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3 दिनों में नागौर का पुराना पित्ती अस्पताल कोविड अस्पताल में तब्दील, मरीजों को दी जा रही सभी सुविधाएं - Jawaharlal Nehru Hospital in nagore

राजस्थान में कोरोना के मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है. जिसके कारण प्रदेश में ऑक्सीजन और तमाम तरह की व्यवस्थाओं में कमी आ रही है. इसे देखते हुए नागौर में जिला कलेक्टर ने राजकीय चिकित्सालय को कोविड अस्पताल बनाने का सुझाव दिया था. जिसके बाद इस सुझाव पर राजकीय अस्पताल को कोविड अस्पताल में बदला गया. जहां अब मरीजों को उपचार दिया जा रहा है.

नागौर हिंदी न्यूज, 50 Bed Covid Hospital in nagore
3 दिन में पुराना अस्पताल कोविड अस्पताल में बदला गया
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Published : May 11, 2021, 3:53 PM IST

नागौर. जिला मुख्यालय स्थित जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय में भर्ती किए कोरोना संक्रमित मरीजों की तादाद ज्यादा हो जाने के बाद नए आने वाले मरीजों को भी वापस लौटाया नहीं जाए इसके लिए जिला कलेक्टर डॉ. जीतेन्द्र कुमार सोनी ने शहर के उस भवन में कोविड अस्पताल बनाने की बात सुझाई जहां पूर्व में राजकीय चिकित्सालय संचालित होता था.

3 दिन में पुराना अस्पताल कोविड अस्पताल में बदला गया

जिला कलेक्टर डॉ. सोनी का ये सुझाव चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को भी पसंद आया. जिसके बाद शुरू हुआ पुराने राजकीय अस्पताल के भवन को कोविड अस्पताल में बदलने का प्रोसेस और इसकी जिम्मेदारी एडिशनल सीएमएचओ डॉ. शीशराम चौधरी और डॉ. मुश्ताक अहमद की टीम को दी गई.

दोनों अधिकारियों की मॉनिटरिंग में महज 3 दिनों में नागौर का पुराना पित्ती अस्पताल कोविड अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है. अस्पताल में मरीजों को भर्ती कर उनका उपचार भी शुरु कर दिया गया है. कोविड अस्पताल में भर्ती मरीजों को तमाम चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है जो कि हर बड़े अस्पताल में इन दिनों कोरोना संक्रमित मरीजों को मिल रही हैं.

पढ़ें- पायलट समर्थकों ने बनाया @Pilot With People अकाउंट, कोविड मरीजों की कर रहे मदद

एडिशनल सीएमएचओ डॉ. शीशराम चौधरी ने बताया कि नागौर में संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर ये फैसला लिया गया है और जिला कलेक्टर डॉ. जीतेन्द्र कुमार सोनी के मार्गदर्शन में इस भवन में 50 बेड का कोविड अस्पताल बनाने का प्रोसेस पूरा किया गया है.

उन्होंने बताया कि इस नए कोविड-19 अस्पताल में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड के साथ-साथ सामान्य बेड भी है. इसके साथ ही इस अस्पताल में पर्याप्त नर्सिंग स्टाफ की ड्यूटी भी लगाई गई है.

नागौर. जिला मुख्यालय स्थित जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय में भर्ती किए कोरोना संक्रमित मरीजों की तादाद ज्यादा हो जाने के बाद नए आने वाले मरीजों को भी वापस लौटाया नहीं जाए इसके लिए जिला कलेक्टर डॉ. जीतेन्द्र कुमार सोनी ने शहर के उस भवन में कोविड अस्पताल बनाने की बात सुझाई जहां पूर्व में राजकीय चिकित्सालय संचालित होता था.

3 दिन में पुराना अस्पताल कोविड अस्पताल में बदला गया

जिला कलेक्टर डॉ. सोनी का ये सुझाव चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को भी पसंद आया. जिसके बाद शुरू हुआ पुराने राजकीय अस्पताल के भवन को कोविड अस्पताल में बदलने का प्रोसेस और इसकी जिम्मेदारी एडिशनल सीएमएचओ डॉ. शीशराम चौधरी और डॉ. मुश्ताक अहमद की टीम को दी गई.

दोनों अधिकारियों की मॉनिटरिंग में महज 3 दिनों में नागौर का पुराना पित्ती अस्पताल कोविड अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है. अस्पताल में मरीजों को भर्ती कर उनका उपचार भी शुरु कर दिया गया है. कोविड अस्पताल में भर्ती मरीजों को तमाम चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है जो कि हर बड़े अस्पताल में इन दिनों कोरोना संक्रमित मरीजों को मिल रही हैं.

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एडिशनल सीएमएचओ डॉ. शीशराम चौधरी ने बताया कि नागौर में संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर ये फैसला लिया गया है और जिला कलेक्टर डॉ. जीतेन्द्र कुमार सोनी के मार्गदर्शन में इस भवन में 50 बेड का कोविड अस्पताल बनाने का प्रोसेस पूरा किया गया है.

उन्होंने बताया कि इस नए कोविड-19 अस्पताल में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड के साथ-साथ सामान्य बेड भी है. इसके साथ ही इस अस्पताल में पर्याप्त नर्सिंग स्टाफ की ड्यूटी भी लगाई गई है.

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