नागौर. पूर्व मंत्री हबीबुर्रहमान ने नागौर नगर परिषद में हो रहे भ्रष्टाचार के मामले को लेकर बुधवार को मीडिया से रूबरू हुए. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों ताऊसर रोड की खसरा नंबर 381 की प्रतिबंधित अंगोर भूमि के नियमन की भी सूचनाएं मिली हैं. पार्षदों ने भी संभागीय आयुक्त तक शिकायत पहुंचाई है. संभागीय आयुक्त के निर्देशों पर सारे मामले की जांच फिर से एसडीएम नागौर अमित चौधरी कर रहे हैं. हालांकि परिषद के कार्मिकों को भी अपनी बात रखने का अधिकार है.
गौरतलब है कि एक दिन पहले नागौर उपखंड अधिकारी अमित चौधरी ने नागौर नगर परिषद पहुंचकर औचक निरीक्षण किया था. साथ ही 11 विशेष पत्रावलियों की जांच के दौरान तीन पत्रावलियों को कार्मिक लेकर फरार हो गया. एसडीएम ने कोतवाली थाना पुलिस को पूरे मामले की सूचना देते हुए कार्मिक के विरूद्ध गिरफ्तारी वारंट से तलब करने का नोटिस भी जारी किया. इसके बाद नगर परिषद कार्मिकों की ओर से एसडीएम जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए पेन डाउन हड़ताल करने की चेतावनी देने की बात सामने आई थी.
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बता दें कि नागौर नगर परिषद पिछले कुछ समय से विवादों में बना हुआ है. इसी के चलते परिषद में नियमन, भूमि रूपान्तरण, खांचा भूमि और स्टेट ग्रांट से जुड़ी पत्रावलियों के मामलों के निस्तारण पर रोक भी लगाई गई थी. क्योंकि नगर परिषद में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए पार्षदों द्वारा संभागीय आयुक्त आयुषी मलिक से शिकायत की गई थी. इसके बाद उपखण्ड अधिकारी नागौर अमित चौधरी के निर्देशों के बाद गठित की गई टीम ने नगर परिषद में भ्रष्टाचार के आरोपों के मामले की जांच की थी. इसको लेकर नागौर के एसडीएम ने नगर परिषद में नियमन की पत्रावली स्टेट ग्रांट पत्रावली पर भूमि रूपांतरण के पट्टो जांच जारी रहने तक में किसी भी तरह की कोई अन्य राशि जमा होने पर रोक लगा दी थी.
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पूर्व मंत्री हबीबुर्रहमान ने कहा कि पूरे मामले की जानकारी प्रदेश सरकार तक पहुंची है. मामले में जो सही और नियमानुसार है वही किया जाएगा. बता दें कि मंत्री अफसर विवाद सामने आया था, यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने अजमेर संभागीय आयुक्त आरुषि मलिक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अजमेर संभागीय आयुक्त द्वारा नागौर नगर परिषद के आयुक्त जोधाराम को आदर्श आचार संहिता के दौरान नियमन करने पर नोटिस देने और एसीबी में रिपोर्ट भेजने पर धारीवाल ने कड़ी आपत्ति करते हुए तल्ख टिप्पणी की है. धारीवाल ने फाइल पर तल्ख टिप्पणियां करते हुए मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर संभागीय आयुक्त को भविष्य में इस तरह की कार्रवाई करने से रोकने की हिदायत दी है.