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ग्राउंड रिपोर्ट: नागौर के पशु मेले में प्यासे बैल, एक ड्रम पानी के देने पड़ रहे 100 रुपए

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Published : Jan 23, 2020, 9:18 PM IST

नागौरी नस्ल के बैलों की खरीद-फरोख्त के लिए देशभर में विख्यात नागौर के श्री रामदेव पशु मेले का विधिवत आगाज 25 जनवरी को झंडारोहण के साथ होगा. ऐसे में यहां पशुपालक अपने पशु लेकर पहुंचने लगे हैं. लेकिन मेला मैदान में अभी तक पशुओं के पीने के लिए पानी और रोशनी तक के इंतजाम नहीं हो पाए हैं. देखिए नागौर मेले की ग्राउंड रिपोर्ट..

Nagaur Pashu Mela, नागौर समाचार
नागौर के पशु मेले में बैलों की आवक शुरू

नागौर. नागौरी बैलों की नस्ल के कारण विश्व-विख्यात श्री रामदेव पशु मेले की शुरूआत 25 जनवरी को होगी. ऐसे में श्री रामदेव पशु मेले में पशुपालक अपने पशु लेकर पहुंचने लगे हैं. हालांकि, मेले का विधिवत आगाज 25 जनवरी को होगा. लेकिन इससे पहले ही मेले में कई पशुपालक अपने सैकड़ों पशुओं को लेकर पहुंच गए हैं.

नागौर के पशु मेले में बैलों की आवक शुरू

मेला मैदान में परेशानी में पशुपालक
लेकिन मेले मैदान की हालत देखकर नहीं लग रहा है कि यहां मेले लगने वाला है. क्योंकि मेला मैदान में पशुओं के लिए पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं हो पाई है. मेला मैदान में पशुओं के लिए बने पानी के हौद सूखे पड़े हैं. कुछ छोटी खेलियां भी मेला मैदान में बनी हुई हैं, लेकिन इनमें भी गंदगी भरी हुई है. ऐसे में अपने बैल मेले में लेकर आने वाले पशुपालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

Nagaur Pashu Mela, नागौर समाचार
श्री रामदेव पशु मेले में पशु लेकर आए पशुपालक

पढ़ें- नागौर: ऐतिहासिक रामदेव पशु मेला का 25 जनवरी से आयोजन

मेले में आए पशुपालकों ने बताई पीड़ा
नागौर मेले में सेनणी गांव से बैल लेकर आए पशुपालक घमंडाराम का कहना है कि वो गुरुवार को ही यहां पहुंचे हैं. अभी तक ना तो पशुओं के लिए पीने के पानी का इंतजाम हो पाया है और ना ही पशुपालकों के लिए. हालात ये है कि पानी का एक घड़ा 20 रुपए में खरीदना पड़ रहा है.

Nagaur Pashu Mela, नागौर समाचार
एक ड्रम पानी के लिए देने पड़ रहे 100 रुपए

वहीं गोठड़ा गांव से आए पशुपालक चंदाराम का कहना है कि वे अपने 35 बैल लेकर बुधवार को ही नागौर आ गए थे, लेकिन एक दिन बाद यानी गुरुवार तक पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं हो पाई है. हालत ये है कि मेला मैदान में बने हौद में अभी तक पानी नहीं भरा गया है और ना ही मेला मैदान में रोशनी की कोई व्यवस्था हो पाई है. ऐसे में पशुओं की रखवाली के लिए कड़ाके की सर्दी के बीच उन्हें रातभर जागना पड़ेगा. उनका कहना है कि एक ड्रम पानी के लिए 100 रुपए देने पड़ रहे हैं.

Nagaur Pashu Mela, नागौर समाचार
पशुओं के लिए बना पानी का हौद पड़ा खाली

पशुपालन विभाग के अधिकारी का जवाब
दूसरी तरफ मेले में आ रही परेशानियों पर पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. सीआर मेहरड़ा का कहना है कि नागौर आने वाली हर सड़क पर चौकी की स्थापना कर देंगे. वहीं पानी की व्यवस्था के सवाल पर उनका कहना है कि लाइन में लीकेज था, जिसे दुरुस्त करवा दिया गया है. जल्द ही हौदों में पानी भरवा दिया जाएगा. साथ ही रोशनी की व्यवस्था के सवाल पर उनका जवाब है कि अस्थाई कनेक्शन के लिए डिस्कॉम में आवेदन किया है, जल्द ही रोशनी की व्यवस्था भी करवा दी जाएगी. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि पशुपालकों के यहां पहुंचने के बाद यह सब व्यवस्था होती है तो उन्हें होने वाली परेशानी का जिम्मेदार कौन है.

