नागौर. पूरी दुनिया के लिए खौफ का कारण बने कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही जंग के चलते देशभर में 21 दिन का लॉकडाउन चल रहा है. सरकार के आदेश पर राज्यों, जिलों और शहरों की सीमाएं सील कर दी गई हैं. ताकि अनावश्यक आवाजाही को कम कर संक्रमण का खतरा रोका जा सके.
इस दिशा में अब गांवों के लोगों ने भी एहतियात बरतना शुरू कर दिया है. गांवों में दवा का छिड़काव कर लोगों को घरों में ही रहने के लिए जागरूक किया जा रहा है. इस बीच अब कई गांवों के लोगों ने अपने गांव में आने वाले मुख्य रास्तों को बंद करना भी शुरू कर दिया है.
मुख्य सड़क से गांवों की ओर आने वाले रास्तों को बेरिकेड्स लगाकर रोका जा रहा है. ताकि अनावश्यक आवाजाही के कारण होने वाले संक्रमण के खतरे को रोका जा सके. नागौर जिले में हाईवे पर बसे हुए गांव जैसे खुनखुना और पालोट के ग्रामीणों ने इस दिशा में पहल की है.
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गांवों के ग्रामीणों ने मुख्य सड़क से गांव में आने वाले रास्ते पर बल्लियां लगाकर बेरिकेड्स बना दिए हैं, ताकि अनावश्यक रूप से कोई भी गांव में प्रवेश नहीं कर पाए. इसके साथ ही यहां पर ग्रामीणों द्वारा नाकाबंदी भी लगाई गई है.
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इन गांवों के ग्रामीणों का कहना है कि हाईवे या मुख्य सड़क पर स्थित होने के कारण उनके गांवों में अनावश्यक रूप से लोगों की आवाजाही का खतरा ज्यादा है. ऐसे में यदि कोई संक्रमित व्यक्ति आ जाता है तो गांव के सभी लोगों के लिए खतरा हो सकता है.
इसलिए एहतियात के तौर पर रास्ता बंद करने का फैसला लिया गया है. हालांकि, उनका कहना है कि जरूरी वस्तुओं की सप्लाई से जुड़े लोगों को और जरूरी काम से आने-जाने वालों को रोका नहीं जा रहा है.