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बाल श्रमिक रखने वालों पर हो कड़ी कार्रवाई, नागौर जिला बाल भिक्षावृति से होगा मुक्त

नागौर में सोमवार को बाल संरक्षण को लेकर जिला बाल संरक्षण इकाई की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में बाल श्रम पर अंकुश लगाने और इससे जुड़े कानूनों और विभिन्न विभागों की ओर से बाल श्रम के खिलाफ की गई कार्रवाईयों की समीक्षा की गई.

नागौर की ताजा हिंदी खबरें, Review meeting of District Child Protection Unit
बाल श्रमिकों को रखने वालों पर होगी कार्रवाई
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Published : Mar 22, 2021, 7:05 PM IST

नागौर. जिले में सोमवार को नागौर जिला कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी की अध्यक्षता में जिला बाल संरक्षण इकाई की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में बाल श्रम पर अंकुश लगाने और इससे जुड़े कानूनों और विभिन्न विभागों की ओर से बाल श्रम के खिलाफ की गई कार्रवाईयों की समीक्षा की गई.

जिला कलेक्टर डॉ. सोनी ने बाल श्रम निवारण से जुड़े अधिकारियों से कहा कि वे जिले में जहां भी बाल श्रम से जुड़े कार्यों में बच्चों को काम में लगाते हैं तो उन पर कड़ी दृष्टि रखी जाए, क्योंकि वे लोग नैतिकता से बच्चों के साथ इस मामले में अन्याय कर रहे हैं. वो लोग अपने तुच्छ स्वार्थ के लिए बच्चों को शिक्षा से न केवल वंचित कर उनको योग्य नागरिक बनाने के हक को समाप्त कर रहे हैं, बल्कि उन बच्चों में अच्छे संस्कार भी पनपाने में रोड़ा अटका रहे हैं. ऐसे व्यापारी और घरेलू काम कराने वाले लोग जो बालकों को बिना किसी दस्तावेज के रखे हुए हैं उन पर कानूनी कार्रवाई भी करें.

डॉ. सोनी ने बैठक के दौरान कहा कि बच्चे चाहे भारत के हो या नेपाल के या अन्य किसी के क्षेत्र के उन्हें बाल श्रम से मुक्ति मिलनी ही चाहिए. ऐसे लोग जो बाल श्रम को बढ़ावा देते हैं और बच्चों को शिक्षा से वंचित रखते हैं उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए. इसके लिए जिले में इस प्रकार का अभियान चलाया जाए जहां बालकों से श्रम कराया जा रहा हो, वो नेपाली मूल के बाल श्रमिक ही क्यों ना हो बल्कि भारतीय बच्चों के लिए भी उनके संरक्षण पर विशेष कार्रवाई करने पर बल दिया.

पढ़ें- बस्सी में चोरी के मोटरसाइकिल के साथ 2 वाहन चोर चढ़े पुलिस के हत्थे

बैठक में बाल कल्याण समिति नागौर के अध्यक्ष मनोज सोनी ने प्रस्ताव रखा की जिले में बाल भिक्षावृति में लगें ऐसे बच्चों के बारे में एक अभियान चलाकर भिक्षावृति में लगे बच्चों के पुनर्वास की स्थिति में लाकर नागौर जिले को बाल भिक्षावृति से मुक्त करवाया जाए. इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए जिला कलेक्टर डॉ. सोनी ने जिले में भर शीघ्र ही बाल भिक्षावृति को समाप्त करने के लिए अभियान चलाया जाएगा और इस कार्य में लिप्त बच्चों के पुनर्वास के लिए समुचित प्रयास किए जाएंगे.

बैठक में किशोर न्याय बोर्ड सदस्य राजलक्ष्मी आचार्य एवं अखाराम, उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग सिकराम राम, सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई एवं बाल अधिकारीता विभाग किशनाराम लोल, एडीईओ सुरेश कुमार, श्रम निरीक्षक नागौर मूलचन्द, चाइल्ड हैल्प लाईन कॉर्डीनेटर हेमन्त सैनी, कनिष्ठ सहायक डिसीपीयू राम भक्त आदि उपस्थित रहे.

नागौर. जिले में सोमवार को नागौर जिला कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी की अध्यक्षता में जिला बाल संरक्षण इकाई की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में बाल श्रम पर अंकुश लगाने और इससे जुड़े कानूनों और विभिन्न विभागों की ओर से बाल श्रम के खिलाफ की गई कार्रवाईयों की समीक्षा की गई.

जिला कलेक्टर डॉ. सोनी ने बाल श्रम निवारण से जुड़े अधिकारियों से कहा कि वे जिले में जहां भी बाल श्रम से जुड़े कार्यों में बच्चों को काम में लगाते हैं तो उन पर कड़ी दृष्टि रखी जाए, क्योंकि वे लोग नैतिकता से बच्चों के साथ इस मामले में अन्याय कर रहे हैं. वो लोग अपने तुच्छ स्वार्थ के लिए बच्चों को शिक्षा से न केवल वंचित कर उनको योग्य नागरिक बनाने के हक को समाप्त कर रहे हैं, बल्कि उन बच्चों में अच्छे संस्कार भी पनपाने में रोड़ा अटका रहे हैं. ऐसे व्यापारी और घरेलू काम कराने वाले लोग जो बालकों को बिना किसी दस्तावेज के रखे हुए हैं उन पर कानूनी कार्रवाई भी करें.

डॉ. सोनी ने बैठक के दौरान कहा कि बच्चे चाहे भारत के हो या नेपाल के या अन्य किसी के क्षेत्र के उन्हें बाल श्रम से मुक्ति मिलनी ही चाहिए. ऐसे लोग जो बाल श्रम को बढ़ावा देते हैं और बच्चों को शिक्षा से वंचित रखते हैं उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए. इसके लिए जिले में इस प्रकार का अभियान चलाया जाए जहां बालकों से श्रम कराया जा रहा हो, वो नेपाली मूल के बाल श्रमिक ही क्यों ना हो बल्कि भारतीय बच्चों के लिए भी उनके संरक्षण पर विशेष कार्रवाई करने पर बल दिया.

पढ़ें- बस्सी में चोरी के मोटरसाइकिल के साथ 2 वाहन चोर चढ़े पुलिस के हत्थे

बैठक में बाल कल्याण समिति नागौर के अध्यक्ष मनोज सोनी ने प्रस्ताव रखा की जिले में बाल भिक्षावृति में लगें ऐसे बच्चों के बारे में एक अभियान चलाकर भिक्षावृति में लगे बच्चों के पुनर्वास की स्थिति में लाकर नागौर जिले को बाल भिक्षावृति से मुक्त करवाया जाए. इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए जिला कलेक्टर डॉ. सोनी ने जिले में भर शीघ्र ही बाल भिक्षावृति को समाप्त करने के लिए अभियान चलाया जाएगा और इस कार्य में लिप्त बच्चों के पुनर्वास के लिए समुचित प्रयास किए जाएंगे.

बैठक में किशोर न्याय बोर्ड सदस्य राजलक्ष्मी आचार्य एवं अखाराम, उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग सिकराम राम, सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई एवं बाल अधिकारीता विभाग किशनाराम लोल, एडीईओ सुरेश कुमार, श्रम निरीक्षक नागौर मूलचन्द, चाइल्ड हैल्प लाईन कॉर्डीनेटर हेमन्त सैनी, कनिष्ठ सहायक डिसीपीयू राम भक्त आदि उपस्थित रहे.

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