पढ़ें- राजसमंदः खादी मेले का समापन, शहरवासियों ने की जमकर खरीदारी, करीब 40 लाख तक की बिक्री

आपको बता दें कि नागौर का ऐतिहासिक श्री रामदेव पशु मेला 25 जनवरी से शुरू होने वाला है. यह मेला 9 फरवरी तक चलेगा, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम और पशु प्रतियोगिताएं भी शामिल है. मेले में पशुपालन विभाग की ओर से मेला स्थल पर 140 दुकानों की नीलामी की गई. विजेता पशुओं के मालिकों को 2 फरवरी को होने वाले पुरस्कार वितरण समारोह में पुरस्कृत किया जाएगा. इसके बाद पशुओं की रवानगी शुरू हो जाएगी.

नागौर. नागौरी बैलों की नस्ल के कारण विश्व-विख्यात श्री रामदेव पशु मेले की शुरूआत 25 जनवरी को होगी. ऐसे में श्री रामदेव पशु मेले में पशुपालक अपने पशु लेकर पहुंचने लगे हैं. हालांकि, मेले का विधिवत आगाज 25 जनवरी को होगा. लेकिन इससे पहले ही मेले में कई पशुपालक अपने सैकड़ों पशुओं को लेकर पहुंच गए हैं.

नागौर के पशु मेले में बैलों की आवक शुरू

मेला मैदान में परेशानी में पशुपालक
लेकिन मेले मैदान की हालत देखकर नहीं लग रहा है कि यहां मेले लगने वाला है. क्योंकि मेला मैदान में पशुओं के लिए पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं हो पाई है. मेला मैदान में पशुओं के लिए बने पानी के हौद सूखे पड़े हैं. कुछ छोटी खेलियां भी मेला मैदान में बनी हुई हैं, लेकिन इनमें भी गंदगी भरी हुई है. ऐसे में अपने बैल मेले में लेकर आने वाले पशुपालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

Nagaur Pashu Mela, नागौर समाचार
श्री रामदेव पशु मेले में पशु लेकर आए पशुपालक

पढ़ें- नागौर: ऐतिहासिक रामदेव पशु मेला का 25 जनवरी से आयोजन

मेले में आए पशुपालकों ने बताई पीड़ा
नागौर मेले में सेनणी गांव से बैल लेकर आए पशुपालक घमंडाराम का कहना है कि वो गुरुवार को ही यहां पहुंचे हैं. अभी तक ना तो पशुओं के लिए पीने के पानी का इंतजाम हो पाया है और ना ही पशुपालकों के लिए. हालात ये है कि पानी का एक घड़ा 20 रुपए में खरीदना पड़ रहा है.

Nagaur Pashu Mela, नागौर समाचार
एक ड्रम पानी के लिए देने पड़ रहे 100 रुपए

वहीं गोठड़ा गांव से आए पशुपालक चंदाराम का कहना है कि वे अपने 35 बैल लेकर बुधवार को ही नागौर आ गए थे, लेकिन एक दिन बाद यानी गुरुवार तक पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं हो पाई है. हालत ये है कि मेला मैदान में बने हौद में अभी तक पानी नहीं भरा गया है और ना ही मेला मैदान में रोशनी की कोई व्यवस्था हो पाई है. ऐसे में पशुओं की रखवाली के लिए कड़ाके की सर्दी के बीच उन्हें रातभर जागना पड़ेगा. उनका कहना है कि एक ड्रम पानी के लिए 100 रुपए देने पड़ रहे हैं.

Nagaur Pashu Mela, नागौर समाचार
पशुओं के लिए बना पानी का हौद पड़ा खाली

पशुपालन विभाग के अधिकारी का जवाब
दूसरी तरफ मेले में आ रही परेशानियों पर पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. सीआर मेहरड़ा का कहना है कि नागौर आने वाली हर सड़क पर चौकी की स्थापना कर देंगे. वहीं पानी की व्यवस्था के सवाल पर उनका कहना है कि लाइन में लीकेज था, जिसे दुरुस्त करवा दिया गया है. जल्द ही हौदों में पानी भरवा दिया जाएगा. साथ ही रोशनी की व्यवस्था के सवाल पर उनका जवाब है कि अस्थाई कनेक्शन के लिए डिस्कॉम में आवेदन किया है, जल्द ही रोशनी की व्यवस्था भी करवा दी जाएगी. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि पशुपालकों के यहां पहुंचने के बाद यह सब व्यवस्था होती है तो उन्हें होने वाली परेशानी का जिम्मेदार कौन है.

