथरा काबिज हुई हैं.
चुनाव में सभापति पद के दोनों दावेदारों ने मतदान करने के लिए सबसे पहले नगर परिषद नागौर पहुंची. यहां कुल 60 पार्षदों में से 60 पार्षदों ने अपने मत का प्रयोग किया. निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, सुबह 10 बजे से नगरपरिषद के भवन में रिर्टनिंग अधिकारी अमित चौधरी की उपस्थिति में मतदान प्रक्रिया शुरू हुई. मतदान और मतगणना के दौरान नगर परिषद कार्यालय परिसर सहित बाहर तक सुरक्षा व्यवस्था के लिए बड़ी संख्या में पुलिस जवान और अधिकारी तैनात रहे.
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अति पुलिस अधीक्षक राजेश मीणा और वृताधिकारी विनोद कुमार कोतवाली सदर महिला थाना सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा संभाल रहे थे. निर्धारित 2 बजे मतदान संपन्न होने के तत्काल बाद रिर्टनिंग अधिकारी अमित चौधरी की उपस्थिति में मतगणना शुरू हुई. करीब 20 मिनट के इंतजार के बाद मतगणना पूरी हो गई. रिर्टनिंग अधिकारी ने परिणाम की घोषणा की. निकाय चुनाव में नागौर नगर परिषद में अपना सभापति बनाकर बोर्ड बनाने का दावा करने वाली कांग्रेस को सभापति पद के चुनाव में करारा झटका लगा है.
पार्षद चुनाव के दौरान कुल 60 वार्डों में से कांग्रेस के खाते में 27 सीटें आईं थी, जबकि भाजपा के भी 12 पार्षद चुनाव जीते थे और निर्दलीय 21 पहली बार पार्षद बनकर नगर परिषद पहुंचे थे, लेकिन सभापति चुनाव में काग्रेस प्रत्याशी ममता भाटी को केवल 26 मत मिले यानि कांग्रेस के 7 पार्षदों ने अपनी ही प्रत्याशी को वोट नहीं देकर पाला बदल दिया. भाजपा के समर्थन से नगर परिषद नागौर में निर्दलीय प्रत्याशी मीतू बोथरा को मैदान में उतारा गया.
जहां निर्दलीय का साथ मिलने से काग्रेस खेमें मे सेघ लगाकर मीतू बोथरा आठ मतों से विजयी बनी है, वहीं, भाजपा विधायक मोहन राम चौधरी के नेतृत्व में निकाय चुनाव की रणनीति कारगर रही. जहां कांग्रेस के 27 पार्षद थे, भाजपा के 12 पार्षदों के समर्थन निर्दलीय प्रत्याशी मीतू बोथरा को दिया. जिससे कांग्रेस खेमें के 7 अन्य पार्षदों को बांड़ेबंदी मे शामिल करकें अन्य 15 पार्षद की जरुरत थी और निर्दलीय को शामिल करकें आंकड़ा 34 तक लाने पर बहुमत से ज्यादा होने से मीतू बोथरा कामियाब रही, लेकिन पूर्व मंत्री हबीबू रहमान की कारगर रणनीति के चलते कांग्रेस प्रत्याशी ममता भाटी कुल 26 मत लेकर चुनाव को एकतरफा कर डाला.
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विशेष बात यह है कि गत बार के चुनाव में 45 पार्षदों में से भाजपा को करारी हार हुई थी. सभापति की कुर्सी पर कृपाराम सोलकी बैठे थे, चुनाव रणनीति के तहत उस समय कांग्रेस कामयाब हुई और उप चुनाव मे भी सभापति के मतदान के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी मांगी लाल भाटी विजय रहे थे. इस बार मांगीलाल भाटी ने अपनी पत्नी को जीत दर्ज करवाने के बाद कांग्रेस का प्रत्याशी बनाया गया.