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नागौर नगर परिषद में भ्रष्टाचार का मामला, पूर्व मंत्री ने दिया ये बयान - Corruption in Nagaur Municipal Council

नागौर नगर परिषद में एसडीएम की जांच मामले में चल रहे घमासान पर आखिरकार स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. पूर्व गहलोत सरकार में मंत्री रहे हबीबुर्रहमान ने मामले में पत्रकारों की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि ऐसी खबरें पिछले कई दिनों से मिल रही हैं कि नगर परिषद में भ्रष्टाचार हो रहा है.

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पूर्व मंत्री हबीबुर्रहमान मीडिया से रूबरू होते हुए
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Published : Oct 28, 2020, 10:58 PM IST

नागौर. पूर्व मंत्री हबीबुर्रहमान ने नागौर नगर परिषद में हो रहे भ्रष्टाचार के मामले को लेकर बुधवार को मीडिया से रूबरू हुए. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों ताऊसर रोड की खसरा नंबर 381 की प्रतिबंधित अंगोर भूमि के नियमन की भी सूचनाएं मिली हैं. पार्षदों ने भी संभागीय आयुक्त तक शिकायत पहुंचाई है. संभागीय आयुक्त के निर्देशों पर सारे मामले की जांच फिर से एसडीएम नागौर अमित चौधरी कर रहे हैं. हालांकि परिषद के कार्मिकों को भी अपनी बात रखने का अधिकार है.

पूर्व मंत्री हबीबुर्रहमान मीडिया से रूबरू होते हुए

गौरतलब है कि एक दिन पहले नागौर उपखंड अधिकारी अमित चौधरी ने नागौर नगर परिषद पहुंचकर औचक निरीक्षण किया था. साथ ही 11 विशेष पत्रावलियों की जांच के दौरान तीन पत्रावलियों को कार्मिक लेकर फरार हो गया. एसडीएम ने कोतवाली थाना पुलिस को पूरे मामले की सूचना देते हुए कार्मिक के विरूद्ध गिरफ्तारी वारंट से तलब करने का नोटिस भी जारी किया. इसके बाद नगर परिषद कार्मिकों की ओर से एसडीएम जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए पेन डाउन हड़ताल करने की चेतावनी देने की बात सामने आई थी.

यह भी पढ़ें: नागौरः सुदरासन पीएचसी में लगे डॉक्टर के तबादले का ग्रामीणों ने जताया विरोध, SDM को सौंपा ज्ञापन

बता दें कि नागौर नगर परिषद पिछले कुछ समय से विवादों में बना हुआ है. इसी के चलते परिषद में नियमन, भूमि रूपान्तरण, खांचा भूमि और स्टेट ग्रांट से जुड़ी पत्रावलियों के मामलों के निस्तारण पर रोक भी लगाई गई थी. क्योंकि नगर परिषद में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए पार्षदों द्वारा संभागीय आयुक्त आयुषी मलिक से शिकायत की गई थी. इसके बाद उपखण्ड अधिकारी नागौर अमित चौधरी के निर्देशों के बाद गठित की गई टीम ने नगर परिषद में भ्रष्टाचार के आरोपों के मामले की जांच की थी. इसको लेकर नागौर के एसडीएम ने नगर परिषद में नियमन की पत्रावली स्टेट ग्रांट पत्रावली पर भूमि रूपांतरण के पट्टो जांच जारी रहने तक में किसी भी तरह की कोई अन्य राशि जमा होने पर रोक लगा दी थी.

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प्रशासन द्वारा जारी हुआ आदेश

यह भी पढ़ें: कृषि कानूनों का विरोधः नागौर कांग्रेस प्रभारी ने कार्यकर्ताओं को दिया 'लक्ष्य', जानें

पूर्व मंत्री हबीबुर्रहमान ने कहा कि पूरे मामले की जानकारी प्रदेश सरकार तक पहुंची है. मामले में जो सही और नियमानुसार है वही किया जाएगा. बता दें कि मंत्री अफसर विवाद सामने आया था, यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने अजमेर संभागीय आयुक्त आरुषि मलिक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अजमेर संभागीय आयुक्त द्वारा नागौर नगर परिषद के आयुक्त जोधाराम को आदर्श आचार संहिता के दौरान नियमन करने पर नोटिस देने और एसीबी में रिपोर्ट भेजने पर धारीवाल ने कड़ी आपत्ति करते हुए तल्ख टिप्पणी की है. धारीवाल ने फाइल पर तल्ख टिप्पणियां करते हुए मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर संभागीय आयुक्त को भविष्य में इस तरह की कार्रवाई करने से रोकने की हिदायत दी है.