पढ़ें- राजसमंदः खादी मेले का समापन, शहरवासियों ने की जमकर खरीदारी, करीब 40 लाख तक की बिक्री

आपको बता दें कि नागौर का ऐतिहासिक श्री रामदेव पशु मेला 25 जनवरी से शुरू होने वाला है. यह मेला 9 फरवरी तक चलेगा, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम और पशु प्रतियोगिताएं भी शामिल है. मेले में पशुपालन विभाग की ओर से मेला स्थल पर 140 दुकानों की नीलामी की गई. विजेता पशुओं के मालिकों को 2 फरवरी को होने वाले पुरस्कार वितरण समारोह में पुरस्कृत किया जाएगा. इसके बाद पशुओं की रवानगी शुरू हो जाएगी.

Intro:नागौरी नस्ल के बैलों की खरीद-फरोख्त के लिए देशभर में विख्यात नागौर के श्रीरामदेव पशुमेले का विधिवत आगाज 25 जनवरी को झंडारोहण के साथ होगा। लेकिन यहां पशुपालक अपने पशु लेकर पहुंचने लगे हैं। आज चौकियों की स्थापना भी देर शाम तक होगी। लेकिन मेला मैदान में अभी तक पशुओं के पीने के लिए पानी और रोशनी तक के इंतजाम नहीं हो पाए हैं।


Body:नागौर. नागौरी नस्ल के बैलों की खरीद-फरोख्त के लिए देशभर में अपनी अलग पहचान रखने वाले श्री रामदेव पशु मेले में पशुपालक अपने पशु लेकर पहुंचने लगे हैं। हालांकि, मेले का विधिवत आगाज 25 जनवरी को होगा। अभी मेले में कई पशुपालक अपने सैकड़ों पशुओं को लेकर पहुंच गए हैं। आज चौकियों की स्थापना भी हो जाएगी। लेकिन अभी तक मेला मैदान में पशुओं के लिए पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं हो पाई है। मेला मैदान में पशुओं के लिए बने पानी के हौद सूखे पड़े हैं। कुछ छोटी खेलियां भी मेला मैदान में बनी हुई हैं। लेकिन इनमें भी गंदगी भारी हुई है। ऐसे में अपने बैल मेले में लेकर आने वाले पशुपालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सेनणी गांव से बैल लेकर आए पशुपालक घमंडाराम का कहना है कि वे आज ही यहां पहुंचे हैं। अभी तक न तो पशुओं के लिए पीने के पानी का इंतजाम हो पाया है और न ही पशुपालकों के लिए। पानी का एक घड़ा 20 रुपए में खरीदना पड़ रहा है।
गोठड़ा गांव से आए पशुपालक चंदाराम का कहना है कि वे अपने 35 बैल लेकर कल ही नागौर आ गए थे। लेकिन आज तक पीने के पानी तक की व्यवस्था नहीं हो पाई है। मेला मैदान में बने हौद में अभी तक पानी नहीं भरा गया है। न ही मेला मैदान में रोशनी की व्यवस्था हो पाई है। ऐसे में पशुओं की रखवाली के लिए कड़ाके की सर्दी के बीच उन्हें रातभर जागना पड़ेगा। उनका कहना है कि एक ड्रम पानी के लिए 100 रुपए देने पड़ रहे हैं।


Conclusion:पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. सीआर मेहरड़ा का कहना है कि आज शाम तक नागौर आने वाली हर सड़क पर चौकी की स्थापना कर देंगे। पानी की व्यवस्था के सवाल पर उनका कहना है कि लाइन में लीकेज था। जिसे दुरुस्त करवा दिया गया है। शाम तक हौदों में पानी भरवा दिया जाएगा। रोशनी की व्यवस्था के सवाल पर उनका जवाब है कि अस्थाई कनेक्शन के लिए डिस्कॉम में आवेदन किया है। जल्द ही रोशनी की व्यवस्था भी करवा दी जाएगी। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि पशुपालकों के यहां पहुंचने के बाद यह सब व्यवस्था होती है तो उन्हें होने वाली परेशानी का जिम्मेदार कौन है।
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बाईट 01- डॉ. सीआर मेहरड़ा, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग।
बाईट 02- चंदाराम बंजारा, पशुपालक, निवासी गोठड़ा।
बाईट 03- घमंडाराम, पशुपालक, निवासी सेनणी।
बाईट 04-डॉ. सीआर मेहरड़ा, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग।
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