नागौर. पूर्व मंत्री हबीबुर्रहमान ने नागौर नगर परिषद में हो रहे भ्रष्टाचार के मामले को लेकर बुधवार को मीडिया से रूबरू हुए. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों ताऊसर रोड की खसरा नंबर 381 की प्रतिबंधित अंगोर भूमि के नियमन की भी सूचनाएं मिली हैं. पार्षदों ने भी संभागीय आयुक्त तक शिकायत पहुंचाई है. संभागीय आयुक्त के निर्देशों पर सारे मामले की जांच फिर से एसडीएम नागौर अमित चौधरी कर रहे हैं. हालांकि परिषद के कार्मिकों को भी अपनी बात रखने का अधिकार है.

पूर्व मंत्री हबीबुर्रहमान मीडिया से रूबरू होते हुए

गौरतलब है कि एक दिन पहले नागौर उपखंड अधिकारी अमित चौधरी ने नागौर नगर परिषद पहुंचकर औचक निरीक्षण किया था. साथ ही 11 विशेष पत्रावलियों की जांच के दौरान तीन पत्रावलियों को कार्मिक लेकर फरार हो गया. एसडीएम ने कोतवाली थाना पुलिस को पूरे मामले की सूचना देते हुए कार्मिक के विरूद्ध गिरफ्तारी वारंट से तलब करने का नोटिस भी जारी किया. इसके बाद नगर परिषद कार्मिकों की ओर से एसडीएम जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए पेन डाउन हड़ताल करने की चेतावनी देने की बात सामने आई थी.

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बता दें कि नागौर नगर परिषद पिछले कुछ समय से विवादों में बना हुआ है. इसी के चलते परिषद में नियमन, भूमि रूपान्तरण, खांचा भूमि और स्टेट ग्रांट से जुड़ी पत्रावलियों के मामलों के निस्तारण पर रोक भी लगाई गई थी. क्योंकि नगर परिषद में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए पार्षदों द्वारा संभागीय आयुक्त आयुषी मलिक से शिकायत की गई थी. इसके बाद उपखण्ड अधिकारी नागौर अमित चौधरी के निर्देशों के बाद गठित की गई टीम ने नगर परिषद में भ्रष्टाचार के आरोपों के मामले की जांच की थी. इसको लेकर नागौर के एसडीएम ने नगर परिषद में नियमन की पत्रावली स्टेट ग्रांट पत्रावली पर भूमि रूपांतरण के पट्टो जांच जारी रहने तक में किसी भी तरह की कोई अन्य राशि जमा होने पर रोक लगा दी थी.

नागौर नगर परिषद  नागौर नगर परिषद में भ्रष्टाचार  पूर्व मंत्री हबीबुर्रहमान  उपखंड अधिकारी अमित चौधरी  प्रतिबंधित अंगोर भूमि  nagaur news  rajasthan news  Restricted land  Subdivision Officer Amit Chaudhary  Nagaur Municipal Council  Corruption in Nagaur Municipal Council  Former Minister Habibur Rahman
प्रशासन द्वारा जारी हुआ आदेश

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पूर्व मंत्री हबीबुर्रहमान ने कहा कि पूरे मामले की जानकारी प्रदेश सरकार तक पहुंची है. मामले में जो सही और नियमानुसार है वही किया जाएगा. बता दें कि मंत्री अफसर विवाद सामने आया था, यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने अजमेर संभागीय आयुक्त आरुषि मलिक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अजमेर संभागीय आयुक्त द्वारा नागौर नगर परिषद के आयुक्त जोधाराम को आदर्श आचार संहिता के दौरान नियमन करने पर नोटिस देने और एसीबी में रिपोर्ट भेजने पर धारीवाल ने कड़ी आपत्ति करते हुए तल्ख टिप्पणी की है. धारीवाल ने फाइल पर तल्ख टिप्पणियां करते हुए मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर संभागीय आयुक्त को भविष्य में इस तरह की कार्रवाई करने से रोकने की हिदायत दी है.

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